Sliderउत्तर प्रदेशट्रेंडिंगन्यूज़बड़ी खबरमहाकुंभ 2025राज्य-शहर

Dharam Sansad at Mahakumbh 2025: सनातन बोर्ड बनाने का प्रस्ताव पारित, लेकिन अखाड़े और शंकराचार्य रहे इससे दूर

प्रयागराज महाकुंभ में शांति सेवा शिविर में आयोजित चतुर्थ सनातन धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन का मसौदा प्रस्तुत किया गया। वहां मौजूद धर्मगुरुओं ने मसौदा प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लेकिन इसमें बड़े संतों के शामिल न होने से कई पेचीदगियां पैदा हो गई हैं।

Dharam Sansad at Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित चौथी सनातन धर्म संसद में सोमवार को सनातन बोर्ड के गठन का मसौदा तैयार किया गया। सनातन न्यास सेवा संस्थान के अध्यक्ष और कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने संसद में ‘सनातन बोर्ड’ का मसौदा पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। देवकीनंदन ठाकुर का कहना है कि इस मसौदे को धर्म संसद में मौजूद सभी संतों का समर्थन प्राप्त है।

प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित सनातन धर्म संसद का उद्घाटन जगतगुरु श्री राघवाचार्य जी महाराज एवं देवकीनंदन ठाकुर ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।

पढ़े : कांग्रेस हिंदुओं की आस्था का उड़ा रही मजाक…खड़गे के डुबकी लगाने वाले बयान पर बीजेपी

क्या है सनातन बोर्ड का मसौदा?

सनातन बोर्ड के गठन के प्रस्ताव में कहा गया है कि नए कानून का नाम हिंदू अधिनियम 2025 होगा। सनातन हिंदू बोर्ड की स्थापना एक स्वतंत्र निकाय के रूप में की जाएगी। इसमें 11 सदस्यों का बोर्ड होगा, जिसमें चारों संप्रदायों के प्रमुख जगतगुरु शामिल होंगे और तीन सदस्य सनातनी अखाड़ों के प्रमुख होंगे। एक सदस्य संरक्षक मंडल द्वारा नामित किया जाएगा और तीन सदस्य प्रमुख संत, कथावाचक और धर्मगुरु होंगे।

सनातन बोर्ड का काम मठ-मंदिरों को सरकार से मुक्त कराना, मठ-मंदिरों में गौशाला और गुरुकुल की स्थापना करना, मंदिरों में पुजारी नियुक्त करना, सनातन धर्म से जुड़े गरीब परिवारों को आर्थिक मदद देना और लव जिहाद और धर्मांतरण को रोकने के लिए काम करना होगा।

पढ़े ताजा अपडेटNewswatchindia.comHindi NewsToday Hindi News, Breaking

अखाड़े और शंकराचार्य नहीं थे मौजूद

अखाड़ों और शंकराचार्यों ने खड़ी की समस्या इस बैठक में बोर्ड के मसौदे का प्रस्ताव तो पास हो गया लेकिन इसमें एक बड़ी समस्या सामने आ गई है। जिससे इसकी उपयोगिता पर सवाल खड़े हो गए हैं। बैठक में अखाड़ों और चारों शंकराचार्यों की अनुपस्थिति ने सवाल खड़ा कर दिया है कि इस बैठक के प्रस्ताव का क्या महत्व रह जाएगा, जब अखाड़ों और शंकराचार्य ही इसमें शामिल नहीं हुए। अखाड़ों का कहना है कि आयोजकों के साथ उनकी बैठक अभी तक नहीं हुई है, शंकराचार्य इस मुद्दे पर तटस्थ हैं। सरकार भी इस मुद्दे में रुचि लेती नहीं दिख रही है।

Latest ALSO New Update Uttar Pradesh Newsउत्तराखंड की ताज़ा ख़बर

संसद में ये संत थे मौजूद

इस अवसर पर जगतगुरु श्री राघवाचार्य जी महाराज, जगद्गुरु विद्या भास्कर जी महाराज, जगद्गुरु वल्लभ दास जी महाराज, साध्वी सरस्वती जी, जगद्गुरु श्री राघवाचार्य जी महाराज, जगद्गुरु श्री वल्लभाचार्य जी महाराज, साध्वी प्राची देवी जी, महामंडलेश्वर अरुण चैतन्यपुरी जी महाराज, उपस्थित थे। महंत श्री राजू दास जी महाराज, पूज्य मेवाड़ पीठाधीश्वर श्री श्री 1008 सुदर्शनाचार्य जी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी वेदमूर्ति जी महाराज, पूज्य श्री विकास जी महाराज (वृंदावन), स्वामी श्री रामदास जी महाराज (वलसाड), सिख संत बाबा हरजीत सिंह (अयोध्या), श्री अर्पित दास जी महाराज और आदरणीय जैन आचार्य जितेंद्र जैन मुनि जी।

इनके अलावा जगद्गुरु सूर्याचार्य कृष्णदेवानंद गिरि जी महाराज, स्वामी कृष्णदेवानंद जी महाराज, स्वामी बलरामाचार्य जी महाराज (अक्षरधाम वृन्दावन), महामंडलेश्वर संतोष दास जी महाराज, सतुआ बाबा जी, बाल योगी जी महाराज, युवाचार्य अभय दास जी महाराज, साध्वी डॉक्टर प्राची दीदी जी, महामंडलेश्वर स्वामी आशुतोषानंद गिरि जी महाराज, महामंडलेश्वर नवल किशोर दास जी महाराज, पीठाधीश्वर अनल किशोर दास जी महाराज, स्वामी सत्य प्रकाशानंद सरस्वती जी महाराज और स्वामी सुरेशानंद दास जी महाराज (बद्रीनाथ धाम) भी मौजूद रहे।

Political News: Find Today’s Latest News on PoliticsPolitical Breaking News, राजनीति समाचार, राजनीति की खबरे from India and around the World on News watch india.

Follow Usहिंदी समाचारBreaking Hindi News Live  में सबसे पहले पढ़ें News watch indiaपर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट न्यूज वॉच इंडिया न्यूज़ लाइवपर पढ़ें बॉलीवुडलाइफस्टाइल, न्यूज़ और Latest soprt Hindi News, से जुड़ी तमाम ख़बरें  हमारा App डाउनलोड करें। YOUTUBE National। WhatsApp Channels FACEBOOK । INSTAGRAM। WhatsApp Channel। TwitterNEWSWATCHINDIA 24×7 Live TV

Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button