Nalanda University News Updates: भारत के कॉलेज और विश्वविद्यालय आज भले ही विश्व के टॉप शैक्षणिक संस्थाकपनों में शामिल न हो, लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब यह देश विश्व में शिक्षा का प्रमुख केंद्र था। भारत में ही दुनिया का पहला आवासीय विश्वविद्यालय खुला था, जिसे हम नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) के नाम से जानते हैं। 450 ई. में इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। प्राचीन भारत में, अकादमिक शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध केंद्र नालंदा विश्वविद्यालय था।
पाँचवीं शताब्दी में गुप्त युग के दौरान, कुमारगुप्त प्रथम ने ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की। इतिहास का दावा है कि 1193 में बख्तियार खिलजी के आक्रमण के बाद यह नष्ट हो गया था। कहा जाता है कि, आक्रमण के दौरान यहां पर आग लगा दी गई। उस समय नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में इतनी किताबें थीं कि कई सप्तादह तक आग नहीं बुझ पाई।
इस आक्रमण में यहां कार्य करने वाले कई धर्माचार्य और बौद्ध भिक्षुओं को भी मार डाला गया था। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) का पूरा परिसर एक विशाल दीवार से घिरा हुआ था, जिसमें प्रवेश के लिए एक मुख्य द्वार था। उत्तर से दक्षिण तक मठों की कतारें थीं जिनके सामने असंख्य भव्य स्तूप और मंदिर थे। जिन मंदिरों में पहले भगवान बुद्ध की उत्कृष्ट मूर्तियाँ थीं, उन्हें अब ध्वस्त कर दिया गया है।
नालंदा विश्वविद्यालय (Nalanda University) की दीवारों के अवशेष आज भी इतनी चौड़ी हैं कि इनके ऊपर ट्रक भी चलाया जा सकता है। patna से 90 km और बिहार शरीफ से करीब 12 km दूर दक्षिण में आज भी इस विश्व प्रसिद्ध प्राचीन बौद्ध विश्वविद्यालय के खंडहर स्थित है। आइये जानते है इस महान विश्वविद्यालय के बारे में 15 रोचक तथ्यप।
नालन्दा विश्वविद्यालय के बारे में रोचक जानकारी
वास्तुकला का एक महान उदाहरण नालन्दा विश्वविद्यालय (Nalanda University) है। आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि इस विश्वविद्यालय में 300 कमरे हैं, जिनमें 7 बड़े कमरे और एक विशाल 9 मंजिला अध्ययन पुस्तकालय है। इसमें एक समय में 3 लाख से अधिक पुस्तकें शामिल थीं।
तक्षशिला के बाद, नालंदा को दुनिया का दूसरा सबसे पुराना विश्वविद्यालय माना जाता है। इसके अलावा, 800 वर्षों से अस्तित्व में रहने के बाद, आवासीय परिसर का आकार लेने वाला यह पहला विश्वविद्यालय है।
इस विश्वविद्यालय में छात्रों को योग्यता के आधार पर प्रवेश दिया जाता था और उन्हें निःशुल्क शिक्षा प्राप्त होती थी। इसके अतिरिक्त उन्हें निःशुल्क आवास और भोजन भी प्राप्त हुआ।
इस संस्थान में कभी 10,000 छात्र नामांकित थे, 2700 से अधिक शैक्षणिक सदस्य उन्हें पढ़ाते थे।
भारत के विद्यार्थियों के अलावा, नालंदा ने कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, ईरान, ग्रीस और मंगोलिया के छात्रों को भी नामांकित किया।
पाँचवीं शताब्दी में गुप्त सम्राट कुमारगुप्त ने नालन्दा की स्थापना की। प्रसिद्ध सम्राट हर्षवर्द्धन और पाल राजाओं ने भी इस ओर ध्यान दिया। इसकी पुष्टि नालंदा में खुदाई के दौरान पाई गई समान मुद्राओं से भी होती है।
इस विश्वविद्यालय की स्थापना आध्यात्मिकता और ध्यान के लिए स्थान प्रदान करने के इरादे से की गई थी। यह भी कहा जाता है कि गौतम बुद्ध ने कई बार यहां ध्यान किया था।
इतिहास के अनुसार, नालन्दा विश्वविद्यालय में एक पुस्तकालय था जिसे “धर्म गुंज” कहा जाता था। ‘सत्य का पर्वत’ यही दर्शाता था। पुस्तकालय में नौ मंजिलें थीं और इसे तीन खंडों में विभाजित किया गया था: “रत्नरंजक,” “रत्नोदधि,” और “रत्नसागर।”
नालंदा में छात्रों को लिटरेचर, एस्ट्रोलॉजी, साइकोलॉजी, लॉ, एस्ट्रोनॉमी, साइंस, वारफेयर, इतिहास, मैथ्स, आर्किटेक्टर, लैंग्वेमज साइंस, इकोनॉमिक, मेडिसिन समेत कई विषयों को पढ़ाया जाता था।
यह विश्वविद्यालय धर्मपाल, हर्षवर्द्धन, वसुबंधु, धर्मकीर्ति, आर्यवेद और नागार्जुन सहित कई प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों का घर था।
नालंदा यूनिवर्सिटी (Nalanda University) का इतिहास चीन के हेनसांग और इत्सिंग ने खोजा था। ये दोनों 7वीं शताब्दी में भारत आए थे। इन दोनों ने चीन लौटने के बाद नालंदा के बारे में विस्ताेर से लिखा और इसे विश्व का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय बताया।
नालंदा यूनिवर्सिटी की एक खास बात यह थी कि, यहां लोकतान्त्रिक प्रणाली से सभी कार्य होता था। कोई भी फैसला सभी की सहमति से लिया जाता था। यानि की, सन्यासियों के साथ अध्यापक और स्टूडेंट्स भी अपनी सलाह देते थे।
खुदाई करते समय यहां 1.5 लाख वर्ग फीट में नालंदा nalanda university के अवशेष मिले हैं। ऐसा कहा जाता है कि ये केवल यूनिवर्सिटी का 10% हिस्सा ही है।
nalanda शब्द संस्कृत के 3 शब्द ना +आलम +दा के संधि-विच्छेद से बना है। इसका अर्थ ‘ज्ञान रूपी उपहार पर कोई प्रतिबंध न रखना’ से है।
नालंदा की तर्ज पर नई nalanda university बिहार के राजगीर में बनाई गई है। इसे 25 नवंबर, 2010 को स्थापित किया गया।