Political News: विपक्षी एकता की कहानी अजब है। पहले सब मिलते हैं। फोटो खिंचवाते है और फिर एक दूसरे पर हमला करते दीखते हैं। यह हमारी भारतीय राजनीति का असली चेहरा है। चरित्रहीन राजनीति भला कब किसी की होती है ! पाला बदलना और धोखा देना ही राजनीति की पहली पढ़ाई होती है। और नेता की कहानी को क्या कहा जाए ! देश में कोई ऐसा नेता है जिस पर आप यक़ीन कर सकें ? अविश्वासी नेता हमेशा विश्वास जगाने की बात करता है। लोभी जनता ठगिनी रजनीति पर लट्टू रहती है।
इधर का खेल कुछ गजब का है। पिछले की महीनो से विपक्षी एकता की हवा खूब चल रही है। कल तक जो एक दूसरे को गरिया रहे थे अब एक होंगे। यही तो खा जा रहा है। कल तक जो एक दूसरे को फूटी आंख नहीं देखना चाहते थे आज दोस्ती की बातें कर रहे हैं। यह गजब ही तो है। कहा जा रहा है कि सब एक होकर बीजेपी को हरा देंगे। बीजेपी भी खिलाडी पार्टी है। उसके इतिहास को देखिये तो पता चलेगा कि उसका अपना कुछ भी नहीं है लेकिन वह देश -दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहलाने से खुश ही। भारत की राजनीति में इस पार्टी की आज भी दबदबा तो है लेकिन सच यह भी है कि इसमें क्षरण भी हो रहा है। बीजेपी धीरे -धीरे सिमटती भी जा रही है। की रज्यों में उसकी सरकार तो कहलाती है लेकिन वह उसकी अपनी सरकार नहीं है। उधार की सिंदूर वाली सरकार है। और सबसे बड़ी बात कि बीजेपी आज जो भी दिख रही है उसमे आयातित नेतों की भागीदारी ज्यादा है। ऊपर से मोदी और शाह जैसे नेता बीजेपी को मिल गए। बीजेपी बलवान होती चली गई। राजनीति के जीतने गुड़ आज की बीजेपी के पस मौजूद है उस गुड़ को अटल -आडवाणी की रजनीति अनैतिक मानती थी। खैर बात विपक्षी एकता के भीतर जारी खेल की हो रही है।
एक तरफ नीतीश कुमार विपक्षी एकता को साधने के लिए दौरा पर दौरा कर रहे हैं। आज उनकी यात्रा ओडिशा की है। वहाँ उनकी मुलाकत नवीन पत्न्याक से होनी है ताकि विपक्षी एकता को धार दी जा सके। नवीन पटनायक समाजवादी रहे हैं और नीतीश कुमार के ख़ास दोस्त भी हैं लेकिन उनका झुकाव हमेशा बीजेपी की तरफ ही रहा है। अभी वे न्यूट्रल हैं। उनकी राजनीति आगे क्या होगी इसी का टोह लेने नीतीश कुमार ओडिश की यात्रा पर निकले हैं। फिर उनकी यात्रा मुंबई की होनी है। मुंबई में नीतीश की मुलाकात उद्धव से होगी और फिर शरद पवार के साथ कर आगे की रणनीति पर भी बात करेंगे। खेल यही है कि अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देना है। और इसके लिए सबको साथ होना जरुरी है।
लेकिन दूसरा खेल काफी मनोरंजक है।आम आदमी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे को नंगा करने पर तुली है। कोई किसी से परहेज नहीं कर रहा। कांग्रेस दिल्ली की आप सरकार को सबसे भ्रष्ट तो बता ही रही है ,शारब घोटाले पर भी आप नेताओं को पानी पीला रही है। उधर आप भी छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल रही है। आप ने सौरभ भरद्वाज ने आरोप लगया है कि छत्तीसगढ़ की बघेल सरकर में बड़ा शराब घोटला हो रहा है। उन्होंने बहुपक्ष भघेल को भ्रष्ट सरकार घोषित किया है। जाँच की मांग भी की गई है। अब नीतीश कुमार इसमें की करेंगे। पिछले दौरे में उन्होंने केजरीवाल से मुलकात की थी। एकता की बात हुई थी। कांग्रेस नेताओं से भी मिले थे। एकता को आगे बढ़ाने का पैगाम मिला था। लेकिन अब खेल हो रहा है। इस खेल में बीजेपी को मजा आ रहा है। बीजेपी यही तो चाहती है।
आप के लोगों ने दावा किया है कि छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ का शारब घोटला किया गया है। सौरभ भरद्वाज ने कहा कि इतना बड़ा घोटाला वगैर सीएम की सहमति से संभव नहीं। ऐसे में उनकी गिरफ्तरी होनी चाहिए। भरद्वाज ने यह भी कहा कि इस ममले में ईडी राहुल गाँधी से भी पूछताछ करे क्योंकि छत्तीसगढ़ के सीएम बघेल रहल के खास हैं।
इधर दिल्ली में कांग्रेस नेता अजय माकन ने केजरीवल को घेरा है। केजरीवाल के सरकारी बंगले के आधुनिकीकरण पर खर्च हुए 45 करोड़ पर हमला किया है। इस हमले के बाद आगे की राजनीति क्या होगी और विपक्षी एकता क हश्र क्या होगा इसका अनुमान कोई भी लग सकता है। उधर ममता भी फिर कांग्रेस पर आग बबूला हो रही है। इस खेल को समझना कठिन है। तभी तो कहा जा रहा है कि ठगिनी राजनीति में हम सब जीने को अभिशप्त हैं।