न्यूज़राजनीति

फिर राहुल और वरुण के एक की कहानी सामने आई !

Rahul Gandhi News (Kedarnath): पिछले दिनों राहुल गांधी और वरुण गांधी केदारनाथ की यात्रा पर गए और मिले भी। यह यात्रा प्रायोजित थी या नेचुरल थी यह तो किसी को पता नहीं है लेकिन खाने वाले कहते हैं कि कहानी जो भी हो दोनो भाइयों को मुलाकात हुई है और खूब हुई है। इस लंबी मुलाकात में कई तरह को बात भी हुआ है। इस बात में कई नीतिगत बातें भी हुई है। और कुछ लोग तो यह भी कह रहे हैं कि दोनो भाइयों में अश्रु प्रेम भी हुआ है। सच क्या है यह किसको पता है। असली सच तो राहुल को ही पता है या फिर वरुण गांधी को या फिर दोनो के परिवार और खास जनों को।

लेकिन एक बात साफ जो गया है कि दोनो भाई मिले है और कुछ बातें हुई है। अब सवाल है कि क्या दोनो भाइयों का मिलन होगा ? क्या दोनो भाई एक मंच पर विराजेंगे ? क्या दोनो भाई कांग्रेस की राजनीति को आगे बढ़ाएंगे और क्या वरुण गांधी बीजेपी को छोड़ देंगे ?

Also Read: Latest Hindi News Politic’s Rahul Gandhi Varun Gandhi Meeting | Political Samachar Today in Hindi Congress

राजनीति में कुछ भी हो सकता है। कोई किसी का नही और कोई सबका हो सकता है। यह सब समय ,परिस्थिति और हालत पर निर्भर करता है। वरुण की अगली राजनीति क्या होगी यह नही जानता। लेकिन राजनीति में सबकुछ होता है यह सबको पता है। अब जहां तक वरुण गांधी की बात है उनके बारे में यह कहा जा सकता है कि बीजेपी उनकी नेचुरल पार्टी न पहले थी और न ही आज है। चुकी उन्हे और उनकी माता मेनका गांधी को कांग्रेस से अलग राजनीति करनी थी इसलिए उन्होंने बीजेपी का सहारा लिया बीजेपी भी इस बात को जानती है कि वरुण और मेनका के लिए बीजेपी नेचुरल पार्टी नही है। लेकिन बीजेपी यह भी जानती है की वरुण और मेनका ने बीजेपी। की खातिर कांग्रेस और गांधी परिवार पर भी कई प्रहार किए है।

वरुण ने हार्ड हिंदुत्व की भी बातें की है जो कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ रही है। इसके अलावा भी बीजेपी के लिए वरुण और मेनका ने अपने घरेलू संबंधो को भी कमजोर किया है। कहने को वरुण मृहुल और प्रियंका तीनों भाई बहन है लेकिन रिश्ते इतने मजबूत नही रहे जितने होने चाहिए थे। संबंध बिगड़ते गए और बीजेपी की राजनीति में वरुण और मेनका आगे बढ़ती चली गई।
लेकिन गांधी परिवार की अपनी एक जीवन शैली है। देश और समाज के प्रति एक अलग डांस और समझ भी है। जब वरुण को यह एहसास हुआ कि बीजेपी जो कर रही है वह इस देश का मिजाज नही है। और बीजेपी को जब यह समझ में आया की वरुण की सोच में फर्क आ गया है तभी से बीजेपी ने वरुण के साथ ही उनकी माता मेनका को भी टारगेट करना शुरू किया। यह उस समय की बात है जब मोदी जी केंद्र को राजनीति में आ रहे थे।

Read More News: Latest Hindi News Congress News | Kedarnath News Samachar Today in Hindi Rahul Gandhi Varun Gandhi Meeting

पहली बार 2014 में जब मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने तो इन्होंने मेनका गांधी को मंत्री भी बनाया। शायद उस समय वे कुछ ज्यादा ही खुश थे। उमंग थी। लेलों बाद के वर्षों में जब मोदी और उनके लोगों को लग गया कि वरुण की सोच और समझ बीजेपी से मेल अब नही खा रही है तब मोदी के लोगों ने उन्हें गाडियां पर करना शुरू किया। वरुण से कई जिम्मेदारी ले ली गई। और वरुण भी इसके लिए तैयार हो गए। अब वरुण जानते है कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी शायद ही उन्हे टिकट दे। लेकिन उन्हें राजनीति तो करनी है। चुनाव तो लड़ने है ।चाहे जिस भी पार्टी से लड़े। उनके लिए सभी पार्टियों के द्वार खुले हुए है। लेकिन वरुण के लिए कांग्रेस सबसे सहज पार्टी है।

आगे क्या होगा कोई नही जानता। लेकिन जानकर कह रहे हैं कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद वरुण के बारे में कुछ नई बात सामने आ सकती है। वरुण का कांग्रेस से जुड़ना कोई पार्टीगत मामला तो है नही। यह पारिवारिक मामला है। सोनिया और मेनका के बीच का मामला है। वरुण और राहुल के बीच का मामला है। ऐसे में वरुण कब कांग्रेस में आते है यह सब परिवारों को तय करना है। और यह तय तभी होगा जब दोनो परिवार सहमत हो जायेंगे।

Akhilesh Akhil

Political Editor

Show More

Akhilesh Akhil

Political Editor

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button