Creative Learning Activities: उत्तराखंड के स्कूलों में हर महीने होगा बैगलेस डे, अंतिम शनिवार को पढ़ाई की जगह होंगी रचनात्मक गतिविधियां
उत्तराखंड सरकार ने स्कूलों में हर महीने के अंतिम शनिवार को बैगलेस डे मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन छात्रों को बिना बस्ते के स्कूल आकर रचनात्मक और अनुभवात्मक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा। यह पहल नई शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए लागू की गई है।
Creative Learning Activities: उत्तराखंड के सरकारी और निजी स्कूलों में छात्रों को अब हर महीने एक दिन बिना बैग के स्कूल जाना होगा। शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के सभी स्कूलों में बैगलेस डे की शुरुआत करने का निर्णय लिया है, जिसे इसी शैक्षणिक सत्र से लागू किया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों के मानसिक और रचनात्मक विकास को बढ़ावा देना है, ताकि वे पाठ्यक्रम के दबाव से हटकर व्यावहारिक और कौशल आधारित गतिविधियों में भाग ले सकें।
हर महीने के अंतिम शनिवार को होगा बैगलेस डे
शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, हर महीने के अंतिम शनिवार को स्कूलों में कोई पाठ्यक्रम आधारित पढ़ाई नहीं कराई जाएगी। इस दिन को ‘बैगलेस डे’ के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें छात्रों को किताबें और कॉपियां लाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके स्थान पर छात्रों को विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिलेगा, जो उनके सर्वांगीण विकास को प्रोत्साहित करेंगी।
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शैक्षणिक गतिविधियों की जगह रचनात्मक प्रयोग
बैगलेस डे के दिन शिक्षण कार्य के स्थान पर तीन प्रमुख श्रेणियों की गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा — जैविक (Biological), मशीनी (Mechanical), और मानवीय (Humanitarian) गतिविधियां। इन गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को जीवन कौशल, नैतिक मूल्य, सामाजिक व्यवहार, और पर्यावरण के प्रति जागरूकता जैसे पहलुओं से परिचित कराया जाएगा। यह पहल बच्चों को शिक्षा के परंपरागत ढांचे से हटाकर अनुभव आधारित शिक्षण की ओर ले जाने में मदद करेगी।
एससीईआरटी ने तैयार की गतिविधि पुस्तिका
इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए उत्तराखंड राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने एक विस्तृत गतिविधि पुस्तिका तैयार की है। इस पुस्तिका का विमोचन शिक्षा मंत्री द्वारा किया गया और इसे सभी बोर्ड — CBSE, ICSE, भारतीय शिक्षा बोर्ड, संस्कृत शिक्षा बोर्ड और मदरसा बोर्ड — में ई-फॉर्मेट में उपलब्ध कराया जाएगा। यह पुस्तिका बैगलेस डे पर कराई जाने वाली गतिविधियों का दिशा-निर्देश प्रदान करेगी।
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नई शिक्षा नीति के अनुरूप है यह पहल
बैगलेस डे की यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के अनुरूप है, जिसमें विद्यार्थियों की भागीदारी, रचनात्मकता, और कौशल विकास को प्राथमिकता दी गई है। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस प्रकार के बदलाव न केवल बच्चों को पढ़ाई के तनाव से राहत देंगे, बल्कि उनके व्यक्तित्व विकास में भी सहायक होंगे।
कार्यांवयन के लिए सुदृढ़ निगरानी प्रणाली
इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए राज्य स्तर पर एक मजबूत निगरानी तंत्र भी तैयार किया गया है। ब्लॉक स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी, जिला स्तर पर मुख्य शिक्षा अधिकारी और राज्य स्तर पर शिक्षा महानिदेशक को नोडल अधिकारी के रूप में नामित किया गया है।
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समग्र विकास की ओर एक सकारात्मक कदम
बैगलेस डे केवल एक दिन की छुट्टी नहीं, बल्कि बच्चों के रचनात्मक विकास की दिशा में एक नया कदम है। यह पहल बच्चों को स्कूल के माहौल में आनंदपूर्वक सीखने की आज़ादी देगी और उन्हें सामाजिक, पर्यावरणीय और तकनीकी दृष्टिकोण से जागरूक बनाएगी। राज्य सरकार की यह पहल भविष्य की शिक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और जीवन से जुड़ी बनाने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास के रूप में देखी जा रही है।
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