अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में मिला था इस ‘महाराजा’ को विशेष न्यौता, यहां पढे इस वंशज की पूरी कहानी
Ayodhya Ram Mandir : जयपुर के पूर्व राजपरिवार के महाराजा (उपाधि) पद्मनाभ सिंह अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में हुए रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने के लिए पहुंचे। देश के अलग-अलग हिस्सों से विशिष्ठ अतिथि और साधु संत भी इस समारोह में शामिल हुए हैं। पद्मनाभ सिंह भगवान श्रीराम (Ayodhya Ram Mandir) की वंशावली में 309वें वंशज हैं।
अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में हुए रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत करने के लिए जयपुर के पूर्व राजपरिवार के महाराजा (उपाधि) पद्मनाभ सिंह भी अयोध्या पहुंचे। देश के अलग अलग हिस्सों से कई विशिष्ठ अतिथि और साधु संत इस ऐतिहासिक समारोह में हिस्सा लेने अयोध्या पहुंचे हैं। पद्मनाभ सिंह भी अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) पहुंचकर इस भव्य समारोह के साक्षी बने। हालांकि पद्मनाभ सिंह सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव नहीं रहते लेकिन उनके अयोध्या पहुंचने का एक फोटो सोशल मीडिया (social media) वायरल हुआ है।
श्रीराम के वंशज हैं पद्मनाभ सिंह
पूर्व राजपरिवार सदस्य और वर्तमान में प्रदेश की डिप्टी CM दीया कुमारी ने 4 साल पहले यह दावा किया था कि उनका परिवार भगवान श्रीराम (Ayodhya Ram Mandir) का वंशज है। उन्होंने वंशावली पेश करते हुए कहा था कि श्रीराम के वंशज होने की यह बात इतिहास के पन्नों में दर्ज है। श्रीराम के बड़े बेटे कुश के नाम से ख्यात कच्छवाहा/कुशवाहा वंश है। मौजूदा उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के परिवार भी इसी कच्छवाहा/कुशवाहा वंश का है। महाराजा की उपाधि प्राप्त पद्मनाभ सिंह दीया कुमारी के बेटे हैं।
वंशावली में क्रम संख्या 307 पर पूर्व महाराजा भवानी सिंह का नाम
जयपुर (Jaipur) राज परिवार की वंशावली एक बार फिर सबके सामने है। इस वंशावली को पहली बार वर्ष 2019 में दीया कुमारी ने मीडिया के सामने पेश किया था। इस वंशावली में प्रभु श्रीराम के वंश के सभी पूर्वजों के नाम क्रमवार लिखे हुए हैं। इस में 289 वें वंशज के रूप में जयपुर के पूर्व महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय का नाम है। क्रम संख्या 307 पर वंशज के रूप में पूर्व महाराजा भवानी सिंह का नाम लिखा है।
बालिग होते ही पूर्व राजपरिवार के मुखिया बने पद्मनाभ सिंह
जयपुर (jaipur) राजघराने के पूर्व महाराजा भवानी सिंह ने पुत्र प्राप्ति न होने पर अपने नातिन (दोहिते) पद्मनाभ सिंह को गोद लिया था। 17 अप्रैल 2011 को जयपुर के पूर्व महाराजा भवानी सिंह का निधन हो गया। उन दिनों पद्मनाभ सिंह महज 12 वर्ष के थे। वर्ष 2016 में जब पद्मनाभ सिंह 18 साल के हुए तो उन्हें पूर्व राजपरिवार का उत्तराधिकारी बनाया गया। पद्मनाभ सिंह दीया कुमारी के पुत्र हैं जो कि भवानी सिंह की इकलौती पुत्री हैं।
कुशवाहा वंश के 63वें वंशज थे श्रीराम, दीयाकुमारी 308वीं पीढ़ी
सिटी पैलेस के OSD रामू रामदेव के मुताबिक कच्छवाहा वंश भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम पर बना है। इसे कुशवाहा वंश भी कहा जाता है। इस वंशावली के 62वें वंशज राजा दशरथ, 63 वें वंशज श्रीराम, 64वें वंशज कुश थे। आगे के क्रम में 289 वें वंशज आमेर-जयपुर के सवाई जयसिंह द्वितीय थे। पूर्व महाराजा भवानी सिंह 307 वें वंशज थे और उनकी इकलौती पुत्री दीया कुमारी 308 वीं वंशज है। इसी क्रम से देखा जाए तो महाराजा (उपाधि) पद्मनाभ सिंह 309 वें वंशज हैं।