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Narayan Hari Sakar News: तीन चक्र की सुरक्षा, छूने पर भी मनाही, दलित एंगल…बाबा के 10 राज

Three rounds of security, even touching prohibited, Dalit angle…10 secrets of Baba

Narayan Hari Sakar News: हाथरस में जिस ‘भोले बाबा’ के कार्यक्रम में भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई, उनके देश में कई आश्रम हैं। स्वयंभू बाबा भोले नाथ उर्फ ​​नारायण हरि साकार उर्फ ​​सूरजपाल के मैनपुरी, कानपुर, नोएडा और ग्वालियर में आश्रम हैं। इन आश्रमों में रहने वाले लोग बाबा को इंसान नहीं बल्कि भगवान मानते हैं।

बाबा के 10 राज

‘भोले बाबा’ को जानने वाले एक व्यक्ति के अनुसार उनकी लंबाई करीब 5 फीट 7 इंच है। वे साफ-सफाई का बहुत ध्यान रखते हैं। 12वीं तक पढ़े भोले अच्छी अंग्रेजी बोलते हैं। उन्हें कारों और परफ्यूम का शौक है।

भोले बाबा तक पहुंचना आसान नहीं है। वे किसी भी अनुयायी को अपने को छूने तक नहीं देते थे। वे हमेशा तीन स्तरों के अंगरक्षकों से घिरे रहते थे, जो गुलाबी, भूरे और काले कपड़े पहने होते थे।

बाबा ग्वालियर में भी सत्संग करते थे। बाबा ने यहां तिघरा रोड पर आलीशान आश्रम बना रखा है। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि बाबा अक्सर यहां आकर सत्संग करते थे। यहां कई भक्त आते थे। लेकिन स्वामी हरि किसी पर भरोसा नहीं करते थे। इसलिए वे अपनी सुरक्षा अपने ही सेवादारों से करवाते थे, जो उनके साथ यूपी से आते थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी होती थीं। यूपी से बाबा के साथ गाड़ियों का काफिला आता था।

नारायणी सेना, गरुड़ योद्धा और हरि वाहक चौबीसों घंटे उनकी रक्षा करते थे। गरुड़ योद्धा काले कपड़े पहनते थे, हरि वाहक भूरे रंग की टोपी पहनते थे और नारायणी सेना के लोग गुलाबी कपड़े पहनते थे।

भोले बाबा का दलितों पर गहरा प्रभाव था। उनके ज़्यादातर भाषण सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के इर्द-गिर्द घूमते थे। एससी/एसटी और ओबीसी वर्गों के अलावा मुसलमान भी उनके अनुयायी हैं।

बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह था, वो पहले किसान हुआ करते थे। लेकिन बाद में वो पुलिस में भर्ती हो गए। वो उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर काम करते थे। साल 2000 में उन्होंने हेड कांस्टेबल के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी। हालांकि, बताया जाता है कि हेड कांस्टेबल की नौकरी के दौरान बाबा पर इटावा में यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज हुआ था। जिसके बाद उन्हें पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया और उन्हें जेल भी हुई। जेल से छूटने के बाद उन्होंने प्रवचन देना शुरू कर दिया।

उन्होंने सत्संग के ज़रिए अपनी मौजूदगी दर्ज करानी शुरू की। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2007 में मायावती की अगुआई वाली बीएसपी के सत्ता में आने के बाद ही भोले बाबा की ताकत बढ़ी। कई वरिष्ठ नेता सार्वजनिक कार्यक्रमों में उनके साथ मंच साझा करते थे।

भोले बाबा की आठ साल तक सेवा करने वाले एक युवक ने बताया कि मैं आठ साल तक सेवादार रहा, लेकिन सेवा के बदले में मुझे लाठियों से पीटा जाता था। बाबा अपने एजेंटों के जरिए पैसे लेते थे।

कानपुर के बिधनू इलाके के करसुई गांव में बाबा साकार हरि का आश्रम है। करसुई गांव के लोग आश्रम को लेकर काफी नाराज हैं। गांव वालों के मुताबिक बाबा के आश्रम में गलत काम होते हैं। यहां गलत लोग आते हैं।

एक व्यक्ति ने दावा किया कि कुछ महीने पहले आश्रम से एक लड़की गायब हो गई थी। लोगों का कहना है कि जब आश्रम बन रहा था, तब कहा गया था कि गांव में सड़कें और लाइटें लगेंगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

Written By। Chanchal Gole। National Desk। Delhi

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