रामपुर। सपा ने वरिष्ठ नेता, विधायक आजम खान की एक शर्मनाक कारगुजारी सामने आयी है। आजम खान ने नगर पालिका की सफाई मशीन को कटवाकर उसे अपने जौहर विवि की जमीन में दबवा दिया। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सरकारी सम्पत्ति को नष्ट करने और सबूत मिटाने के इस शर्मनाक कृत्य में शामिल दो लोगों ने चालू हालत में सफाई मशीन को काटकर उसे जमीन में दबाने का स्वीकर किया था। इन दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने जौहर विश्व विद्यालय के परिसर को जेसीबी मशीन के खुदवाया।
आजम सहित सात के खिलाफ मामला दर्ज
पुलिस को जौहर विवि की जमीन के नीचे से सफाई मशीन के कटे हुए पुर्जे बरामद हुए। इसके बाद पुलिस ने सपा विधायक आजम खान, उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। इस सबके विरुद्ध आईपीसी की धारा 409, 120बी, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम (1984) की धारा 2 व 3 के तहत केस दर्ज हुआ है।
करीबियों ने ही किया करतूत का खुलासा
इस बात का खुलासा उस समय हुआ, जब आजम खान के दो करीबी लोगों को पुलिस ने जुआ खेलते धर दबोचा था। पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो बातों-बातों में आजम की इस करतूत का पता चला। सपा सरकार में नगर पालिका ने सफाई कई मशीनें खरीदीं थी। इनमें एक मशीन को आजम खान ने अपने जौहर विश्वविद्यालय में मंगवा लिया था। नगर निगम कर्मचारी विश्वविद्यालय में ही इस मशीन का प्रयोग करते थे।
मशीन वापस करने की बजाय उसे कटवाने की साजिश रची
जब प्रदेश में योगी सरकार बनी तो इस मशीन को नगर पालिका को वापस करने की बजाय जौहर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मोहम्मद आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, विवि के उप कुलपति सुल्तान मोहम्मद खां ने तत्कालीन रामपुर के पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां के साथ मिलकर अनवार, सालिम और कैंटीन संचालक तालिब से उस मशीन को कटवा दिया। इसके पुर्जों को विश्वविद्यालय की जमीन में ही गड्ढा करके दबा दिया।
यह भी पढेंः CM पुष्कर सिंह धामी बोले- उत्तराखंड में शीघ्र लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड
इस मामले का खुलासा होने पर विश्वविद्यालय परिसर की खुदाई करवाकर काटी गयी मशीन के पुर्जे बरामद कर लिये गये। इस मामले में बाकर अली खां की तहरीर पर आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अजहर खां, सुल्तान अहमद खां, अनवार हुसैन, सालिम और तालिब के खिलाफ रिपोर्ट लिखवायी है।
आजम के खिलाफ पहले से दर्ज हैं 93 मुकदमें
बता दें कि आजम खां के खिलाफ पहले से ही 93 मुकदमें दर्ज हैं। इन सभी में वे जमानत पर हैं। अब नया मामला दर्ज होने पर उन्ही गिरफ्तारी होने की स्थिति में जमानत करानी पड़ सकती है। वे कुछ माह पूर्व की दो साल से अधिक जेल में रहने के बाद सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए हैं। इस केस के बाद उनकी मुसीबत और बढ गयी है।