नई दिल्ली। बृहस्पतिवार को टेरर फंडिंग (Terror Funding) मामले में देश भर में बड़े पैमाने पर कार्रवाई की। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 11 राज्यों में PFI के कार्यालयों, इससे जुड़ें लोगों के घरों और ठिकानों पर छापे मारी की। NIA अब तक टेरर फंडिंग में संलिप्ता वाले 106 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
आतंक फैलाने के लिए धन जुटाने के पुख्ता सबूत
राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय को आतंक फैलाने के लिए धन जुटाने के सबूत मिले थे। इसमें पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की सबसे बड़ी भूमिका पायी गयी। एनआईए की रडार पर आयी पीएफआई की गतिविधियों क कामकाज पर नजर रखी गयी। टेरर फंडिंग में पीएफआई के पुख्ता प्रमाण मिलने पर इससे जुड़े लोगों पर कानूनी शिंकजा कसा गया है।
NIA ने हैदराबाद स्थित पीएफआई के कार्यालय को सील कर दिया है। इसके साथ ही पीएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष ई. अबू बकर, उपाध्यक्ष पीपी नजरुद्दीन, राष्ट्रीय सचिव अनीस अहमद, कोषाध्यक्ष पी कोपा के घरों पर छापेमारी हुई। इन सबको हिरासत में लिया गया है। PFI के दिल्ली के अध्यक्ष परवेज अहमद, उसके सहयोगी इलियास को भी बंदी बनाया गया है।
सबसे ज्यादा लोग केरल से गिरफ्तार
NIA और प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उत्तर प्रदेश से 8, दिल्ली से 3, महाराष्ट्र से 20, कर्नाटक से 20, आंध्र प्रदेश से 5, केरल से 22, मध्य प्रदेश से तमिनाडू से 10, पांडिचेरी से 3, राजस्थान से 2. असम से 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। बिहार के पूर्णिया से कई लोगों का पकड़ा गया है।
छापेमारी में लगे हैं एनआईए के तीन सौ अधिकारी
देश भर में हो रही छापेमारी में राष्ट्रीय जांच एजेंसी और प्रवर्तन निदेशालय के तीन सौ से ज्यादा अधिकारी हैं। इसके साथ ही भारी संख्या में पुलिस के आला अफसर व जवान लगे हुए हैं। एनआईए की कार्रवाई से देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।
पीएफआई का आतंक से गहरा रिश्ता
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि पीएफआई का आतंक से गहरा रिश्ता है। इसका कुत्सित इरादा वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। लेकिन राष्ट्रभक्त और भाजपा इस नापाक इरादे को कभी पूरा नहीं होने देंगे।