बजट सत्र की शुरुआत तो कल से होनी है लेकीन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के रडार पर अडानी समूह (Adani Group) है। माकपा ने अब इस समूह पर लगे आरोपों की जांच की मांग की है। पिछले दिनों हिन्डरवर्ग रिसर्च ने अडानी समूह (Adani Group) पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। इस आरोप के बाद समूह (Adani Group) को काफी आर्थिक हानि भी उठानी पड़ी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह (Adani Group) गलत तरीके से आगे बढ़ी है।
माकपा नेता और पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अडानी समूह की जांच जरुरी है और यह जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में की जानी चाहिए। येचुरी ने कहा कि केंद्र सभी सम्बंधित मंत्रालाओ को शामिल करते हुए एक उच्च स्तरीय जांच दल गठित करे और जांच पूरी होने तक हर रोज सुप्रीम कोर्ट इसकी निगरानी करे। येचुरी का यह बयान कोई मामूली बयान नहीं है। सरकार इससे भाग भी नहीं सकती। और सरकार भागने की कोशिश करेगी तो इसके व्यापक राजनीतिक असर हो सकते हैं। संभव है कि यह एक बड़ा चुनावी मुद्दा भी बन सकता है।
उधर अमेरिकी रिसर्च का दस्तावेज सामने आने के बाद अडानी समूह ने रिपोर्ट है को गलत कहा है। अडानी समूह (Adani Group) ने कहा है कि यह मिथ्या पर आधारित रिपोर्ट है और भारत की विकास गाथा को बाधित करने का प्रयास। यह झूठ के सिवाय कुछ भी नहीं। 413 पन्नो के जवाब में अडानी समूह ने कि यह सब छुपी हुई मंशा से प्रेरित है ताकि अमेरिकी फार्म को लाभ मिल सके। उधर हिंडेनवर्ग ने अडानी समूह को चुनौती दी है कि उसे जो भी कहना है अदालत में कहे। हम सामना करने को तैयार हैं।
याद रहे हिंडेनवर्ग ने अभी तक जितनी कंपनियों पर हमला किया ,कोई भी बच नहीं सका। किसी ने भी इस फर्म के दावे को चुनौती नहीं दे सका है।
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लेकिन अडानी समूह ने कहा, ‘‘यह केवल किसी विशिष्ट कंपनी पर एक अवांछित हमला नहीं है, बल्कि भारत, भारतीय संस्थाओं की स्वतंत्रता, अखंडता और गुणवत्ता, तथा भारत की विकास गाथा और महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला है।’’ हालांकि यह भी सच है कि अडानी समूह ने अभी तक अदालत में अपनी शिकायत नहीं की है। लेकिन माना जा रहा है कि समूह आगे की करवाई भी कर सकती है। बता दें कि अडानी समूह पर लगे आरोप के बाद अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों पर काफी बुरा असर हुआ है। शेयरों में काफी गिरावट दर्ज की गई है। अडानी समूह के करीब साढ़े चार लाख करोड़ की संपत्ति का नुक्सान हुआ है। इसके साथ ही अडानी अब तीसरे सबसे धनी व्यक्ति की सूची से लुढ़ककर सातवे स्थान पर आ गए हैं।