Javed Akhtar: मशहूर राइटर और लिरिक्स जावेद अख्तर जो किसी भी परिचय के मोहताज नही है। वो अक्सर अपने हिदुंत्व पर हमदर्दी जताते हुए समय समय पर प्रतिक्रियाएं देतें रहते है तो इसी कड़ी में एक बार फिर जावेद अख्तर अपने बयान से सुर्खियों में आ गए हैं। इस बार जावेद ने हिंदी भाषा पर जोर देतें हुए बहुत कुछ कहा है जिसके बाद से उनके बयान ने काफी गहमागहमी पैदा कर दी है।
दरअसल जावेद ने उर्दू बोले जाने पर जोर दिया और कहा कि ये भारत की अपनी भाषा है। आम भाषा की तरह से इसे भी बोलचाल में लाना चाहिए। इतना ही नही जावेद यही नही रूके वे अपने सख्त अंदाज में पाक्सितान को भी आड़े हाथो ले लिया लेते नजर आए और कडी फटकार लगाते हुए कहा कि उर्दू कही और से नही आई है औऱ ना ही किसी ने इसे बनाया है। यह हमारी अपनी भाषा है इसी लिए इस पर जोर देना होगा औऱ हिंदुस्तान में भी बोली जानी चाहिए। इसे पाकिस्तान भी भारत के विभाजन के बाद आया है पहले यह भारत का ही हिस्सा था।
बता दें कि जावेद अख्तर का बरसने का सिलसिला यहीं नही थमा उन्होने साथ ही साथ हिंदी को लेकर भी बड़ी बात कही है जो कई मायनो में राष्ट्रीय भाषा के हित में है क्यों कि आज की नई जेनरेशन हिंदी बोलनें में शर्म महसूस करते हैं जो लोग हिंदी बोलते है उसे हीन भाव स देखा जाता है तो वही अग्रेंजी बोलने पर उसके रहीस खानदान से आकां जाता है औऱ अग्रेजी पर ही ज्यादा फोकस किया जाता है। उन्होने ने कहा कि हमें हिंदी ही बोलनी चाहिए क्यों कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है।
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तो वहीं उन्होने उर्दू औऱ पंजाब के रिश्ते की गहराई का भी जिक्र किया। जिसमें उन्होने कहा कि पंजाब का उर्दू के प्रति अब तक कि बड़ा योगदान रहा है और यह भारत की भाषा है। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल है कि आपने ये भा, क्यों छोड़ी विभाजन की वजह से या फिर पाकिस्तान की वजह से आखिर वजह क्या इसके पीछे कि लेकिन फिर उर्दू पर ध्यान देना चाहिए। पहले हिन्दुस्तान ही था पाकिस्तान बाद में हिंदुस्तान से अलग हो गया।
जावेद ने इस तरह से हिंदी और उर्दू भाषा पर फोकस करने के लिए कहा औऱ पाकिस्तान को भी जमकर सुनाया जिसके बाद से जावेद का ये बयान आज दिन भर चर्चा का विषय गया।