मोरबी हादसाः मरने वालों की संख्या 133 तक पहुंची, पीएम मोदी ने भारी दुख जताया
बताया गया है कि कुछ उत्साही युवकों ने पुल को की मजबूती आजमाने के लिए जानबूझकर उस पर कूदे थे। उन्होने उसकी दीवारों पर जोर आजमाईश की थी। उस समय क्षमता के कई गुना ज्यादा लोगों का मौजूदगी होने से पुल असंतुलित हो गया। पुल के ऊपर भार अधिक होने से यह टूट गया और सैंकड़ों लोगों की जान चली गयी।
मोरबी (गुजरात)। रविवार रात को मच्छु नदी का केबिल पुल गिरने से हुए हादसे में मरने वालों की संख्या 133 तक पहुंच गयी है। मृतकों का संख्या अभी और बढ सकती है। पीएम नरेन्द्र मोदी ने हादसे पर भारी दुख जताया है। उन्होने केन्द्र सरकार का ओर से राज्य सरकार हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
इस हादसे में लापता हुए लोगों की तलाश नदी में तलाश जारी है। हादसे के शिकार 70 से अधिक लोग विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हो रहा है। जिला प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल, सेना, नोसेना, वायुसेना व पुलिस के जवान राहत व बचाव कार्य में लगे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश पटेल मौके पर मौजूद रहकर राहत व बचाव कार्य की कमान संभाले हुए हैं।
हादसे का कारण क्षमता से अधिक लोगों का पुल पर होना बताया गया है। घटना के समय वहां पर कई सौ लोग मौजदू थे, जबकि पुल केवल सौ-डेढ सौ लोगों के लिए सुरक्षित था। बताया गया है कि कुछ उत्साही युवकों ने पुल को की मजबूती आजमाने के लिए जानबूझकर उस पर कूदे थे। उन्होने उसकी दीवारों पर जोर आजमाईश की थी। उस समय क्षमता के कई गुना ज्यादा लोगों का मौजूदगी होने से पुल असंतुलित हो गया। पुल के ऊपर भार अधिक होने से यह टूट गया और सैंकड़ों लोगों की जान चली गयी।
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आपको बता दें कि मच्छु नदी पर बने यह पुल करीब 140 साल पुराना था। यह गुजरात के प्रमुख टूरिस्ट प्लेस में से एक बन गया था। यहां रोज बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे, क्योंकि ये पुल हवा में झूलता रहता था और यह बिल्कुल ऋषिकेश के राम और लक्ष्मण झूला जैसा पुल था।
इसलिए बड़ी संख्या में लोग इसे देखने यहां आते थे। रविवार को इस पुल पर एक साथ 500 से 700 लोग जमा हुए और पुल इतना बोझ नहीं झेल सका, इस कारण पुल टूटकर नदी में गिर गया और लोग नदी के पानी में समा गये थे।