प्रयागराजः यहां के एक अस्पताल में मानवता शर्मसार करने वाला वाकया सामने आया है। करंट लगने से हुई आठ साल के बच्चे की मौत होने पर सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम तो किया लेकिन बालक के शव को गांव ले जाने के लिए एम्बुलेंस देने से मना किया। इस पर गरीब पिता को अपने बेटे के शव को अपने कन्धे पर रखकर पैदल 25 किलो मीटर की दूरी तय करके गांव ले जाने को मजबूर होना पड़ा।
यह मामला करछना थाना क्षेत्र के अंतर्गत सीमा सेमराहा गांव से जुडा है। यहां शिव मंदिर पर चल रहे भंडारे में प्रसाद लेने गए बजरंगी लाल का बेटे शुभम (13) करंट लगने से मौत हो गई। शुभम मंदिर परिसर के पास ही बिजली के खंभे में करंट उतर रहा था। शुभम अचानक खंभे के तार की चपेट में आ गया और करंट लगने से झुलस कर गिर पड़ा। भंडारे में उपस्थित लोगों ने आनन-फानन में उसे एक निजी अस्पताल में ले गए। लेकिन तब तक उसकी सांसे थम चुकी थीं।
.
हादसे की सूचना होने पर थाना प्रभारी करछना टीकाराम वर्मा मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। प्रयागराज में पोस्टमार्टम के बाद पुलिस व चिकित्सकों ने बजरंगी लाल से अपने बेटे का शव घर ले जाने को कहा। लेकिन शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया। इस पर बजरंगी व उसकी पत्नी अपने बेटे का शव को कन्धे पर रखकर पैदल ही भीगते हुए अपने गांव को चल दिये। रास्ते में जिसने भी उन्हें बच्चे का शव कंधे पर ले जाते हुए देखा, उसने ही जिला प्रशासन और प्रदेश सरकार को कोसा।
ये भी पढ़े Commonwealth Games 2022: भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीतने पर गुरदीप सिंह को पीएम मोदी ने दी बधाई
यह दंपत्ति जैसे तैसे अपने बच्चे का शव लेकर गांव पहुंचा और अंतिम संस्कार किया गया। लेकिन घटना का वीडियो वायरल होते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया गया। अब जिले के आलाधिकारी अपनी सफाई देते नजर आ रहे हैं और जांच के बाद इसके लिए दोषियों के खिलाफ कारवाई करने की बात कह रहे हैं।