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आपकी लिखावट आपके चरित्र का आईना है, हैंडराइटिंग से जानें व्यक्ति का व्यक्तित्व!

Hand writting skill mirror of your character: लिखावट की गति, अक्षरों की बनावट, अक्षरों का संयोजन और अक्षरों को जोड़ने के तरीके का अध्ययन करके किसी भी व्यक्ति की मानसिक क्षमता सहित उसके व्यक्तित्व की रूपरेखा जानी जा सकती है। व्यक्ति के ग्रहों की स्थिति अथवा उसकी परिस्थिति, व्यक्ति के हाथ की रेखाऐं, व्यक्ति की लिखावट बहुत कुछ व्यक्ति के बारे में बताती है।

जब कोई व्यक्ति कागज पर लिखता है तो उसकी लिखावट में हर अक्षर बोलता नजर आता है, केवल उसे देखने और समझने की निगाहें होनी चाहिए। लिखने का तरीका, अक्षरों का संयोजन, दिशा, लिखावट की गति, अक्षरों की बनावट, दबाव और अक्षरों को जोड़ने के तरीके की बारीख जांच व अध्ययन करके किसी भी मनुष्य की मानसिक क्षमता सहित उसके व्यक्तित्व की रूपरेखा जानी जा सकती है।

जीवन में सफलता के लिए तथा अनावश्यक हानियों से बचने के लिए हमें अपने सम्पर्क में आने वाले व्यक्त्यिों के व्यक्तित्व का अवलोकन करने की आवश्यकता पड़ती है। अक्सर हम लोगों को पहचानने में चूक कर जाते हैं, जिसका खामियाजा़ हमें आगे चलकर किसी न किसी रूप में उठाना ही पड़ता है। ज्योतिष, मनोविज्ञान जैसे विषयों में व्यक्ति के व्यक्तित्व का सहज रूप से अवलोकन करने के लिए अनेक विधियों का वर्णन जाता है। व्यक्ति के ग्रहों की स्थिति अथवा उसकी परिस्थिति, व्यक्ति के हाथ की रेखाऐं, व्यक्ति की लिखावट बहुत कुछ व्यक्ति के बारे में बताती है। लिखावट के द्वारा कैसे व्यक्ति के बारे में जाना जाता है, आइए जानते हैं।

कहा जाता हैं चेहरा दिल का आइना होता है और मनुष्य की लिखावट उसके दिल, दिमाग, शरीर यानि पूरे व्यक्तित्व का प्रतिबिम्ब है। हम जो कुछ भी लिखते हैं, वह हमारे बारे में बहुत कुछ बताता है। लिखावट के अध्ययन से मनुष्य के चिन्तन का स्तर एवं उसके सभी गुणों-दोषों का आकलन एवं अवलोकन किया जा सकता है।

 अगर किसी व्यक्ति की लिखावट का हर अक्षर पढ़ने योग्य है, तो यह, यह दर्शाता है कि व्यक्ति सोच-समझकर लिखता है और गलतियां कम करने का प्रयास करता है।
 लिखावट के बिन्दु नुकीले हों, तो इसका मतलब मनुष्य तुनक मिजाज है और अपने आगे किसी की बात नहीं चलने देता है।
 सीधी लिखावट वाला व्यक्ति शांत व गम्भीर प्रवृत्ति का होता है। अक्सर देखने में आया है, समय के साथ ऐसे लोगों का अधिकांश निर्णय सही होता है।

लिखावट को 3 भागों में विभाजित कर सकते हैं, सूक्ष्म लिखावट, औसत लिखावट, बड़ी लिखावट। छोटे अक्षर में लिखावट यह बताती है कि व्यक्ति की तर्क शक्ति प्रखर है। जहां औसत लिखावट के लोगों की संतुलित विचारधार होती है, वहीं बड़ी लिखावट वालों की कथनी और करनी में अंतर पाया जाता है।
 लिखावट में नीचे का भाग बढ़ा होने पर व्यक्ति भौतिकवादी और खर्चीले स्वभाव का आरामपसंद होता है।
 घसीट कर लिखने वाला व्यक्ति दूसरों की चिंता नहीं करता है।
 लिखावट में अगर सभी चिन्ह यथास्थान लगे हों तो मनुष्य निर्मल हृदय का होता है।
 अक्षर (alphabet) दबाकर भारी हाथ से लिखने वाला व्यक्ति अक्सर शंकालू स्वभाव का रहता है।
 लिखावट में अक्षर दूर-दूर होने पर व्यक्ति अपने मन की बात आसानी से किसी को नहीं बताता है।
 अनिश्चयी, असमंजसपूर्ण मनुष्य की लिखावट हमेशा दबी-दबी और अस्पष्ट होती है।
 लिखते वक्त शब्द और रेखाओं के बीच दूरी समान हो, तो मनुष्य का व्यवहार संतुलित होता है।
 अक्षर (alphabet) और रेखा बहुत सटी हुई हों तो, मनुष्य को कार्य करने की शीघ्रता रहती है।
हर मनुष्य के सोचने और काम करने की गति एक-दूसरे से अगर होती है, लिखावट की गति विचारों के साथ-साथ घटती-बढ़ती जाती है। अगर व्यक्ति आवेश में होगा, तो उसकी लिखावट तेज हो
जाएगी, इसी तरह शांत मन होने पर मनुष्य औसत गति से लिखता है।

इस तरह किसी भी मनुष्य की क्षमता आदि का अध्ययन उसकी लिखावट के द्वारा किया जा सकता है।

Prachi Chaudhary

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