Umesh Pal Kidnap Case: उमेश पाल के अपहरण मामले में फैसला 16 मार्च को आएगा
आरोप है कि राजू पाल मर्डर केस के आरोपी अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ ने साल 2006 में उमेश पाल का अपहरण करा लिया था और गवाही से जुड़ी कोई जानकारी ना होने का झूठा हलफनामा ले लिया था.साल 2007 में यूपी में मायावती की सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने अपने अपहरण के मामले में अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
प्रयागराज। गत 24 फरवरी को यहां धूमनगंज क्षेत्र में हुए शूटआउट में मारे गए अधिवक्ता उमेश पाल के अपहरण केस (Umesh Pal Kidnap Case )में मंगलवार को स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में आज सुनवाई हुई। सोमवार को अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते इस केस में सुनवाई नहीं हो सकी थी। हाईकोर्ट के आदेश पर एमपी एमएलए कोर्ट में 16 मार्च तक सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाना है।
प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में अधिवक्ता उमेश पाल के अपहरण केस में हुई सुनवाई में बचाव पक्ष ने अपनी आगे की दलीलें पेश की। इस मुकदमे का ट्रायल अब अंतिम दौर में है । इस प्रकरण में अभियोजन यानी सरकारी पक्ष अपनी बहस खत्म कर चुका है। इस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर डे टू डे आधार पर सुनवाई हो रही है। बता दें कि उमेश पाल साल 2005 में हुए बीएसपी के तत्कालीन विधायक राजू पाल मर्डर केस के मुख्य गवाह थे ।
यह भी पढेंः Beating of Maulvi: डीजे बजाने पर मौलवी की निकाह पढने से इंकार, बारातियों ने मौलवी को घर में घुसकर पीटा
आरोप है कि राजू पाल मर्डर केस के आरोपी अतीक अहमद और उसके छोटे भाई अशरफ ने साल 2006 में उमेश पाल का अपहरण करा लिया था और गवाही से जुड़ी कोई जानकारी ना होने का झूठा हलफनामा ले लिया था.साल 2007 में यूपी में मायावती की सरकार बनने के बाद उमेश पाल ने अपने अपहरण के मामले में अतीक अहमद और अशरफ के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इसी मुकदमे की पैरवी से वापस लौटते वक्त 24 फरवरी, 2023 को उमेश पाल को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस घटना में उमेश पाल के दो सरकारी गनर की भी मौत हुई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर एमपी एलएलए स्पेशल कोर्ट को इस मामले में 16 मार्च तक सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाना है। इस मुकदमे का फैसला आने पर अतीक और उसके परिवार की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है।