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Vagabond Animals in School: ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को सरकारी स्कूल में बांधा,शिक्षिका-छात्र परेशान  

बिजनौर की कोतवाली देहात इलाके के मिर्जापुर महेश उर्फ बाँकपुर का यह मामला है। यहां बुधवार को एक अजीब ही स्थिति का सामना करना पड़ा। हुआ यूं कि ग्रामीणों ने खेतों में घूम रहे दर्जनों छुट्टा पशुओं को पकड़ लिया। उन्होने गांव के सरकारी विद्यालय का ताला तोड़ा और इस सारे आवारा पशुओं को स्कूल में बंद दिया।

बिजनौर। कोतवाली देहात के एक गांव में ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को पकड़कर सरकारी स्कूल में बांध दिया। बुधवार को जब शिक्षिका व छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंची तो उन्हें स्कूल में घुसने नहीं दिया। ग्रामीणों ने शिक्षिका से पंचायत घर में पढाने को कहा। इस मामले में शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत कराया गया है।

बिजनौर की कोतवाली देहात इलाके के मिर्जापुर महेश उर्फ बाँकपुर के सरकारी स्कूल का मामला है। यहां बुधवार को एक अजीब ही स्थिति का सामना करना पड़ा। हुआ यूं कि ग्रामीणों ने खेतों में घूम रहे दर्जनों छुट्टा पशुओं को पकड़ लिया। उन्होने गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय का ताला तोड़कर सारे आवारा पशुओं को स्कूल में बंद दिया।

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स्कूल की सहायक अध्यापिका बबीता भटनागर जब स्कूल पहुंची, तो उन्हे गेट का ताला टूटा मिला।

मिर्जापुर महेश उर्फ बाँकपुर के सरकारी स्कूल की शिक्षिका बबीता भटनागर पत्रकारों को स्कूल में बंधे पशुओं की जानकारी देते हुए

स्कूल के अंदर दर्जनों पशु बंधे थे। जब बच्चे आये तो उन्हें भी विद्यालय के अंदर नहीं आने दिया। शिक्षिका बबीता ने सारे मामले से अपने उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है। उन्होने स्कूल के ताले टूटने, स्कूल में पशु बंधे होने व ग्रामीणों द्वारा स्कूल के अंदर जाने से रोकने की जानकारी दी।

उधर ग्रामीणों का कहना हैं कि छुट्टा पशुओं की वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। इन आवारा पशुओं का प्रशासन की तरफ से कोई इंतज़ाम नहीं किया जा रहा। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन इन छुट्टा पशुओं को गौशाला भिजवाये।

Shubham Pandey। Uttar Pradesh Bureau

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