महाराष्ट्र की राजनीति में उठापटक इतनी जल्दी नहीं थमने जा रही है । एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री बनने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया आने शुरु हो गई है। इसी कड़ी में उद्धव ठाकरे का भी बयान सामने आया है। उन्होनें कहा कि जिस तरह से प्रदेश में सत्ता का खेल खेला गया है, उससे लोकतंत्र का मजाक बना है। उन्होंने कहा कि मैं तो कहूंगा कि मतदाताओं को अधिकार होना चाहिए कि वह जरूरत पड़ने पर उन लोगों को वापस बुला सके, जिन्हें वोट दिया है।
उद्धव ठाकरे ने दोहराया कि कि एकनाथ शिंदे शिवेसना के मुख्यमंत्री नहीं हैं। कुछ लोगों ने सत्ता के लिए बड़ा खेल कर दिया, लेकिन मेरे दिल से वे लोग महाराष्ट्र को नहीं निकाल सकते। यहां तो लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है। सत्ता में आते ही इन लोगों ने सारे फैसले को पलट दिया ।
ये भी पढ़ें- Share Market Open: लाल निशान के साथ खुला बाजार, जानिए कितने अंक टूटा सेंसेक्स-निफ्टी?
उन्होंने कहा कि भले ही सत्ता के लिए कुछ लोगों ने बड़ा खेल कर दिया, लेकिन मेरे दिल से वे लोग महाराष्ट्र को नहीं निकाल सकते। यहां तो लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है। सत्ता में आते ही इन लोगों ने आरे के फैसले को पलट दिया गया। उन्होंने कहा कि मुंबई के पर्यावरण से छेड़छाड़ न की जाए। मैं इन लोगों से अपील करता हूं कि महाराष्ट्र को बर्बाद न करें। मुझे सीएम की कुर्सी जाने का दुख नहीं है, लेकिन मेरी पीठ में खंजर भोंका गया है। यदि भाजपा हमारे साथ आती तो कम से कम ढाई साल तक तो उनका मुख्यमंत्री रहता, लेकिन अब उन्हें क्या मिल गया है। उन्होंने कहा कि अगर अमित शाह ने मुझसे किया अपना वादा पूरा किया होता तो अब महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी का मुख्यमंत्री होता।