UP Ghaziabad News: गाजियाबाद कमिश्नरेट में संवाद की गहरी खाई! पत्रकारों और अधिकारियों की परस्पर संवेदनाएँ
UP Ghaziabad News: Deep gap in communication in Ghaziabad Commissionerate! Mutual feelings of journalists and officers
UP Ghaziabad News: गाजियाबाद कमिश्नरेट में पत्रकारों के समूह में अधिकारियों का समावेश इस दृष्टिकोण से किया जाता है कि सूचना का त्वरित प्रवाह सुनिश्चित किया जा सके। किंतु, वर्तमान में जो परिदृश्य उभर कर सामने आया है, वह आशंका को जन्म देता है। अनेक बार, देखा गया है कि कुछ एडमिन अपने स्वार्थ के लिए ग्रुप में पोस्ट का दुरुपयोग कर रहे हैं। जिन सूचनाओं को डिलीट किया गया है, वह केवल कमिश्नरेट के आदेश पर हुई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस संवाद प्रणाली में पारदर्शिता का अभाव है। जब किसी अधिकारी को जिले में ग्रुप में शामिल किया जाता है, तो क्या यह अनिवार्य नहीं है कि वे मुख्य सदस्यों से संवाद स्थापित करें?
पत्रकारों से कुछ चूकें अवश्य हुई हैं, किंतु यदि अधिकारियों को घटनाओं की जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से ग्रुप बनाया गया है, तो इसे व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल करने का कोई औचित्य नहीं है। एक साल से अधिक समय से कमिश्नर की कुर्सी पर विराजमान रहते हुए, उन्हें गाजियाबाद की जनता की भलाई के लिए ईमानदारी से कार्य करना चाहिए, न कि झूठ और धोखे के जाल में फंसा रहना चाहिए।
सरकार को वोट देने वाली जनता का सम्मान यदि क्षेत्रीय अधिकारी और पुलिस प्रशासन नहीं करेंगे, तो यह एक अत्यंत गंभीर विषय है। त्योहारों के अवसर पर, खासकर दिवाली, जब अवैध बम पटाखों का कारोबार बढ़ जाता है, पत्रकारों का कर्तव्य है कि वे सजग रहें और समाज को संभावित खतरों से आगाह करें। इस संदर्भ में, संवाद और सहयोग की आवश्यकता है। हमें मिलकर प्रयास करना होगा ताकि हम अपनी आवाज को सशक्त रूप में प्रस्तुत कर सकें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन का माध्यम बन सकें।