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UP Ghaziabad News: फर्जी आईपीएस का पर्दाफाश, शातिर अनिल कात्यान ने पुलिस और जनता को बनाया निशाना

गाजियाबाद पुलिस ने जब 1979 बैच के मणिपुर कैडर के आईपीएस अधिकारियों की सूची खंगाली, तो ऐसा कोई अधिकारी देशभर में नहीं मिला। इस खुलासे के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।

UP Ghaziabad News: गाजियाबाद में एक ऐसे शातिर ठग का पर्दाफाश हुआ है, जिसने न केवल आम लोगों बल्कि पुलिस अधिकारियों को भी अपने झांसे में ले लिया। खुद को 1979 बैच का मणिपुर कैडर का आईपीएस और रिटायर्ड डीजी बताने वाले अनिल कात्यान ने अपनी बनावटी पहचान के दम पर प्रभाव जमाने और मोटी रकम वसूलने का खेल खेला।

पुलिस कमिश्नर भी फरेब में आए

इस फर्जीवाड़े की शुरुआत तब हुई, जब इंदिरापुरम थाने में दिल्ली से पूछताछ के लिए लाए गए एक व्यक्ति को छुड़ाने के लिए अनिल कात्यान ने वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। उसने खुद को एक रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी बताकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की। यही नहीं, वह गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा से मिलने उनके ऑफिस पहुंचा और अपनी पहचान के दम पर उन्हें भी प्रभावित कर दिया। कमिश्नर ने सम्मान के साथ उसे गाड़ी तक छोड़ा, लेकिन बाद में जब सच्चाई सामने आई तो सब हैरान रह गए।

जांच में खुला राज

गाजियाबाद पुलिस ने जब 1979 बैच के मणिपुर कैडर के आईपीएस अधिकारियों की सूची खंगाली, तो ऐसा कोई अधिकारी देशभर में नहीं मिला। इस खुलासे के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। डीसीपी ट्रांस-हिंडन के पीआरओ ने आरोपी के खिलाफ साहिबाबाद थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद अनिल कात्यान को गिरफ्तार कर लिया गया।

अनिल कात्यान का दावा और साजिश

अनिल कात्यान ने पूछताछ में बताया कि उसने आईपीएस की पढ़ाई पूरी की थी, लेकिन परिवार ने उसे पद संभालने नहीं दिया। उसने अपने परिवार में और भी आईपीएस और आईएएस अधिकारी होने का दावा किया। इतना ही नहीं, उसने यह भी कबूला कि वह दुबई में बंद अपने साथियों के लिए फंड जुटाने का काम कर रहा था।

शातिराना अंदाज में करता था धोखा

पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनिल कात्यान की बातचीत की रिकॉर्डिंग और व्हाट्सएप चैट्स भी सार्वजनिक कीं। इनसे पता चला कि वह खुद को रिटायर्ड डीजी बताकर अधिकारियों पर रौब जमाता था। इस झूठ के सहारे उसने आम जनता से भी मोटी रकम वसूली।

सतर्क रहने की अपील

यह मामला दिखाता है कि कैसे एक शातिर व्यक्ति अपनी बातों और फर्जी पहचान से किसी को भी धोखा दे सकता है। गाजियाबाद पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे फोन पर किसी भी अधिकारी के दावे पर आंख मूंदकर भरोसा न करें और पहले उसकी सच्चाई की जांच करें।

Written By । Prachi Chaudhary । Nationa Desk । Delhi

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