UP-Ghaziabad News: गाजियाबाद पुलिस की मनमानी पर पत्रकारों का भड़का आक्रोश, प्रेस कॉन्फ्रेंस का करेंगे बहिष्कार
Journalists are angry over Ghaziabad police's arbitrariness, will boycott the press conference
गाजियाबाद: गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट में अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ पत्रकारों का आक्रोश चरम पर है। घटनास्थल पर पहुंचने के बावजूद पत्रकारों को वीडियो बाइट देने से इंकार कर दिया जाता है, और अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर बाइट जारी कर दी जाएगी। इससे नाराज पत्रकारों ने पुलिस की सभी प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
अधिकारियों की तानाशाही
गाजियाबाद कमिश्नर की नियुक्ति के बाद से अधिकारियों की तानाशाही खुलकर सामने आई है। पत्रकारों का कहना है कि पुलिस कमिश्नरेट को अब उनके सवालों से डर लगने लगा है। मौके पर मौजूद पत्रकारों को घटना की वीडियो बाइट नहीं दी जाती, जिससे उनका काम प्रभावित हो रहा है। पहले की सरकारों में ऐसी स्थिति कभी देखने को नहीं मिली थी, जो अब हो रही है।
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला
पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद गाजियाबाद की स्थिति बदतर हो गई है। अधिकारियों की मनमानी के चलते न सिर्फ आम जनता बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ, पत्रकार, भी परेशान हैं। एसीपी और डीसीपी रैंक के अधिकारी पत्रकारों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, और उन्हें घटनाओं की सही जानकारी देने से बच रहे हैं।
स्क्रिप्टेड वीडियो बाइट्स की नीति
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट द्वारा घटनाओं की वीडियो बाइट्स को स्क्रिप्टेड तरीके से सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की नीति अपनाई जा रही है। इससे पत्रकारों को स्वतंत्र और निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने में दिक्कत हो रही है।
पत्रकारों का निर्णय
इस अन्याय के खिलाफ, गाजियाबाद के पत्रकारों ने ठान लिया है कि वे अब पुलिस की किसी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होंगे। उनका कहना है कि यह वक्त है जब कमिश्नर साहब इस मामले को गंभीरता से लें और मनमानी कर रहे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
अंतिम अपील
पत्रकारों ने कमिश्नर से अपील की है कि वे इस स्थिति का संज्ञान लें और इसे सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाएं। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों द्वारा लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का सम्मान और सहयोग करना आवश्यक है, ताकि सही और निष्पक्ष खबर जनता तक पहुंच सके।