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Rights To Couples: ये हैं महिलाओं के 6 विशेषाधिकार, जिसके बारे हर नागरिक को जानना जरूरी  

नई दिल्ली: शादी के बाद मेंटल (Rights To Couples) और इमोशनल ट्रॉमा झेलने के बाद भी बहुत सारी महिलाएं पति के साथ रिश्ता निभाती हैं, और अपने खिलाफ हो रहे गलत व्यवहार के लिए बोल नहीं पाती हैं, क्योंकि उनको अपने हक के बारे में पता नहीं है. आज हम आपको बताएंगे महिलाओं कुछ अधिकार जो उनको जानना बेहद जरुरी हैं.

भारतीय संविधान ने विवाहित महिलाओं को कुछ ऐसे अधिकार दिए हैं, जिसे वो अपने या अपने बच्चे के हित में इस्तेमाल कर सकती हैं, ये हैं महिलाओं के कुछ विशेष अधिकार…

1.राइत टू स्त्रीधन

शादी में मिला कोई भी उपहार (Rights To Couples) या धनराशि पर केवल उस महिला का ही हक होता है. चाहे फिर वो उपहार या धनराशी उसके पति या ससुरालवालों के पास ही रखी गई हो. अगर वो चाहे तो उसे वापस ले सकती है.

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2.राइट टू रेज़ीडेंस

शादि  के बाद पत्नी का अपने पति के साथ रहने का पूरा हक है. पति चाहे जहां कहीं भी रहे, उसका अपना घर हो या पैत्रिक पत्नी चाहे तो उसे पति के साथ रहने से कोई नहीं रोक सकता है न घर का कोई सदस्य ना कानून.

3.राइट टू ए कमिटेड रिलेशनशिप

अगर कोई हिन्दू पति बिना तलाक (Rights To Couples) लिए किसी और महिला के साथ संबंध रखता है या शादी करता है तो उस पर एडल्टरी का चार्ज लगाया जा सकता है और महिला एक्स्ट्रा मैरीटल अफेयर के आधार पर तलाक के लिए अर्ज़ी लगा  सकती है.

4.राइट टू डिग्निटी एंड सेल्फ रिस्पेक्ट

पत्नी को पूरे मान-सम्मान के साथ अपनी जिन्दगी (Rights To Couples) जीने का हक है. जिस तरह का जीवन और रहन-सहन उसके पति, सास और ससुर का है, वो भी उसकी हकदार है और अगर उसे किसी तरह से परेशान या मेंटल या फिजकली टॉर्चर किया जाता है, तो ये कानूनन अपराध है.

5. राइटस टू मेन्टेन बाइ हसबैंड

एक पत्नी अपने पति (Rights To Couples) के लीविग स्टेंडर्ड की तरह ही अपना स्टेंडर्ड भी मेंटेन कर सकती है और साथ ही उसे अपनी मूलभूत जरुरतें भी पूरी करने का पूरा अधिकार है.

6.राइट टू चाइल्ड मेंटनेंस

पति और पत्नी का फर्ज़ है की वो अपने बच्चे की हर जरुरत को पूरा करें. अगर पत्नी के पास कमाने का कोई जरिया नहीं है तो पति का ये फर्ज बनता है कि वो बच्चे की हर जरुरत को पूरा करने की कोशिश करें. अगर पति और पत्नी दोनों ऐसा नहीं कर पाते हैं तो वो दादा दादी की मदद लें. क्योंकि पुशतैनी संपत्ति पर नाबालिग बच्चे का पूरा हक होता है.

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