UP Government On Name Plate: आखिर क्यों योगी सरकार के फैसले का विरोध ‘अपनों’ ने किया?
UP Government On Name Plate: यूपी सरकार और उत्तराखंड सरकार को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। दरअसल योगी सरकार और धामी सरकार के फैसले का विरोध सहयोगी दल ही कर रहे थे। केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा था कि सब अपनी दुकानों पर नाम लिख रहे हैं मैकडॉनल्ड और बर्गर किंग क्या लिखेगा।
अपनी दुकान पर अपना नाम लिखने के फरमान पर सियासत गर्म है। लेकिन भागीरथी को शिव से मिलाने निकल चुके शिवभक्त कांवड़ियों की यात्रा शुद्ध और पवित्र रहे…उत्तर प्रदेश की सरकार ने इसीलिए ये बड़ा फैसला किया। यूपी में कांवड़ यात्रा के मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर ये लिखना अनिवार्य कर दिया गया…कि उसे चला कौन रहा है
लेकिन क्या ये वाकई कोई सियासी मामला है…या आस्था से जुड़ा मामला जिस पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए…और क्यों इस नियम को बनाने की जरूरत पड़ी। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए खान-पान के मामले में काफी परहेज करते हैं..सीएम योगी के नये नियम से कांवड़ियों को यात्रा के दौरान शुद्धता बनाये रखना का भरोसा बढ़ा है.. क्योंकि कांवड़ यात्रा मार्ग पर पिछले 25 वर्षों से जो शाकाहारी भोजनालय संगम या गणेश जैसे नामों के साथ चलाए जा रहे थे..अब नेमप्लेट लगने के बाद उनकी असली पहचान सामने आ गई है…पता ये चला है कि किसी भोजनालय का मालिक सलीम है तो किसी का मालिक असलम।
लेकिन ये भी बड़ी सच्चाई है कि ऐसे नाम लोगों को भ्रम में डालते हैं..लेकिन नाम लिखने के बाद सारे भ्रम ख़त्म हो गए..अब कांवड़िए खुद फैसला करेंगे उन्हें कहां पर शुद्ध खाना मिलेगा। यूपी के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ रूट पर दुकानदारों को नाम लिखने के निर्देश दे दिए हैं जिसका पालन भी करवाया जा रहा है। लेकिन जिन शिवभक्त कांवड़ियों के लिए ये नियम बना…वो क्या चाहते हैं। क्या कांवड़ियों के लिए ये फैसला उनकी दुविधा को कम करने वाला है या फिर इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता…
भोजनालय पर नेमप्लेट लगाने के आदेश का सियासी विरोध जारी है..हालांकि यूपी पुलिस की जांच में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिसमें कुछ ढाबा मालिकों ने अपना नाम मुस्लिम होने के बावजूद हिंदू दिखाया..अब पुलिस खुद ही ऐसी दुकानों और भोजनालयों का नाम सुधार रही है..सवाल ये है कि ऐसा करने का मकसद क्या है..और सरकारी आदेश के बाद भी ऐसी घटनाएं क्यों सामने आ रही हैं?