UP Sambhal Violence News: आखिर क्या है संभल का शाही जामा मस्जिद से जुड़ा विवाद, क्यों हो रहा इस मस्जिद का सर्वेक्षण? आगे क्या होगा?
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 लोग मारे गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और आगजनी की, जिसके बाद पुलिस की गोलीबारी में मौतें हुईं।
UP Sambhal Violence News: उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 4 लोग मारे गए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और आगजनी की, जिसके बाद पुलिस की गोलीबारी में मौतें हुईं।
उत्तर प्रदेश के संभल इलाके में बनी मुगलकालीन जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश न्यायालय ने दिया था। रविवार को मस्जिद में सर्वेक्षण दल ने सर्वेक्षण किया। इसके बाद कोर्ट के आदेश का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव और आगजनी की। इसमें हुई फायरिंग के दौरान 4 लोगों की मौत हो गई।
संभल के दीपा सराय मोहल्ले में स्थित जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश न्यायालय ने दिया है। 29 नवंबर को इस मामले की सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की जाएगी।
क्या है मामला
हिंदू पक्ष का कहना है कि श्री हरिहर मंदिर ही जामा मस्जिद का स्थान है। इसी तर्क के आधार पर अदालत ने मस्जिद का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। संभल के कैला देवी मंदिर के ऋषिराज गिरी समेत आठ वादियों ने सिविल जज सीनियर डिविजन आदित्य कुमार सिंह की चंदौसी स्थित कोर्ट में वाद दाखिल किया है। कोर्ट ने कमिशन गठित कर रिपोर्ट मांगी है। अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
हिंदू पक्ष ने कोर्ट में क्या दावा किया
हिंदू पक्ष के स्थानीय वकील गोपाल शर्मा ने कहा, “अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी ने पुष्टि की है कि जिस स्थान पर अब जामा मस्जिद है, वहां हरिहर मंदिर था।” मंदिर को मुगल सम्राट बाबर ने 1529 में ध्वस्त कर दिया था।’ महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने 19 नवंबर को सिविल कोर्ट याचिका दायर कर सर्वे की मांग की थी। कोर्ट ने इसी याचिका पर 7 दिन में सर्वे रिपोर्ट मांगी।
विवाद की वजह क्या है
कोर्ट की ओर से सर्वेक्षण का आदेश जारी होने के तुरंत बाद सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई, जिससे मुस्लिम समुदाय में असंतोष उत्पन्न हुआ। उनका मानना है कि इस प्रक्रिया में जल्दबाजी की गई और उनके पक्ष को पर्याप्त समय या अवसर नहीं दिया गया। सर्वेक्षण के दौरान मस्जिद के बाहर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए, जिससे तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। मुस्लिम समुदाय ने इस सर्वेक्षण का विरोध किया, जबकि हिंदू पक्ष ने इसे अपनी आस्था से जुड़ा मामला बताया।
संभल में जुमे की नमाज के मद्देनजर जामा मस्जिद की सुरक्षा बढ़ी
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद को हिंदू पक्ष द्वारा हरिहर मंदिर बताए जाने के बाद पुलिस ने शुक्रवार की जुम्मा नमाज की प्रत्याशा में सुरक्षा उपाय बढ़ा दिए तथा किसी भी प्रकार की अशांति होने पर कठोर कदम उठाने की धमकी दी। पुलिस ने पैदल मार्च कर लोगों को संभल में शांति बनाए रखने का संदेश दिया। संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने चेतावनी जारी की है कि अशांति फैलाने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
संभल में सपा सांसद के पिता समेत 34 लोगों को पाबंद किया
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने वाले हिंदू पक्ष के न्यायालय के फैसले के बाद, शांति बनाए रखने के लिए समाजवादी पार्टी के एक सांसद के पिता सहित 34 लोगों पर पुलिस और प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। यह जानकारी अधिकारियों ने शनिवार को दी। संभल की उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) वंदना मिश्रा के पिछले बयान के अनुसार, संभल के सपा सांसद जिया-उर-रहमान वर्क के पिता ममलुकुर रहमान वर्क उन 34 लोगों में शामिल हैं, जिन पर प्रतिबंध लगाया गया है।
किसी व्यक्ति को पाबंद करने के लिए क्या हैं नियम
यदि स्थानीय सरकार को पता चले कि कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन कर सकता है, शांति भंग कर सकता है, या सार्वजनिक सद्भाव को खतरे में डाल सकता है, तो वह उसे रोकने का आदेश दे सकती है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) कृष्ण कुमार विश्नोई के अनुसार शांति बनाए रखने के लिए संभल के निवासियों को 5 से 10 लाख रुपये तक के मुचलके पर पाबंद किया गया है। शुक्रवार को संभल में कड़ी सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा हुई।
संभल की जामा मस्जिद का इतिहास क्या है?
बाबर ने 1526 से 1530 तक अपने पांच साल के शासन के दौरान तीन मस्जिदें बनवाईं, जिनमें संभल की जामा मस्जिद भी शामिल है। अन्य दो मस्जिदें अयोध्या की बाबरी मस्जिद और पानीपत की मस्जिद थीं, जो अब ध्वस्त हो चुकी हैं।
संभल आज के समय में मुस्लिम बाहुल्य शहर है, लेकिन हिंदू शास्त्रों में इसका अलग उल्लेख मिलता है। कहा जाता है कि घोर कलयुग के समय में यहां भगवान विष्णु के एक अवतार कल्कि प्रकट होंगे। वही कलयुनग का अंत करके नए युग की शुरुआत करेंगे। संभल के मौजूदा हालात में इसकी चर्चा इसलिए कि दावा होता रहा है कि संभल में जहां जामा मस्जिद बनी है, वो एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई। 1527-28 में बाबर के सेनापति ने श्री हरिहर मंदिर को आंशिक रूप से ध्वस्त किया था।
जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर, किस पर विवाद
संभल की जामा मस्जिद का विवाद अयोध्या, काशी और मथुरा में चल रहे मामलों के बीच बढ़ा है। हिंदू पक्ष दावा करता है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद बनाई गई थी। मुस्लिम पक्ष जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष की दावों को खारिज करता है। हालिया विवाद कानूनी तरीके से लड़ा जा रहा है, और मस्जिद के लिए न्यायालय के सर्वेक्षण आदेश के अनुसार निर्माण कार्य किया जा रहा है।
विष्णु शंकर जैन ने सिविल जज संभल की अदालत में जामा मस्जिद के खिलाफ मुकदमा दायर किया। सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन और केला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि समेत 8 वादी हैं। वादियों ने भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और संभल जामा मस्जिद समिति को विवाद में पार्टी बनाया है। याचिका में कहा गया-‘ 1529 में हरिहर मंदिर को मस्जिद में तब्दील कर दिया गया था। 1529 में मुगल बादशाह बाबर ने मंदिर को नष्ट कर दिया था। बाबरनामा और आइन-ए-अकबरी किताबों में उल्लेख है कि जिस स्थान पर जामा मस्जिद बनी है, वहां पहले हरिहर मंदिर हुआ करता था।’
मुस्लिम पक्ष भी मानता है कि जामा मस्जिद बाबर ने बनवाई थी और आज तक मुसलमान इसमें नमाज पढ़ते आ रहे हैं। हालांकि कानूनी लड़ाई में मुस्लिम पक्ष ने अपना विरोध सर्वोच्च न्यायालय के 1991 के फैसले पर आधारित किया है, जिसमें कहा गया था कि धार्मिक स्थल 15 अगस्त 1947 के बाद से अपनी स्थिति की परवाह किए बिना अपने वर्तमान स्थान पर बने रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या पर फैसले के समय भी इस पर जोर दिया था। ऐसा करके मुस्लिम पक्ष ने सम्भल की जामा मस्जिद पर अपना स्वामित्व जताया है हिंदू पक्ष के दावों और उसके बाद की किसी भी कानूनी कार्रवाई को कानून का उल्लंघन बताया है।