कर्नाटक में फिर हिजाब पर बवाल, कांग्रेस ने प्रतिबंध हटाया तो बीजेपी ने जताया ऐतराज
karnataka Hijab Row: कर्नाटक में फिर से हिजाब की कहानी आगे बढ़ने लगी है। सामने लोकसभा चुनाव है तो कहानी बढ़ेगी ही। गड़े मुर्दे को उखाड़ना है और चुनावी राजनीति में इस मुद्दे के जरिये ध्रुवीकरण की कहानी को बढ़ना है। देश के भीतर यही सब चल रहा है। एक सरकार ने हिजाब पर प्रतिबंध लगाया तो दूसरी सरकार ने प्रतिबंध को हटाया। बीजेपी चाहती है कि शिक्षण संस्थाओं में हिजाब पर प्रतिबंध रहे लेकिन कांग्रेस प्रतिबंध को गलत मान रही है। कांग्रेस की सरकार बनी तो प्रतिबंध को हटा दिया गया।
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कर्नाटक के सीएम सिद्धरमैया ने शुक्रवार को हिजाब से प्रतिबंध हटाने की घोषणा की। जैसे ही यह घोषणा हुई ,बीजेपी बमक गई। उसे ठीक नहीं लगा। बीजेपी एग्रेसिव हो गई और कांग्रेस सरकार पर हमला किया। इस मुद्दे पर बहस फिर से शुरू हो गई है। यह बहस आम चुनाव तक चलेगी। यह एक चुनावी मुद्दा होगा। इस मुद्दे में वोट है। जो खिलाफ कर रहे हैं उसको भी इसका लाभ मिलेगा और जो प्रतिबंध हटा रहे हैं उसे भी लाभ मिलने की सम्भावना है। कर्नाटक के माध्यमिक शिक्षा मंत्री हैं मधु बंगरप्पा। बंगरप्पा ने पत्रकारों को कहा कि बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति कर रही है। यह ठीक नहीं है। समाज का कोई भी आदमी कैसे रहता है और कैसे अपनी संस्कृति को आगे बढ़ता है इसका हक सबको है लेकिन बीजेपी को यह सब पसंद नहीं है। शिक्षण संस्थानों में किसी भी तरह के प्रतिबंध ठीक नहीं होते। यह सब बच्चों से जुड़ा मसला है। जो सहज है उसे लागू करने की जरूरत है।
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उधर कर्नाटक के मंत्री प्रियंक खड़गे ने कहा है कि राज्य सरकार जो भी कर रही है वह सब संविधान और कानून के दायरे में ही कर रही है। बीजेपी के पास कोई काम तो है नहीं। उसे अपने घर को देखना चाहिए। बिना वजह किसी बात को बढ़ाकर समाज में बंटवारा नहीं करना चाहिए। इस मुद्दे को आगे देख रालोद भी इस लड़ाई में कूद पड़े है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि संविधान की दृष्टि से सरकार ने जो किया है वह सही है। लोगों को आजादी चाहिए। अगर भोजन और पहनावे पर कोई प्रतिबंध लगाता है तो इससे आपातकाल जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। फिर यह सब बच्चों के साथ जुड़ा हुआ है। बच्चों को आजादी की जरूरत है।
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लेकिन बीजेपी ऐसा नहीं मानती।कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र की राय कुछ अलग ही है। उनका कहना है कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब की अनुमति देना दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। उन्होंने कहा कि सीएम को कम से कम शैक्षणिक संस्थानों को राजनीति से बचना चाहिए। किसी भी मुस्लिम समुदाय के बच्चे ने हिजाब की मांग नहीं की है लेकिन सीएम कहते हैं कि वे स्कूलों में हिजाब की अनुमति देंगे। यह पूरी तरह से तुष्टिकरण की राजनीति है। यह फूट डालो और राज करो यही राजनीति है। बीजेपी सरकार की इस नीति की आलोचना करती है।
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दरअसल सामने लोकसभा चुनाव है। बीजेपी ने अपनी सरकार के दौरान हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया था। बीजेपी का कहना था कि एक स्कूल के बच्चे एक जैसे दिखने चाहिए। बीजेपी के इस फैसले का तब भी काफी विरोध हुआ था। कई दिन और महीनों तक कर्नाटक में हिजाब की कहानी चलती रही। कर्नाटक से दिल्ली तक इस पर खूब राजनीति हुई। लेकिन बीजेपी की सरकार ने शैक्षणिक संस्थाओं में हिजाब पर प्रतिबंध लगा ही दिया। लेकिन अब जैसे ही कांग्रेस की सरकार ने हिजाब से प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया कर्नाटक की राजनीति गर्म होती जा रही है। दोनों पक्ष इस मुद्दे के जरिये आगामी लोकसभा चुनाव में लाभ पाने को आतुर है। देखना ये है कि लोकसभा चुनाव में इसका लाभ किस पार्टी को मिलता है।