आज के समय में हाथ-पैरों में दर्द की समस्या काफी बढ़ती जा रही है। जिसमें जोड़ों का दर्द सबसे ज्यादा परेशानी बनी हुई है। जो लोगों की लाइफस्टाइल को सुस्त बना देते हैं। फास्ट फूड और जंक फूड खाने से जवानी में ही जोड़ों की ऐंठन झेलनी पड़ सकती है। यूरिक एसिड (Uric acid) बढ़ने के पीछे क्या है कारण? और हाई यूरिक एसिड कितना खतरनाक हो सकता है? हाई यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के टिप्स क्या है? जानें आज के इस आर्टिकल में
यूरिक एसिड क्या है?
जानकारी के लिए बता दें यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक रसायन है। ये प्यूरीन पाये जाने वाले खाद्य पदार्थों की पाचन प्रक्रिया के दौरान बनता है। पोर्क, मुर्गा, मछली, मटन, गोभी, मशरूम, राजमा, सूखे मटर, और अधिन फैट वाले दूध में प्यूरीन अधिक पाया जाता है। प्यूरीन की मात्रा शरीर में ज्यादा बढ़ जाती है और गुर्दे उसे सही से फिल्टर नहीं कर पाते। ऐसे में बॉडी में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है और इसी के कारण से कई प्रकार की समस्याएं शरीर को घेर लेती हैं।
हाई यूरिक एसिड के लक्षण – Uric Acid Symptoms in Hindi
कुछ खाद्य पदार्थों में प्यूरीन (purine) होता है, जो पचने के बाद यूरिक एसिड (Uric acid) बनाता है। जब यह खून में अधिक मात्रा में हो जाता है तो आपको जोड़ों में दर्द, अकड़न-ऐंठन, सूजन, बार-बार पेशाब आना, उल्टी, पेशाब में रक्त आना, जी मिचलाना, गुर्दे की पथरी और गठिया जैसी हो समस्या हो सकती है।
हाई यूरिक एसिड के कारण
- खराब लाइफस्टाइल
- पानी का कम सेवन
- स्ट्रेस
- ज्यादा नॉन वेज खाना
- रात में ज्यादा खा लेना
- ठीक समय पर भोजन न करना
- देर रात तक जागना
क्यों खतरनाक है Uric acid का बढ़ना?
शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने से कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण सूजन, जोड़ों में दर्द, गाउट और गठिया जैसी परेशानियों का खतरा बढ़ने लगता है। इसके साथ-साथ ये किडनी के फंक्शन पर भी असर डालता है। ऐसे में अगर कोई डायबिटीज या हार्ट का रोगी है, तो उसके लिए परेशानी और भी ज्यादा बढ़ सकती है। यूरिक एसिड (uric acid) अगर शरीर में अधिक बढ़ जाए तो ये रक्त और यूरिन को काफी एसिडिक (acidic) भी बना सकता है।
हाई यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के टिप्स
दालें
दालों में प्यूरीन काफी होता है, जो यूरिक एसिड बढ़ाने के लिए जाना जाता है। लेकिन इस बात पर NCBI पर एक शोध प्रकाशित हुआ कि क्या दाल जैसा ताकतवर फूड गठिया या किडनी की पथरी बना सकता है। लेकिन उसमें पाया गया कि दालें या फलियों का सेवन करने से इन बीमारी का खतरा नहीं बढ़ता है।
दूध
आपको बता दें दाल की तरह ही दूध को लेकर भी लोगों के मन में भ्रम था कि दूध गठिया की बीमारी को बढ़ा देता है। लेकिन डॉक्टर की मानें तो दूध यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मददगार साबित हुआ है और गठिया के दर्द में भी राहत दिलाता है।
कॉफी
बता दें कि कॉफी के अंदर एसिड होता है, लेकिन यह एसिड पथरी बनाने वाले एसिड से बेहद अलग होता है। ये एसिड प्यूरीन के टूटने की गति को धीमा कर देता है। इसलिए डॉक्टर गठिया-पथरी के रोगी को रोजाना कॉफी पीने की सलाह देते है.
चेरी
जानकारी के मुताबिक बता दें चेरी खाने से यूरिक एसिड (Uric acid) कम होता है। यदि आप जोड़ों के दर्द की समस्या झेल रहे हैं, तो अपनी डाइट में चेरी जरूर शामिल करें। चेरी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो जोड़ों को स्वस्थ रखते हैं।
पानी
पानी हमारी अच्छी हेल्थ के लिए मददगार हैं इसलिए अपनी डाइट में पर्याप्त मात्रा में पानी आवश्यक शामिल करें। इससे गठिया और पथरी की बीमारी सही करने में मदद मिलती है। बता दें आप प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी जरूर पिए।