Uttar Pradesh News: हो जाएं तैयार! अब एसी-कूलर चलाना होगा मुश्किल, यूपी में बिजली बिल 30% तक बढ़ाने की तैयारी, पावर कॉरपोरेशन ने दिया प्रस्ताव
यदि आप उत्तरप्रदेश के बिजली उपभोक्ता है तो आपको एक बड़ा झटका लगने वाला है. उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव में लगभग 30% बिजली की दरों में वृद्धि होगी. ये अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है. अब बिजली की दरें 25-30% तक बढ़ सकती हैं.
Uttar Pradesh News: अगर आप उत्तर प्रदेश के बिजली उपभोक्ता हैं, तो आपकी जेब पर जल्द ही बड़ा बोझ पड़ने वाला है। पावर कॉरपोरेशन ने बिजली की दरों में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव नियामक आयोग (regulatory commission) को सौंप दिया है, जिसके तहत कीमतें 30 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। यह खबर लाखों परिवारों और उद्योगों के लिए किसी झटके से कम नहीं है।
पावर कॉरपोरेशन ने न केवल बिजली की दरों, बल्कि कनेक्शन शुल्कों को बढ़ाने की तैयारी कर ली है। बीते शुक्रवार को नियामक आयोग को सौंपे गए प्रस्ताव के अनुसार, सबसे ज्यादा मार ग्रामीण और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं पर पड़ने वाली है। शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को 35-40 फीसदी, जबकि ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को 40-45 फीसदी तक अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। वाणिज्यिक (commercial) और औद्योगिक क्षेत्रों (industrial areas) को भी 20-25 फीसदी और 15-18 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना होगा। कुल मिलाकर, औसत बढ़ोतरी 29-30 फीसदी तक पहुंच सकती है।
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इस प्रस्तावित बढ़ोतरी पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने तीखे सवाल उठाए हैं। परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस कदम को पूरी तरह से गलत ठहराया है।
उन्होंने कहा कि बिजली कंपनियों द्वारा दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता (ARR) के आंकड़े पहले ही सार्वजनिक हो चुके हैं और उपभोक्ताओं से आपत्तियां भी मांगी जा चुकी हैं। ऐसे में, 7 जुलाई से बिजली दरों पर सुनवाई शुरू होने से ठीक पहले इस तरह का श्रेणीवार (category wise) बढ़ोतरी का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
वर्मा ने याद दिलाया कि पिछले साल भी कॉरपोरेशन ने इसी तरह का प्रस्ताव दाखिल किया था, लेकिन तब भी सुनवाई चल रही थी और आयोग ने उसे खारिज कर दिया था।
उपभोक्ता परिषद (consumer council) का मानना है कि बिजली उपभोक्ताओं (electricity consumers) के कंपनियों पर करीब 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहे हैं। इसी आधार पर परिषद ने आयोग में बिजली दरों को 4 फीसदी तक घटाने का प्रस्ताव दिया है। एक तरफ जहां उपभोक्ता परिषद दरों में कमी की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ कॉरपोरेशन भारी बढ़ोतरी की तैयारी में है – यह स्थिति उपभोक्ताओं के लिए चिंताजनक है।
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| कैटेगरी | संभावित बढ़ोतरी |
| शहरी घरेलू | 35-40 फीसदी |
| ग्रामीण घरेलू | 40-45 फीसदी |
| कॉमर्शियल | 20-25 फीसदी |
| उद्योग | 15-18 फीसदी |
| औसत | 29-30 फीसदी |
क्या होगा बिजली कंपनियों का भविष्य?
बिजली दरों के साथ-साथ, उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण का मुद्दा भी गर्मा गया है। शासन ने नियामक आयोग से इस विषय पर सलाह मांगी है।
दरअसल, एनर्जी टास्क फोर्स ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण पर आयोग से राय लेने को कहा था। उत्तर प्रदेश सरकार इन दोनों निगमों के निजीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है।
निजीकरण के तहत, मौजूदा दो बिजली कंपनियों की जगह पांच नई कंपनियां बनाई जानी हैं। इन नई कंपनियों में निजी क्षेत्र की 51 फीसदी और सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी प्रस्तावित है। यह कदम बिजली क्षेत्र में बड़े बदलाव ला सकता है, लेकिन इसके साथ ही उपभोक्ताओं के लिए सेवाओं की गुणवत्ता और दरों को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
आने वाले दिनों में नियामक आयोग के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी होंगी। क्या उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी या उनकी जेब पर पड़ेगा भारी बोझ, यह देखना बाकी है।
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