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Uttar Pradesh: Oilseed production: उत्तर प्रदेश: तिलहन उत्पादन में सात सालों में दोगुनी वृद्धि, योगी सरकार की योजनाओं का असर

योगी सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं का कमाल, तिलहन उत्पादन में सात सालों में दोगुनी से ज्यादा बढ़ोतरी! सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 2017-18 में तिलहन की उपज 13.62 मीट्रिक टन थी, जो 2023-24 तक बढ़कर 28.15 मीट्रिक टन के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई है

Uttar Pradesh Oilseed production: पिछले सात वर्षों में उत्तर प्रदेश में तिलहन उत्पादन ने ऐतिहासिक उन्नति दर्ज की है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2017-18 में राज्य का तिलहन उत्पादन 13.62 लाख मीट्रिक टन था, जो 2023-24 में दोगुने से अधिक बढ़कर लगभग 28 लाख मीट्रिक टन हो गया है। इस उल्लेखनीय वृद्धि का श्रेय योगी सरकार की कृषि-हितैषी नीतियों और किसानों को दिए जा रहे सतत प्रोत्साहन को जाता है।

सरकार की योजनाएं बनीं बढ़ती पैदावार का आधार

योगी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और राज्य को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाओं को लागू किया है। इनमें किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, और आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराना प्रमुख हैं। इसके साथ ही किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत आर्थिक सहायता दी गई, जिससे वे आधुनिक उपकरण और साधन अपना सकें।

सरकार ने किसानों को पारंपरिक खेती से तिलहन और दलहन की खेती की ओर मोड़ने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए। कृषि विभाग द्वारा दिए गए प्रशिक्षण और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को बेहतर खेती की तकनीकों से जोड़ा गया।

खेती के लिए अनुकूल नीतियां और समर्थन मूल्य

योगी सरकार ने न केवल किसानों को तिलहन की खेती के लिए प्रेरित किया, बल्कि इसकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में भी वृद्धि की। इससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिलने लगा। सरसों, मूंगफली, सोयाबीन जैसी प्रमुख तिलहन फसलों की खेती करने वाले किसानों ने राज्य सरकार की नीतियों को सराहा है।

राज्य सरकार ने सिंचाई की सुविधाओं को भी बेहतर बनाया, जिससे सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भी तिलहन की खेती को बढ़ावा मिला। ‘हर खेत को पानी’ योजना के तहत किसानों को सिंचाई के साधन उपलब्ध कराए गए।

Increasing the agriculture budget, research and development, and providing financial support to farmers are the priorities of the government.

तकनीकी सहायता से किसानों को मिला फायदा

तिलहन उत्पादन में वृद्धि का एक अन्य बड़ा कारण कृषि में तकनीकी सहायता का बढ़ता उपयोग है। योगी सरकार ने किसानों को उन्नत तकनीकों, जैसे ड्रिप इरिगेशन, बायोफर्टिलाइजर, और हाई-यील्ड वैरायटी बीज, का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। किसानों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल ऐप्स के जरिए जानकारी उपलब्ध कराई गई, जिससे वे मौसम, बीज की गुणवत्ता, और बाजार मूल्य के बारे में समय पर जानकारी पा सकें।

कृषि विभाग ने क्लस्टर आधारित खेती को भी बढ़ावा दिया, जिससे किसानों को एक साथ बड़े क्षेत्र में तिलहन उगाने की सुविधा मिली। इससे न केवल उत्पादन में वृद्धि हुई, बल्कि बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य भी मिला।

किसानों की आय में बढ़ोतरी

सरकार की इन पहलों से न केवल उत्पादन बढ़ा है, बल्कि किसानों की आय में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। तिलहन की बढ़ी हुई पैदावार और MSP में सुधार से किसानों को आर्थिक सुरक्षा मिली है। किसानों का कहना है कि अब वे अन्य खर्चों, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य, पर ध्यान देने में सक्षम हो रहे हैं।

बरेली जिले के किसान रामपाल सिंह ने कहा, *”पहले हमारी फसल का सही दाम नहीं मिलता था। लेकिन अब सरकार की मदद से न केवल पैदावार बढ़ी है, बल्कि हम अपनी उपज को अच्छे दाम पर बेच पा रहे हैं। तिलहन की खेती हमारे लिए वरदान साबित हो रही है।”

खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता की ओर कदम

भारत अभी भी खाद्य तेल का एक बड़ा आयातक है, लेकिन उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तिलहन उत्पादन में वृद्धि से आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। सरकार ने राष्ट्रीय तिलहन मिशन के तहत राज्य को अग्रणी भूमिका निभाने की योजना बनाई है।

योगी सरकार का लक्ष्य न केवल उत्पादन बढ़ाना है, बल्कि तेल प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना कर रोजगार के नए अवसर भी पैदा करना है। इससे किसानों और छोटे व्यवसायियों दोनों को लाभ मिलेगा।
चुनौतियां और भविष्य की योजनाएं

हालांकि, तिलहन उत्पादन में वृद्धि के बावजूद कई चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं। मौसम की अनिश्चितता और कृषि भूमि का सीमित विस्तार जैसे मुद्दों से निपटने के लिए सरकार ने दीर्घकालिक योजनाएं बनाई हैं। कृषि बजट में बढ़ोतरी, अनुसंधान एवं विकास, और किसानों को वित्तीय सहयोग प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है।

उत्तर प्रदेश में तिलहन उत्पादन में दोगुने से अधिक की वृद्धि राज्य सरकार की प्रभावी नीतियों और किसानों की मेहनत का परिणाम है। आने वाले वर्षों में तिलहन उत्पादन में और सुधार की उम्मीद है, जिससे न केवल राज्य बल्कि देश को भी खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद मिलेगी।

Mansi Negi

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