Uttarakhand News: उत्तराखंड सरकार ने आंचल ब्रांड की ब्रांडिंग के लिए उठाए कड़े कदम
Uttarakhand government took strict steps for branding of Aanchal brand
उत्तराखंड सरकार ने राज्य में आंचल डेयरी उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए ठोस प्रयास शुरू कर दिए हैं। राज्य के दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इस दिशा में घोषणा की है कि आंचल दूध और अन्य डेयरी उत्पाद उच्च गुणवत्ता और पौष्टिकता से भरपूर हैं, लेकिन इन उत्पादों की व्यापक ब्रांडिंग और मार्केटिंग की आवश्यकता है।
आंचल उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए विशेष टेंडर जारी
सरकार ने आंचल डेयरी उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक विशेष टेंडर जारी किया है। सौरभ बहुगुणा के अनुसार, इस टेंडर के माध्यम से विशेषज्ञ कंपनियों की सेवाएं ली जाएंगी, जो इन उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग और ब्रांडिंग करेंगी। उन्होंने कहा कि आंचल डेयरी उत्पादों को दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख बाजारों तक पहुँचाने का लक्ष्य है, ताकि यह देशभर में एक पसंदीदा ब्रांड बन सके।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात
उत्तराखंड के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए महत्वपूर्ण “इकबालपुर नांगल परियोजना” पर चर्चा की। इस परियोजना के संबंध में एक प्रस्ताव सौंपा गया है, जिसका उद्देश्य दोनों राज्यों के किसानों को लाभ पहुंचाना है।
इकबालपुर नांगल परियोजना: कृषि भूमि को मिलेगा लाभ
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि इस परियोजना के तहत उत्तराखंड की 15,280 हेक्टेयर भूमि और उत्तर प्रदेश की 17,850 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी। यह परियोजना दोनों राज्यों के किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, विशेषकर उत्तराखंड के हरिद्वार, भगवानपुर, बहादराबाद, और रुड़की के किसानों के लिए। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के बलियाखेड़ी और नांगल क्षेत्र के किसानों को भी इससे सीधा लाभ मिलेगा।
72.8 किमी लंबी सिंचाई नहर
इस परियोजना में कुल 72.8 किलोमीटर लंबी सिंचाई नहर प्रस्तावित की गई है, जिसमें 35 किमी का हिस्सा उत्तराखंड में होगा। यह नहर खरीफ चैनल के नाम से जानी जाएगी और इसे धरातल पर उतारने से हरिद्वार के 78 गांवों और उत्तर प्रदेश के 85 गांवों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिलेगा।
परियोजना के लाभ
यह परियोजना उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के किसानों की जल समस्या को हल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। सिंचाई की सुविधा में सुधार होने से कृषि उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।