Uttarakhand News: मसूरी में गिरासू भवनों पर प्रशासन की कार्रवाई, बाटाघाट में हुई ध्वस्तीकरण की शुरुआत
Uttarakhand News: Administration takes action on dilapidated buildings in Mussoorie, demolition begins in Bataghat
Uttarakhand News: मसूरी: ऐतिहासिक शहर मसूरी में गिरासू भवनों को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई शुरू हो गई है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के तहत मसूरी नगर पालिका प्रशासन ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित 19 गिरासू भवनों को ध्वस्त करने का काम प्रारंभ कर दिया है। इनमें बाटाघाट, मोती लाल नेहरू मार्ग और राधाभवन स्टेट क्षेत्र शामिल हैं, जहां पहले चरण में कुछ भवनों को ध्वस्त किया गया है।
बाटाघाट में ध्वस्तीकरण की शुरुआत
पालिका के स्वामित्व में आने वाले बाटाघाट क्षेत्र में स्थित एक गिरासू भवन को प्रशासन द्वारा ध्वस्त किया गया। इसके साथ ही मोती लाल नेहरू मार्ग और राधाभवन स्टेट में भी भवनों को तोड़ने की कार्रवाई की गई है। इससे पहले प्रशासन ने सभी 19 गिरासू भवनों के स्वामियों को नोटिस जारी कर सात दिन का समय दिया था, जिसमें उनसे कहा गया था कि वे स्वयं अपने भवनों को ध्वस्त करें। इस नोटिस के जवाब में पांच भवन स्वामियों ने खुद ही ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
एनजीटी के निर्देश और कार्रवाई का आधार
मसूरी नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मसूरी के विभिन्न हिस्सों में भू-धंसाव और भवनों की स्थिति पर संज्ञान लिया था। सीआरआई रुड़की (सेंटर फॉर बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) द्वारा तकनीकी जांच के बाद इन 19 भवनों को गिरासू घोषित किया गया था। साल 2022 में इन भवनों को चिह्नित कर ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए थे, क्योंकि इनकी जर्जर स्थिति से कभी भी बड़ी जनहानि हो सकती थी।
अधिनियम के तहत कार्रवाई
नगर पालिका अधिनियम 1916 के प्रावधानों के अनुसार, मसूरी नगर पालिका ने इस कार्रवाई को अमल में लाने के लिए कदम उठाए हैं। नैथानी ने बताया कि पहले से ही दो भवनों को ध्वस्त कर उनका नया निर्माण किया जा चुका है, जबकि पांच अन्य भवनों का ध्वस्तीकरण भवन स्वामियों द्वारा किया जा रहा है। शेष भवनों पर भी ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया जारी है।
भवन स्वामियों की चिंताओं का समाधान
गिरासू भवनों को ध्वस्त करने के बाद उनके पुनर्निर्माण को लेकर भवन स्वामियों में संदेह था कि शायद उन्हें अनुमति मिलने में दिक्कत हो सकती है। लेकिन अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने स्पष्ट किया कि भवन स्वामी मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण से नक्शा पास कराने के बाद आसानी से निर्माण कर सकते हैं। इसके अलावा, सभी संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने में भी कोई समस्या नहीं होगी।
ध्वस्तीकरण की आवश्यकता और प्रशासन की सक्रियता
मसूरी के विभिन्न क्षेत्रों में पुराने और जर्जर भवनों का ध्वस्तीकरण इस बात का संकेत है कि प्रशासन जनहानि से बचाव और शहर की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण और सीआरआई रुड़की की रिपोर्टों के आधार पर इन भवनों की स्थिति बेहद चिंताजनक थी, और इन्हें ध्वस्त कर नए निर्माण की दिशा में कदम उठाना आवश्यक था।
इस ध्वस्तीकरण कार्रवाई से यह सुनिश्चित होगा कि मसूरी जैसे पर्यटन स्थल में सुरक्षित और टिकाऊ निर्माण किया जा सके, जिससे किसी भी तरह की अप्रिय घटना की संभावना को रोका जा सके।