उत्तराखंडः मसूरी में अतिक्रमण हटाओ अभियान का हुआ विरोध, महिलाओं ने मुख्य मार्ग पर लगाया जाम
महिलाओं का आरोप है कि प्रशासन उनके रोजगार को खत्म करने पर उतारु है। जिला प्रशासन व एमडीडीए ने देहरादून- मसूरी मार्ग पर 73 स्थानों को ध्वस्तीकरण के लिए चिन्हित किया है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत एसडीएम सदर नरेश चंद दुर्गापाल के नेतृत्व में 14 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया।
देहरादून। जिला प्रशासन व एमडीडीए अतिक्रमण के खिलाफ सख्त है। वहीं उसे विरोध भी झेलना पड़ रहा है। प्रशासन ने शुक्रवार को अभियान चलाकर तमाम अवैध निर्माणों को गिराया दिया।
इसके विरोध में शनिवार को स्थानीय महिलाओं ने देहरादून- मसूरी मार्ग पर जाम लगा दिया। इस कारण सैकड़ों पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। देहरादून- मसूरी मार्ग पर मसूरी के पानीवाला बैंड पर शनिवार को महिलाओं ने सड़क जाम कर दी। वे अतिक्रमण हटाओ अभियान को वापस लेने की मांग कर रही थीं।
महिलाओं का आरोप है कि प्रशासन उनके रोजगार को खत्म करने पर उतारु है। जिला प्रशासन व एमडीडीए ने देहरादून- मसूरी मार्ग पर 73 स्थानों को ध्वस्तीकरण के लिए चिन्हित किया है। अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत एसडीएम सदर नरेश चंद दुर्गापाल के नेतृत्व में 14 अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया।
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यह अभियान कुठालगेट से लेकर पानीवाला बैंड तक चलाया गया था। अभियान में ध्वस्त किये गये अतिक्रमणों में कई ढाबे, रेस्टोरेंट, दो निर्माणाधीन होटल भी शामिल हैं। मसूरी के कोल्हूखेत के पानीवाला बैंड में स्थानीय लोगों ने जाम लगाया।
इसकी सूचना मिलने पर मसूरी एसडीएम मौके पर पहुंचे। उन्होने महिलाओं को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे अभियान बंद करने की मांग पर अड़े थे। जब अधिकारियों ने जाम लगाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की बात कही, तो वे हटाने पर मान गये। बताया गया है कि अधिकारियों ने अभियान में लचीला रुख अपनाने के संकेत दिये हैं।