Uttarkashi Mosque dispute: उत्तरकाशी मस्जिद विवाद: महापंचायत में उभरी धार्मिक नगरी की मांग, प्रशासन ने 16 शर्तों पर दी अनुमति
Uttarkashi Mosque dispute:उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद पर हिंदू महापंचायत का आयोजन, रामलीला मैदान में जुटी भारी भीड़। रामलीला मैदान में महापंचायत शुरू, स्वामी दर्शन भारती सहित बड़ी संख्या में साधु-संत पहुंचे। मस्जिद मोहल्ले में सुरक्षा के लिए धारा 163 लागू।
Uttarkashi Mosque dispute: उत्तरकाशी (उत्तराखंड): उत्तरकाशी का ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण शहर एक बार फिर विवादों के केंद्र में है। मस्जिद विवाद को लेकर आयोजित हिंदू महापंचायत में हजारों की संख्या में लोग उमड़े, जहां साधु-संतों से लेकर स्थानीय ग्रामीणों तक ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। प्रशासन द्वारा सख्त निगरानी और 16 शर्तों के साथ दी गई इस महापंचायत की अनुमति के बाद पूरे शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
महापंचायत का आयोजन और प्रमुख वक्ता
उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में आयोजित इस महापंचायत में स्वामी दर्शन भारती, जो देवभूमि रक्षा अभियान के संस्थापक हैं, ने विशेष रूप से भाग लिया। उनके साथ ही गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान भी मंच पर मौजूद रहे। आयोजन में दूर-दराज के गांवों से आए हजारों लोग और साधु-संत एकत्र हुए। मंच से वक्ताओं ने उत्तरकाशी को धार्मिक नगरी घोषित करने की पुरजोर मांग की।
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वक्ताओं ने उत्तरकाशी की पौराणिक और धार्मिक महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह बाबा काशी विश्वनाथ और मां गंगा-यमुना के जन्मस्थान के रूप में हिंदू आस्था का केंद्र है। स्वामी दर्शन भारती ने कहा, “उत्तरकाशी सिर्फ एक शहर नहीं है, यह हिंदुओं की आस्था और संस्कृति की जीवंत परंपरा का प्रतीक है। इसे धार्मिक नगरी घोषित करना समय की मांग है।”
प्रशासन की सख्त शर्तें
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने महापंचायत की अनुमति देते समय 16 सख्त शर्तें लागू की थीं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण यह थी कि किसी भी प्रकार की भड़काऊ भाषणबाजी नहीं की जाएगी, जिससे समाज में तनाव उत्पन्न हो। इसके अतिरिक्त, महापंचायत के दौरान किसी भी व्यक्ति को लाठी, डंडा, तलवार या किसी अन्य हथियार के साथ प्रवेश की अनुमति नहीं थी। इसके साथ ही, प्रशासन ने मस्जिद मोहल्ले के 50 मीटर के दायरे में धारा 163 लागू कर दी है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
मस्जिद विवाद का मूल
यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ स्थानीय निवासियों ने एक भवन को “अवैध निर्माण” बताते हुए उसके मस्जिद के रूप में इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। महापंचायत में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया गया। गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने कहा, “उत्तरकाशी देवी-देवताओं का घर है। हमें अपने धार्मिक स्थलों और परंपराओं की रक्षा करनी होगी। यह अवैध भवन, जिसे मस्जिद का रूप दिया गया है, इसे हटाना होगा।”
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माहौल शांतिपूर्ण रखने की अपील
महापंचायत में वक्ताओं ने आक्रोशित जनता से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रशासन और सरकार को इस मसले पर गंभीरता से विचार करना चाहिए ताकि धार्मिक सौहार्द बना रहे। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूरे शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया है।
सामुदायिक तनाव की आशंका
हालांकि महापंचायत शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो रही है, लेकिन मस्जिद विवाद को लेकर स्थानीय समुदायों में तनाव की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन और पुलिस की नजर हर गतिविधि पर है। किसी भी प्रकार की अफवाह या हिंसक घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बलों को विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
निष्कर्ष
उत्तरकाशी का मस्जिद विवाद धार्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण बन गया है। महापंचायत में उठी मांगें और प्रशासन की सख्त निगरानी इस बात का संकेत हैं कि मामला कितना संवेदनशील है। अब यह देखना बाकी है कि सरकार और प्रशासन इस विवाद का समाधान किस तरह करते हैं और क्या उत्तरकाशी को धार्मिक नगरी घोषित करने की मांग को स्वीकार किया जाएगा या नहीं।
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