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Ajmer Sharif Dargah: पीएम मोदी के जन्मदिन पर अजमेर शरीफ दरगाह में परोसा जाएगा शाकाहारी लंगर

Vegetarian langar will be served at Ajmer Sharif Dargah on PM Modi's birthday

Ajmer Sharif Dargah: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 74वें जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर को अजमेर शरीफ दरगाह 4,000 किलोग्राम शाकाहारी “लंगर” भोजन तैयार कर वितरित करेगी।

दरगाह अधिकारियों द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में और “सेवा पखवाड़ा” के संयोजन में, अजमेर दरगाह शरीफ स्थित ऐतिहासिक एवं विश्व प्रसिद्ध “बड़ी शाही देग” का उपयोग एक बार फिर 4000 किलोग्राम शाकाहारी “लंगर” भोजन तैयार करने तथा वितरित करने के लिए किया जाएगा, जो 550 वर्षों से चली आ रही परंपरा को जारी रखेगा।”

दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन सैयद अफशान चिश्ती ने बुधवार को बताया कि, लोगों को शाकाहारी भोजन वितरित किया जाएगा।

उन्होंने बुधवार को कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर देशभर के धार्मिक स्थलों पर सेवा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर हम 4,000 किलो शाकाहारी भोजन तैयार करेंगे, जिसमें चावल और शुद्ध घी, सूखे मेवे शामिल होंगे और इसे वितरित किया जाएगा। इसके साथ ही गुरुओं और अपने आस-पास के गरीब लोगों को सेवा के तौर पर लंगर भी दिया जाएगा।”

सैयद अफशान चिश्ती ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर हम उनकी लंबी उम्र के लिए भी प्रार्थना करेंगे। बता दे कि, ये पूरा लंगर भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन और अजमेर शरीफ के चिश्ती फाउंडेशन के जरिए आयोजित किया जा रहा है।”

“दीग” जलाने से लेकर भोजन वितरण तक की पूरी प्रक्रिया अत्यंत श्रद्धा और सावधानी के साथ की जाती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु और साधक अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने आते हैं। समारोह की शुरुआत रात 10:30 बजे हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के अंदर “बड़ी शाही दीग” जलाने से होगी। विज्ञप्ति के अनुसार, शांति, एकता, समृद्धि और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भलाई के लिए विशेष प्रार्थना (दुआ) की जाएगी।

दरगाह अधिकारियों ने कहा, “प्रार्थनाओं में “सेवा पखवाड़ा” की सफलता और सभी नागरिकों की भलाई के लिए प्रार्थना भी शामिल होगी। बता दे कि, “देग” दुनिया के सबसे बड़े खाना पकाने वाले बर्तनों में से एक है, जो 4000 किलोग्राम तक खाना तैयार करने में सक्षम है और इसका उपयोग सदियों से “लंगर” परोसने के लिए किया जाता रहा है। रात भर चलने वाली खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान, भक्त और स्वयंसेवक प्रार्थना करने और “कुरान की आयतें”, “नात” (भक्ति गीत), और “मनकबत”, कव्वाली (संतों की प्रशंसा में कविताएँ) सुनाने के लिए एकत्र होंगे।”

सुबह भर वितरण जारी रहेगा, ताकि सभी उपस्थित लोग और आस-पास के समुदाय पवित्र भोजन में हिस्सा ले सकें। विज्ञप्ति के अनुसार, स्वयंसेवक संगठित तरीके से भोजन वितरित करने में मदद करेंगे।

दरगाह के अधिकारियों ने कहा, “कार्यक्रम का समापन राष्ट्र एवं समस्त मानवता के कल्याण के लिए कृतज्ञता एवं एकता की प्रार्थना के साथ होगा। यह कार्यक्रम न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के जश्न का प्रतीक है, बल्कि “सेवा” और सामुदायिक कल्याण की भावना को भी दर्शाता है, जो हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की शिक्षाओं के मूल में है।”

Chanchal Gole

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