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Sonam Chishti Resignation : किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम चिश्ती ने पद से दिया त्यागपत्र, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

Vice President of Kinnar Welfare Board, Sonam Chishti resigns from the post, makes serious allegations against the government

Lucknow : लोक सभा चुनाव 2024(Lok Sabha 2024) के परिणामों के बाद से ही, उत्तरप्रदेश (Uttarapradesh) सुर्खियों मे बना हुआ है। राजनीतिक उतार-चढ़ाव में अब एक और खबर जुड़ गई है। इस खबर ने राज्य को एक बार और हिला के रख दिया है। अभी हाल ही में किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष (दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री) सोनम चिश्ती उर्फ सोनम किन्नर ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। हालाँकि, सरकार ने अभी तक उनके त्यागपत्र को स्वीकार नहीं किया है। मीडिया से बातचीत के दौरान सोनम चिश्ती ने सरकारी अधिकारियों पर कई बड़े आरोप लगाए है। साथ ही कई बड़े खुलासे भी किए है। सोनम चिश्ती के इस कदम के बाद से राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सोनम चिश्ती के इस्तीफे और आरोपों ने राज्य में एक नई राजनीतिक बहस छेड़ दी है।

आखिर क्यों दिया त्यागपत्र?


किन्नर कल्याण बोर्ड की उपाध्यक्ष सोनम चिश्ती ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। उनका आरोप है कि सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है और उन्हें सुनवाई का मौका नहीं मिल रहा है। हालांकि, सरकार ने अभी तक उनके त्यागपत्र को स्वीकार नहीं किया है। मीडिया से बातचीत के दौरान सोनम चिश्ती ने सरकारी अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया है । उन्होंनें साथ ही बताया कि जब भी वह कोई प्रश्न उठाती हैं या किसी मुद्दे पर चर्चा करती हैं, तो अधिकारी उन्हें धमकी देते हैं। सोनम ने बताया कि उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री से शिकायत की है, लेकिन हर बार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर दिया गया।सोनम के इन आरोपों के बाद एक बार फिर नेताओं व कार्यकर्ताओं की सुनवाई न होने का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में कार्यकर्ताओं की नाराजगी का मामला उठा था।

लोकसभा में खराब प्रदर्शन पर दुख:


सोनम चिश्ती ने राज्यपाल को पत्र भेजकर कहा है कि वह लोकसभा चुनाव के परिणाम और भाजपा के खराब प्रदर्शन से आहत होकर हार की जिम्मेदारी लेती हैं। उन्होंने कहा कि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री रहते हुए वह भाजपा को मजबूत नहीं कर सकीं, इसलिए अपनी अंतरआत्मा से व्यथित होकर सरकारी पद से त्यागपत्र दे रही हैं।

समस्याओं का समाधान न होने पर निराशा


सोनम चिश्ती ने कहा, “मैं कई बार मुख्यमंत्री से मिल चुकी हूं और उनसे अपनी समस्याओं के बारे में चर्चा की है। लेकिन हर बार मुझे यही कहा गया कि आपकी समस्याओं का समाधान जल्द होगा। परंतु अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे हैं और मेरी बातों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।”

त्यागपत्र का विवरण


सोनम ने स्पष्ट किया कि वह भाजपा के संगठन को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य करती रहेंगी और पार्टी जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगी। उन्होंने अपने पत्र में यह विश्वास जताया कि उनके इस कदम से संगठन में सकारात्मक बदलाव आएंगे और भाजपा को फिर से मजबूत बनाने में मदद मिलेगी

राजनीतिक हलचल


सोनम चिश्ती के इस कदम के बाद से राज्य में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। कई संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में आवाज उठाई है और सरकार से उनकी समस्याओं का जल्द समाधान करने की मांग भी उठाई है। हालाँकि राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। सरकार के पास अब यह चुनौती है कि वह सोनम चिश्ती द्वारा लगाए गए आरोपों का किस प्रकार से सामना करती है और किस प्रकार से इस मुद्दे का समाधान करती है।

Mansi Negi

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