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Vikram S Rocket Launch: देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-S की सफल लॉन्चिंग, दो दोस्तों ने रचा इतिहास

भारतीयों ने दुनिया भर में अपनी कुशलता का लोहा मनवाया है. और विश्व को कई (Vikram S Rocket Launch) अविस्कार भी दिए हैं. इसी क्रम में अब एक और इतिहास रचा गया. क्योंकि अब हिंदुस्तान का पहला प्राइवेट रॉकेट अंतरिक्ष में दाखिल हो चुका है.

नई दिल्ली: भारतीयों ने दुनिया भर में अपनी कुशलता का लोहा मनवाया है. और विश्व को कई (Vikram S Rocket Launch) अविस्कार भी दिए हैं. इसी क्रम में अब एक और इतिहास रचा गया. क्योंकि अब हिंदुस्तान का पहला प्राइवेट रॉकेट अंतरिक्ष में दाखिल हो चुका है. इसी के साथ ही एक बार फिर से दुनिया भारत की तरफ उम्मीदों से देखने क् लिए मजबूर हो गया है. इसका श्रेय पवन कुमार चंदना और नागा भरत डका को जाता है. तो आपको बताते हैं. भारत के प्राइवेट रॉकेट अंतरिक्ष यात्रा की पूरी कहानी_

दोनों दोस्तों ने कंपनी चलाने का फैसला किया

बात साल 2018 की है. जब ISRO के साइंटिस्ट पवन कुमार चंदना और नागा भरत डका ने नौकरी छोड़कर अंतरिक्ष से जुड़ी अपनी कंपनी चलाने का फैसला (Vikram S Rocket Launch) किया. उस वक्त भारत में कोई प्राइवेट प्लेयर नहीं था. इसलिए IIT के इन दोनों पूर्व छात्रों का भविष्य भी धुंधला दिख रहा था. चंदना को IIT खड़गपुर में अंतरिक्ष और रॉकेटरी का चस्का लगा. यहां वो मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़ रहे थे.

IIT के बाद चंदना ने ISRO ज्वॉइन कर लिया. क्योंकि‘कॉलेज के बाद वो रॉकेट्स के दीवाने हो गए थे. ये शानदार मशीनें पृथ्वी की ग्रैविटी से बचकर अंतरिक्ष में जाने की ताकत रखती हैं. ये सब उन्हें आकर्षक लगता है. चंदना ने ISRO में 6 साल काम किया. वो ISRO में रॉकेट बनते और लॉन्च होते देखकर मोहित हो गए.

ISRO में ही चंदना की मुलाकात एक अन्य IITian नागा भरत डका से हुई. दोनों ने एक-दूसरे के सपनों को समझा और नौकरी छोड़ दी. 2018 में दोनों ने मिलकर (Vikram S Rocket Launch) स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरुआत की थी. अब आपको बताते हैं कि पवन कुमार चंदना और नागा भरत डका ने इन 4 सालों में क्या क्या किया.

स्काईरूट एयरोस्पेस की शुरूआत में क्या-क्या हुआ?

स्काईरूट एयरोस्पेस ने लॉन्चिंग के साथ ही रॉकेट की रफ्तार से उड़ान भरी है. किसी भी सरकारी एजेंसी को स्माल सैटलाइट बनाने में कम से कम 6 महीनों का समय लगता है. लेकिन जून 2018 में स्काईरूट एयरोस्पेस ने सिर्फ एक हफ्ते में स्माल सैटलाइट तैयार करने का वादा किया था. इस बात पर मिंत्रा कंपनी के फाउंडर मुकेश बंसल ने स्काईरूट एयरोस्पेस को 10.8 करोड़ रुपए की सीड फंडिंग की थी.

अगस्त 2020 में कंपनी ने अपने पहले लिक्विड प्रोपल्शन का सफल टेस्ट किया

सितंबर 2020 में पूरी तरह से लिक्विड नेचुरल गैस और लिक्विड ऑक्सीजन पर चलने वाले क्रायोजेनिक इंजन धवन-1 को 2 दिनों में तैयार किया

अक्टूबर 2020 में दुनिया में सबसे सस्ते दाम (Vikram S Rocket Launch) पर स्माल सैटलाइट लॉन्च व्हीकल बनाने के लिए स्पेस लॉन्च व्हीकल कैटेगरी में नेशनल स्टार्ट-अप अवॉर्ड जीता

दिसंबर 2020 में स्काईरूट भारत की सॉलिड इंजन प्रोपल्शन रॉकेट स्टेज का सफल परीक्षण करने वाली पहली प्राइवेट कंपनी बनी

सितंबर 2021 में कंपनी ने ISRO ने साथ एक समझौता किया। जिसमें ISRO रॉकेट लॉन्चिंग में मदद करेगी

नवंबर 2021 में कंपनी ने अपने पहले 3-D प्रिंटेड अपर स्टेज लिक्विड प्रोपल्शन इंजन की सफल टेस्टिंग की

जनवरी 2022 में कंपनी को गूगल के फाउंडिंग बोर्ड मेंबर राम श्रीराम से 34 करोड़ रुपए की सीरीज बी फंडिंग मिली

मई 2022 में नेशनल टेक्नोलॉजी डे पर भारत सरकार ने कंपनी को टेक्नोलॉजी स्टार्ट-अप अवॉर्ड दिया

मई 2022 में कंपनी ने विक्रम-1 रॉकेट स्टेज इंजन की सफल टेस्टिंग की

नवंबर 2022 में देश के पहले प्राइवेट रॉकेट को लॉन्च करने की पूरी तैयारी है

देश का पहला प्राइवेट रॉकेट श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया

प्राइवेट कंपनियों के आने का रास्ता खुलेगा

अब स्काईरूट एयरोस्पेस की टीम में ISRO और DRDO के 35 साइंटिस्ट्स है। ये दुनिया में सॉलिड और लिक्विड प्रोपल्शन स्टेज पर काम करने वाली चुनिंदा कंपनियों (Vikram S Rocket Launch) में से एक है. स्काईरूट एयरोस्पेस कंपनी ने विक्रम सीरीज के रॉकेट को डेवलेप किया है. विक्रम-S रॉकेट की लॉन्चिंग से भारत में स्पेस सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों के आने का रास्ता खुलेगा. जिसे 2020 में प्राइवेट सेक्टर के लिए खोला गया था.

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Neetu Pandey

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