Manipur violence: मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। लगातार मणिपुर जातीय हिंसा की आग में धधक रहा है। इस आग में अब तक कि ना जानें कितनी जिंदगियों समा गई है। कई घर बस्तियां जलकर खाक हो गए है। जातीय हिंसा ने सियासती रूप भी लिया। मणिपुर की हिंसा को लेकर राज्य सरकार से लेकर केंद्र सरकार तक घेराव देखने को मिला। वहीं लगातार राज्य के सीएम बीरेन से इस्तीफें की भी मांग की गई। इस पूरे मामलें में राहुल गांधी भी पीछे नहीं रहे हैं वो भी अपनी मोहब्बत की दुकान से पीडितों को राहत पैकेज देने के लिए पहुंचे थे। विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी इस हिंसा के जरिए अपनी सियासती रोटियां सेकती नजर आई है। मणिपुर की हिंसा में अब तक के तमाम पड़ाव देखने को मिलें है। मणिपुर हिंसा में अमित शाह ने भी चिंता जताते हुए उच्च स्तर की बेठक की थी।
मणिपुर में फिर से एक बार हिंसा और भी उग्र हो गई। राज्य के थौबल जिले में उग्र भीड़ ने इस बार इंडियन रिजर्व बटालियन आईबीआई (IRB) के जवान के मकान पर आग ला दी जिससें की मणिपुर की हिंसा में आग में घी डालने का काम किया है। जिससें शस्त्रागार से हथियार लूटने के प्रयासों के विफल कर दिया। इतना ही नहीं मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा ने हालातों को और भी बद्दतर कर दिया है। मणिपुर में पहले से ही हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे थे। हर दूसरे चौथे दिन हिंसा विकराल रूप ले लेती है। इससे पहले भी 700- 800 लोगों की भीड़ ने चार किलोमीटर दूर वांगबल में आईबीआई शिविर से हथियार लूटने के प्रयास किए गए थे उस दौरान भारी नुकसान हुआ था जिसमें सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़प में 27 साल के व्यक्ति की मौत हो गई थी। जिसकी वजह हिंसा और भी विभत्स हो गई और माहौल भी गरमा गया। मरने वाले की पहचान रोनाल्डो के रूप में हुई थी।
इस हिंसा के बाद सुरक्षा कार्यों ने बताया कि सभी जवानों ने अपना कर्तव्य बखूबी निभाया और दंगाईयों को पुलिस ने हथियारों को लूटने नहीं दिया। इतना ही नहीं ये जानकारी भी सामने निकलकर आई है कि राज्य पुलिस और केंद्रीय बलों की संयुक्त टीम ने कांगोपी, इंफाल पश्चिम और चुराचांदपुर में चार बंकरों को नष्ट कर दिया।