दिल्लीराजनीति

दिल्ली सरकार को दिया सुप्रीम कोर्ट ने झटका ! अब केजरीवाल सरकार को इन पदों पर नियुक्त से पहले लेनी होगी एलजी की मंजूरी

Supreme Court: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एलजी विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच विवाद रुकने का नाम नही लें रहा है. ताजा खबर आई है कि दिल्ली सरकार सेवा विभाग ने 5 जुलाई यानि की बुधवार को दिल्ली सरकार के तहत आने वाले सभी सेक्टरों, बोर्ड, आयोगों और स्वायत्त निकायों को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि अब फेलो और सलाहकारों की नियुक्ति वो नहीं कर पाएंगे.

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कहां से शुरू हुई कहानी?
दरअसल 11 मई 2023 को दिल्ली सरकार बनाम केंद्र के एक केस में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने फैसला सुनाया, जिसमें ये स्पष्ट कर दिया गया था कि अब दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग (transfer-posting) का अधिकार उप-राज्यपाल (lieutenant governor) के पास नहीं बल्कि दिल्ली की सरकार के पास होगा. इस फैसले के बाद जैसे ही सुप्रीम कोर्ट बंद हुआ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया.

अरविंद केजरीवाल ने 6 जुलाई यानि आज गुरुवार को ट्वीट कर कहा, ‘ये तो पूरी तरह से दिल्ली सरकार और उसकी सेवाओं का गला घोंट देगा। मुझे नहीं पता कि ये सब करके LG साहब को क्या मिलेगा? मैं उम्मीद करता हूं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इसे तत्काल रद्द करें।’

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दिल्ली सेवा विभाग (Delhi Service Department) ने इससे पहले 5 जुलाई यानि बुधवार को केजरीवाल सरकार के तहत आने वाले सभी सेक्टरों, बोर्ड, आयोगों और स्वायत्त निकायों (autonomous bodies) को पत्र लिखकर उपराज्यपाल (lieutenant governor) की मंजूरी के बिना नियुक्ति रोकने को कहा।

दिल्ली सरकार सेवा विभाग की ओर से पत्र ऐसे वक्त पर लिखा गया है जब कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के उपराज्यपाल V.K सक्सेना ने भर्ती में कथित अनियमितताओं का हवाला देते हुए विभिन्न सेक्टरों में अरविंद केजरीवाल सरकार की ओर से नियुक्त लगभग 400 ‘Experts’ की सेवाओं को खत्म कर दिया गया था। इस फैसले को आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने ‘असंवैधानिक’ बताया था और वह इसे कोर्ट में चुनौती देने का प्लान बना रही है।

जानकारी के मुताबिक बता दें 19 मई को केंद्र में अध्यादेश लागू होने के बाद दिल्ली सरकार सेवा विभाग का नियंत्रण भी LG के हाथों में आ गया है. जिसके बाद LG V K सक्सेना ने एक फैसला लेते हुए दिल्ली सरकार के 23 प्रमुख सेक्टरों, बोर्डों, निगमों, सोसायटियों और स्वायत्त निकायों (autonomous bodies) में विशेषज्ञ के तौर पर काम पर रखे गए चार सौ से अधिक प्राइवेट विभागों में नौकरी कर रहे लोगों को हटा दिया. LG v.k सक्सेना के इस फैसले के बाद से केजरीवाल सरकार (kajriwal government) और राजनिवास के बीच विवाद पहले से ज्यादा बढ गया है. अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind kajriwal government) LG के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के संकेत दिए है.

Prachi Chaudhary

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