ट्रेंडिंगन्यूज़

World Economy: कर्ज में दबता जा रहा रुस, लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के चलते रुकेगा युद्ध?

रूस-यूक्रेन युद्ध का असर पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर देखा जा रहा है औऱ अब खुद रूस भी भारी भरकम कर्ज के नीचे दबता नजर आ रहा है. जिससे आने वाले समय में भारत में भी महंगाई बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. (World Economy)

युद्ध का महंगाई पर गहरा असर

कई महीनों से जारी यूक्रेन से युद्ध रूस के लिए महंगा साबित हो रहा है क्योकि कई महीनों से जारी युद्ध पर हो रहे खर्च से क्रेमलिन की (World Economy) अर्थव्यवस्था डगमगा रही है. इसलिए रूस सरकारी खजाना बढ़ाने के तरीकों पर तेजी से काम कर रहा है. इसी क्रम में रूस ने डेब्ट बॉन्ड जारी करके निवेशकों से 11 बिलियन पाउंड से ज्यादा की रकम जुटाई है, (World Economy) इसके साथ ही रूस ने पिछले दिनों 11.4 बिलियन पाउंड का ऋण बॉन्ड जारी किया.

ऋण बॉन्ड से राशि जमा करने का रिकॉर्ड

ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रूस के इतिहास में एक दिन में इतने बड़े पैमाने पर ऋण बॉन्ड से राशि जुटाने का रिकॉर्ड है वहीं लंबे समय से जारी युद्ध में सेना का खर्चा भी अब रुस के लिए भारी लग रहा है (World Economy) क्योंकि हाल ही में खबर आयी है कि, यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच अगले साल रूस के सैन्य खर्च में 40 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है, सरकार के कोष पर पड़ने वाले भार को पूरा करने के लिए रूस ने इस तरह का कदम उठाया है रूस ये भी चाहता है कि यूक्रेन से युद्ध की वजह से सरकारी खजाने पर दबाव न पड़े इसी कारण रूस किसी भी तरह से ज्यादा पैसे जुटाने में लगा हुआ है (World Economy)

रुस के भारी पड़ रहा सेना का खर्चा उठाना

रुस-यूक्रेन युद्ध में जहां एक तरफ यूक्रेन को अमेरिका समेत सभी यूरोपीय देशों ने सहायता दी वहीं इस दौरान रुस ने अकेला युद्ध का खर्चा उठाया है लेकिन अब सेना का भारी-भरकम खर्च इसके साथ ही कई तरह के बैन मुश्किल खड़ी कर रहे हैं. इस युद्ध में कितना खर्च करना पड़ रहा है, (World Economy) फिलहाल इसकी सटीक गणना करना मुश्किल है लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक इस युद्ध से रूस ने कम से कम 14 बिलियन पाउंड की कीमत के हथियार खो दिए हैं वहीं रूस पर अलग-अलग देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंध, वहां के लोगों के कामकाजी जीवन में आई बाधा और  कामकाजी और बेरोजगारी के चलते अर्थव्यवस्था में और भी बड़ा संकट पैदा हो सकता है। (World Economy)

रुस की अर्थव्यवस्था पर खतरा

इस युद्ध का असर जहां यूरोपीय देशों औऱ खुद रुस पर पड़ रहा है. भारतीय वित्त मंत्रालय ने भी एक रिपोर्ट जारी करते हुए बताया है कि वैश्विक ग्रोथ में गिरावट, (World Economy) उच्च महंगाई और बिगड़ते वित्तीय हालात के चलते वैश्विक आने का खतरा बढ़ गया है यानी इस रिपोर्ट के अनुसार उच्च महंगाई दर के चलते कई विकसित देशों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी देखने को मिली है और महंगे कर्ज और उच्च महंगाई दर का असर ग्लोबल इकॉनमिक एक्टिविटी पर पड़ा है. (World Economy)

ये भी पढ़ें: FIFA World Cup 2022: कतर ने फीफा वर्ल्ड कप में दर्ज की अब तक की सबसे शर्मनाक रिकॉर्ड, 92 साल में सबसे खराब प्रदर्शन

वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना आने के बाद घरेलू और ग्लोबल कारणों के चलते भारत में महंगाई के डायनमिक्स पर बड़ा असर पड़ा है तो वहीं 2020 में ग्लोबल कमोडिटी प्राइसेज में गिरावट के चलते होलसेल महंगाई दर में कमी हुई कोरोना वायरस की वजह जो रोक लगाई गई थी उसकी वजह से खुदरा महंगाई में तेजी देखी गई और 2021 में सप्लाई चेन की दिक्कतों के चलते ग्लोबल कमोडिटी के कीमतों में इजाफा हुआ और 2022 में रूस-यूक्रेन के युद्ध के बाद कमोडिटी के दामों में भारी उछाल आया (World Economy) इसके साथ ही वैश्विक आर्थिक स्लोडाउन के चलते भारत के एक्सपोर्ट में कमी आ सकती है हालांकि मजबूत घरेलू डिमांड, निवेश और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स की वजह से आर्थिक विकास को गति देने में मदद मिलेगी। (World Economy)

कोरोना और रुस-यूक्रेन युद्ध ने गिरायी अर्थव्यवस्था

कोरोना से लेकर रुस-यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को अब महंगाई के मुंह ने धकेल दिया है और अभी आने वाले समय में अर्थव्यवस्था (World Economy) पर ये दबाव कितना बढ़ जाता है आने वाला वक्त बताएगा।

political news
Neetu Pandey

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button