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Waqf Board Bill: वक्फ संशोधन बिल अब JPC के हवाले

Waqf amendment bill now handed over to JPC

Waqf Board Bill: वक्फ संशोधन बिल को लेकर देशभर में राजनीतिक सरगर्मी है। सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं। मगर यह विवाद क्यों मचा ? वक्फ का मतलब क्या है? यहां जानें सब कुछ

लोकसभा में आज यानि गुरूवार को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन से जुड़े 2 अहम बिलों को पेश कर दिया है. वक्फ बोर्ड कानून में संशोधन बिल पेश होते ही लोकसभा (Loksabha) में हंगामा शुरू हो गया है. इसके बाद रिजिजू ने बताया कि सरकार ने वक्फ (संशोधन) बिल को ज्‍वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेज दिया है.

वक्फ बोर्ड बिल ज्‍वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को भेजा गया

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को ज्‍वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) को भेजने का प्रस्ताव रखा. । सरकार ने लोकसभा में पेश किए गए वक्फ (संशोधन) 2024 विधेयक का आगे जांच करने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति से अनुरोध किया है। इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक के बारे में सदस्यों की चिंताओं के जवाब में कहा, “संसद सदस्यों को किसी भी धर्म से जोड़ना सही नहीं है।” हम वक्फ बोर्ड में विभिन्न धार्मिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को शामिल करने के खिलाफ वकालत नहीं कर रहे हैं।

इससे पहले लोकसभा में अपने भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक से न तो किसी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता का हनन हुआ है और न ही किसी संवैधानिक प्रावधान का। कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चूंकि वक्फ अधिनियम 1995 अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असमर्थ रहा, इसलिए जो लक्ष्य आप प्राप्त नहीं कर पाए, उसे प्राप्त करने के लिए संशोधन प्रस्तुत किया गया है।

जबकि कई सांसदों ने उन्हें बताया कि वक्फ बोर्ड माफियाओं द्वारा चलाया जाता है, उन्होंने दावा किया कि विपक्ष इस मामले का राजनीतिकरण करने और मुसलमानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है ताकि बिल के प्रति उनके प्रतिरोध को सही ठहराया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ अधिनियम 1995 में कुछ प्रावधान हैं, लेकिन कोई भी कानून संविधान को खत्म नहीं कर सकता।

लोकसभा में किरेन रिजिजू ने बताए कई मामले

अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने कई मुद्दों पर बोलते हुए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक 2024 पर चर्चा की। उन्होंने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली गांव में हुई एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यहां 1500 साल पुराना मंदिर है। जब एक ग्रामीण अपनी जमीन बेचने गया तो उसे बताया गया कि उसकी बस्ती की जमीन वक्फ की है।

2012 की अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक वक्फ बोर्ड की 29,000 एकड़ जमीन को व्यावसायिक उपयोग के लिए बदल दिया गया, जबकि वक्फ की जमीन का उपयोग केवल दान और धार्मिक उद्देश्यों के लिए ही किया जा सकता है। इसके अलावा, इसमें कहा गया है कि सूरत नगर निगम के पूरे मुख्यालय को वक्फ की संपत्ति के रूप में नामित किया गया था।

वक्फ बोर्ड के पास इतनी संपत्तियां

यह सच्चर कमेटी की रिपोर्ट है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री द्वारा किए गए शोध के अनुसार, 320 वक्फ संपत्तियां, यानी 8 लाख 72 हजार, हमारे प्लेटफॉर्म पर नहीं जोड़ी जा सकती हैं। इसकी कीमत शायद इससे कहीं ज़्यादा है। वक्फ बोर्ड की कमाई और संपत्ति की हिस्सेदारी जगजाहिर है।

वक्फ बोर्ड क्या होता हैं?

वक्फ संपत्ति की देखरेख वक्फ बोर्ड करता है। इसे कानूनी दर्जा प्राप्त है। हर राज्य में वक्फ बोर्ड होता है। वक्फ बोर्ड के पास संपत्ति पंजीकृत कराना अनिवार्य है। बोर्ड द्वारा संपत्तियों का पंजीकरण, प्रबंधन और सुरक्षा की जाती है। राज्यों में बोर्ड का अध्यक्ष प्रभारी होता है। देश में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड दो प्रकार के होते हैं।

कौन होता है वक्फ बोर्ड का सदस्य?

वक्फ बोर्ड भी मुकदमा दायर कर सकता है। (waqr board member) बोर्ड के सदस्यों में अध्यक्ष के अलावा इस्लामी विद्वान, मुस्लिम सांसद और विधायक, राज्य बार काउंसिल के सदस्य और राज्य सरकार के अधिकारी शामिल होते हैं।

क्या करता है बोर्ड?

वक्फ की संपत्तियों की देखरेख के अलावा, बोर्ड वक्फ से प्राप्त उपहारों का उपयोग मस्जिदों, स्कूलों, कब्रिस्तानों और रात्रि आश्रयों के निर्माण और रखरखाव के लिए करता है।

विवाद का कारण?

इस बिल पर असहमति का मुख्य कारण वक्फ बोर्ड की संपत्ति है। दरअसल, देश में कुल 32 वक्फ बोर्ड हैं। इनके बीच तालमेल के लिए केंद्र सरकार के अल्पसंयख्क मामलों के मंत्रालय की ओर से सेंट्रल वक्फ काउंसिल बनाया गया। यह वक्फ बोर्ड के संचालन से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार को सलाह देती है। 1995 में वक्फ अधिनियम में संशोधन किया गया और प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को वक्फ बोर्ड स्थापित करने का अधिकार दिया गया। वर्तमान में देश का वक्फ बोर्ड आठ लाख एकड़ भूमि पर फैला हुआ है। साल 2009 में यह संपत्ति चार लाख एकड़ हुआ करती थी। इन जमीनों में ज्यादातर हिस्सों में मस्जिद, मदरसा और कब्रिस्तान हैं। दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं। अचल सपंत्ति के लिहाज से देखा जाए तो वक्फ बोर्ड देश में रेल व सेना के बाद तीसरे सबसे बड़े जमीन के मालिक हैं।

Prachi Chaudhary

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