Weather Update: 2025 में होगी रिकॉर्ड तोड़ बारिश, इन राज्यों में जल्द दस्तक!
IMD के अनुसार, मध्य और दक्षिण भारत में जून में सामान्य से ज्यादा वर्षा होने की उम्मीद है. सामान्य से 106 प्रतिशत से ज्यादा वर्षा की उम्मीद है. जबकि पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना जताई गई है. दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य वर्षा की उम्मीद है. इस क्षेत्र में 92-100% वर्षा होने की संभावना है.
Weather Update: मौसम विभाग (IMD) ने मानसून को लेकर अपना ताजा पूर्वानुमान जारी कर दिया है, और इस बार का अनुमान हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला है। IMD के मुताबिक, इस साल मानसून सीजन में देश में सामान्य से भी ज्यादा बारिश होने वाली है! जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना, सामान्य से अधिक वर्षा का ये पूर्वानुमान देश की अर्थव्यवस्था, खासकर कृषि क्षेत्र के लिए अमृत समान है।
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खुशखबरी! सामान्य से 106% बारिश का अनुमान
IMD ने अपने अपडेटेड पूर्वानुमान में बताया है कि जून से सितंबर तक चलने वाले मानसून सीजन में देश में दीर्घावधि औसत (LPA) की 106% बारिश होगी। आपको बता दें कि भारत में दीर्घावधि औसत वर्षा 868.6 मिमी है। यानी इस बार सूखे की चिंता छोड़ दीजिए, क्योंकि आसमान से जमकर मेघ बरसने वाले हैं। अप्रैल में लगाए गए पूर्वानुमान से भी बेहतर है ये ताजा आकलन, जो वाकई उत्साहजनक है।
जून में भी बरसेंगे बादल, मिलेगी गर्मी से राहत
मानसून का पहला महीना, यानी जून 2025 भी देशभर में सामान्य से अधिक वर्षा वाला रहने वाला है। भारत के अधिकांश हिस्सों में झमाझम बारिश की उम्मीद है, हालांकि दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों और उत्तर-पश्चिम व पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में थोड़ी कम बारिश हो सकती है। लेकिन ये शुरुआती बारिश किसानों के लिए वरदान साबित होगी, क्योंकि इससे बुवाई के काम में तेजी आएगी और भूजल स्तर भी रिचार्ज होगा।
कहीं राहत, कहीं थोड़ी तपन
जून महीने के लिए तापमान का पूर्वानुमान थोड़ा मिलाजुला है। देश के ज्यादातर हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहने की उम्मीद है, यानी गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी। लेकिन उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत के कई इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रह सकता है। वहीं, न्यूनतम तापमान अधिकांश जगहों पर सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है, सिवाय मध्य भारत और दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों के, जहां रातें थोड़ी ठंडी हो सकती हैं।
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मानसून की रफ्तार, इन राज्यों में जल्द दस्तक
दक्षिण-पश्चिम मानसून ने इस बार भी अपनी रफ्तार दिखाई है! सामान्य शुरुआत की तारीख 1 जून से पहले ही, 24 मई को केरल में मानसून की दस्तक हो चुकी है। अब अगले 2-3 दिनों में ये मॉनसूनी हवाएं महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कुछ हिस्सों तक पहुंचने वाली हैं। इसके साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों के बाकी हिस्से और पश्चिम बंगाल व सिक्किम के कुछ हिस्सों में भी मानसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम अनुकूल है। IMD ने कहा है कि जून से सितंबर 2025 के दौरान, उत्तर-पश्चिम और पूर्वी भारत के कुछ क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कई क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। जुलाई के पूर्वानुमान के लिए हमें जून के अंतिम सप्ताह का इंतजार करना होगा।
किसानों के चेहरे पर रौनक, अर्थव्यवस्था को मिलेगी बूस्टर डोज
यह सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश देश के करोड़ों किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इससे खरीफ फसलों की बंपर पैदावार की उम्मीद है, जो सीधे तौर पर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी। कृषि लाखों भारतीयों की आजीविका का मुख्य स्रोत है, ऐसे में अच्छी बारिश से उनकी खुशहाली तय है। पिछले पांच सालों में, मानसून दो बार (2022 और 2024 में) जल्दी आया है, जो एक अच्छा संकेत है।
कृषि प्रधान क्षेत्रों में जमकर होगी बारिश
मध्य और दक्षिण भारत, जो कृषि उत्पादकता के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, वहां मानसून का पूर्वानुमान काफी आशाजनक है। इन क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य वर्षा की उम्मीद है। हालांकि, पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है, जिस पर निगाहें बनी रहेंगी। सबसे अहम बात ये है कि मानसून कोर जोन, जो भारत के अधिकांश वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों को कवर करता है, में भी सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है। यह एक सफल खरीफ फसल के मौसम की मजबूत नींव रखेगा।
36 में से 34 उप-विभागों में खुशी की बौछार
मौसम विभाग के विस्तृत पूर्वानुमान के अनुसार, देश के 36 में से 34 उप-विभागों में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है। इसमें पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे प्रमुख कृषि राज्य शामिल हैं। केवल अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है, जबकि कुछ पूर्वोत्तर और पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग सामान्य वर्षा हो सकती है।
ये अच्छी बारिश फसल उत्पादन में वृद्धि लाएगी, सिंचाई प्रणालियों पर दबाव कम करेगी और ग्रामीण आजीविका को सहारा देगी।
हालांकि, मौसम विभाग ने नागरिकों और संबंधित अधिकारियों से संभावित चुनौतियों जैसे बाढ़, जलभराव और भूस्खलन के प्रति सतर्क रहने का भी आग्रह किया है। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों और स्वच्छता संबंधी मुद्दों के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को भी तैयार रहने की सलाह दी गई है। कुल मिलाकर, इस बार का मानसून देश के लिए ढेर सारी खुशियां और तरक्की लेकर आने वाला है!
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