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Mann ki Baat: चार महीने बाद ‘मन की बात’ में PM ने क्या कहा?

What did PM Modi say in 'Mann Ki Baat' after four months?

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ रविवार (30 जून) यानी आज फिर से शुरू हो गया। इस दौरान pm modi ने कई मुद्दों पर बात की। मन की बात के 111वें संस्करण में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वो दिन आ ही गया जिसका हम सभी फ़रवरी से इंतजार कर रहे थे| मैं mann ki baat’ के माध्यम से एक बार फिर आपके बीच, अपने परिवारजनों के बीच आया हूं। एक बड़ी प्यारी सी उक्ति है- ‘इति विदा पुनर्मिलनाय’ इसका अर्थ भी उतना ही प्यारा है, मैं विदा लेता हूं, फिर मिलने के लिए | इसी भाव से मैंने फरवरी में आपसे कहा था कि चुनाव नतीजों के बाद फिर मिलूंगा और आज, ‘mann ki baat’ के साथ, मैं, आपके बीच फिर हाजिर हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि mann ki baat रेडियो प्रोग्राम भले ही कुछ महीने बंद रहा हो, लेकिन ‘मन की बात’ का जो आत्मा है देश में, समाज में, हर दिन अच्छे काम, निस्वार्थ भावना से किए गए काम, समाज पर सकारात्मक असर डालने वाले काम निरंतर चलते रहे| चुनाव की खबरों के बीच निश्चित रूप से मन को छू जाने वाली ऐसी खबरों पर आपका ध्यान गया होगा।

उन्होंने कहा कि मैं आज देशवासियों को धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने हमारे संविधान और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं पर अपना अटूट विश्वास दोहराया है। 2024 का चुनाव, दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव था। दुनिया के किसी भी देश में इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कभी नहीं हुए, जिसमें 65 करोड़ मतदाता मतदान करते हैं। इसके लिए मैं चुनाव आयोग और मतदान प्रक्रिया में भाग लेने वाले सभी लोगों की सराहना करता हूँ।

उन्होंने आगे कहा कि 30 जून का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। ‘हूल दिवस’ वह दिन है जिस दिन हमारे आदिवासी भाई-बहन जश्न मनाते हैं। यह दिन वीर सिद्धू-कान्हू की अदम्य बहादुरी का सम्मान करता है, जिन्होंने विदेशी शासकों द्वारा किए गए अपराधों का डटकर मुकाबला किया। क्या आप जानते हैं कि वीर सिद्धू-कान्हू ने सैकड़ों संथाल सहयोगियों को एकजुट करके अंग्रेजों से पूरी ताकत से युद्ध किया था? यह घटना 1855 में घटित हुई थी, या भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से दो वर्ष पूर्व, जो 1857 में झारखंड के संथाल परगना में छिड़ा था, जब हमारे आदिवासी भाइयों ने विदेशी आधिपत्यवादियों के विरुद्ध हथियार उठाये थे।

एक पेड़ मां के नाम’

PM मोदी के मुताबिक, अगर मैं आपसे दुनिया के सबसे अनमोल रिश्ते का नाम पूछूं, तो आप निस्संदेह जवाब देंगे, “माँ।” हमारे जीवन में, “माँ” सर्वोच्च स्थान पर है। सभी कष्ट सहने के बाद भी, एक माँ अपने बच्चे की देखभाल करती है। हर माँ अपने बच्चे को अपना पूरा समर्पण देती है। देने वाली माँ का यह प्यार एक कर्ज की तरह है जिसे हम में से कोई भी चुका नहीं सकता। आपको बता दें अमीर हों या गरीब, गृहिणियाँ हों या कामकाजी महिलाएँ, अपनी माताओं के लिए पेड़ लगा रहे हैं। इस पहल से अब सभी को अपनी माताओं को यह दिखाने का समान अवसर मिलता है कि वे उनकी कितनी परवाह करते हैं। #Plant4Mother और #Ek_Ped_Maa_Ke_Naam हैशटैग के साथ अपनी तस्वीरें साझा करके वे दूसरों को प्रेरित कर रहे हैं।

कुछ खास तरह के छातों के बारे में की चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने “मन की बात” में अपने भाषण में एक अनोखे प्रकार के छाते का जिक्र किया। हमारा केरल राज्य इन छातों का उत्पादन करता है। इसके बावजूद केरल की परंपरा में छतरियों को विशेष महत्व दिया जाता है। वहां, छतरियां विभिन्न रीति-रिवाजों और समारोहों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। हालाँकि, मैं जिस छतरी की बात कर रहा हूँ वह “कार्थम्भी छाता” है, जो केरल के अट्टापडी में बनती है।

उन्होंने कहा कि ये जीवंत छतरियां वाकई बहुत प्यारी हैं। और जो बात उन्हें अद्वितीय बनाती है, वह यह है कि ये छतरियां हमारी केरल की मूल निवासी बहनें बनाती हैं। इन छतरियों की मांग इन दिनों पूरे देश में बढ़ रही है। इन्हें ऑनलाइन भी बेचा जाता है। इन छतरियों के उत्पादन की देखरेख का जिम्मा ‘वट्टालक्की सहकारी कृषि समिति’ के पास है। इस सोसाइटी का नेतृत्व हमारी नारीशक्ति के पास हैं

पेरिस ओलंपिक पर की चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, अगले महीने इसी समय तक पेरिस में ओलंपिक शुरू हो चुका होगा। आप सभी निस्संदेह ओलंपिक में भाग लेने वाले भारतीय एथलीटों का समर्थन करने के लिए इंतजार कर रहे होंगे। मेरी शुभकामनाएं आगामी ओलंपिक के लिए भारतीय दल के साथ हैं। टोक्यो ओलंपिक की यादें अभी भी सभी के मन में ताज़ा हैं।

उन्होंने दावा किया कि टोक्यो में हमारे खिलाड़ियों के प्रदर्शन से हर भारतीय प्रभावित हुआ। हमारे खिलाड़ी तब से ही पेरिस ओलंपिक के लिए तैयार होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। कुल मिलाकर खिलाड़ियों ने लगभग 900 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया है। पेरिस ओलंपिक के दौरान कुछ चीजें आप पहली बार देखेंगे। शूटिंग में हमारे खिलाड़ियों का जलवा देखने को मिल रहा है। टेबल टेनिस में पुरुष और महिला दोनों टीमों ने क्वालिफाई किया है। भारतीय शॉटगन टीम में भी हमारी शूटर बेटियां शामिल हैं। इस बार, हमारी टीम के सदस्य कुश्ती और घुड़सवारी वर्गों में भी प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिनमें उन्होंने पहले कभी प्रतिस्पर्धा नहीं की है।

कुवैत हिंदी का बोलबाला

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, कुवैती सरकार ने राष्ट्रीय रेडियो पर केवल हिंदी में एक अनूठा कार्यक्रम प्रसारित करना शुरू किया है। ‘कुवैत रेडियो’ हर रविवार को 30 मिनट के लिए इसे प्रसारित करता है। इसमें भारतीय संस्कृति के विभिन्न रंग समाहित हैं। उन्होंने दावा किया कि वहां का भारतीय समुदाय हमारी कला से जुड़ी फिल्मों और बातचीत का बहुत आनंद लेता है। मुझे यह भी बताया गया है कि कुवैती स्थानीय लोग भी इसमें बहुत रुचि रखते हैं। मैं इस शानदार पहल के लिए कुवैत सरकार और वहां की जनता की तहे दिल से सराहना करता हूं।

योग दिवस पर की चर्चा

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महीने पूरे विश्व में 10वां योग दिवस उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। मैंने भी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आयोजित योग शिविर में हिस्सा लिया था। कश्मीर के युवाओं के साथ बहनों और बेटियों ने भी योग दिवस में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। योग दिवस मनाने के साथ ही रिकॉर्ड भी टूट रहे हैं।

X पर किया था एलान

मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि चुनावों के कारण कई महीनों की अनुपस्थिति के बाद मन की बात वापस आ रही है! x पर pm modi ने कहा इस महीने का कार्यक्रम रविवार, 30 जून को होगा। मैं आप सभी से इसके लिए अपने विचार और इनपुट साझा करने का आह्वान करता हूं। MyGov open फोरम, NaMo app पर लिखें या 1800117800 पर अपना message record करें।

Loksabha election के ऐसे थे परिणाम

2024 के लोकसभा चुनाव के 7 चरण 19 अप्रैल से 1 जून के बीच हुए। 4 जून को वोटों की गिनती की तारीख थी। नतीजों की घोषणा के बाद, नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके नेतृत्व में, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बहुमत हासिल किया।

क्या हैं ‘मान की बात’

मन की बात का पहला दिन 3 अक्टूबर 2014 था। देश के हर क्षेत्र तक पहुंचना इसका लक्ष्य है। ‘Mann Ki Baat’ 29 बोलियों और 22 भारतीय भाषाओं के अलावा 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित की जाती है। इन भाषाओं में अरबी, पश्तो, फ़ारसी, दारी, स्वाहिली, तिब्बती, बर्मी, बलूची, फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई आदि शामिल हैं। 500 से ज़्यादा ऑल इंडिया रेडियो प्रसारण केंद्रों पर मन की बात प्रसारित की जाती है। कहा जाता है कि ‘मन की बात’ को कम से कम एक बार 100 करोड़ से ज़्यादा लोग सुन चुके हैं।

Prachi Chaudhary

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