Mukhtar Ansari Fake Ambulance Case: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी जो की अभी तक बांदा जेल में बंद थे, उनकी कल रात जेल में मौत हो गई है। जहां एक तरफ प्रशासन का ये कहना है कि मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक की वजह से हुई है। तो वही दूसरी तरफ़ मुख्तार अंसारी के परिवार का ये कहना है कि उन्हें जेल में slow poison दिया जा रहा था। बताया जा रहा है कि, हार्ट अटैक के बाद मुख्तार अंसारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 9 डाक्टर की एक टिम ने उनका इलाज किया, लेकिन इलाज के दौरान ही अंसारी की मौत हो गई। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उससे जुड़े वो तमाम सारे केस फिर से चर्चा में आने लगें है। इसी बिच मुख्तार अंसारी की ऐश-ओ-आराम वाली फर्जी एम्बुलेंस का मामला भी तुल पकड़ने लगा है।
मुख्तार अंसारी आखिर क्यों थे जेल में बंद और क्या है उनसे जुड़ा फर्जी एम्बुलेंस का मामला
आपको बता दें कि पंजाब की बांदा जेल में सजा काट रहै मुख्तार अंसारी को एम्बुलेंस से मोहाली कोर्ट पेशी पर जाना भारी पड़ा था। दरअसल अप्रैल 2021 में पंजाब की मोहाली कोर्ट में पेशी के वक्त ये मामला सामने आया था कि, मुख्तार अंसारी के पास बाराबंकी के नंबर की एक फर्जी एंबुलेंस थी। जब इस मामले की जांच कराई गई तो पता चला था कि वो एंबुलेंस बाराबंकी जनपद में रजिस्टर्ड कराई गई थी। उस एम्बुलेंस के अंदर मुख्तार अंसारी के लिये कुछ खास ऐश-ओ-आराम के इंतजामात किए गए थे। जब ये बात खुल के सामने आई, तब तत्कालीन एआरटीओ पंकज सिंह ने ततकाल प्रभाव से इस मामले की जांच शुरू कर दी थी। जांच के समय ये बात सामने आई कि मुख्तार की वो फर्जी एम्बुलेंस जिसका नंबर UP 41 AT 7171 बताया जा रहा है, वो मऊ की ही रहने वाली एक डाक्टर अलका राय के नाम पर रजिस्टर्ड कराई गई थी। जिसे लेकर ARTO पंकज सिंह ने बाराबंकी नगर कोतवाली में मुकदमा भी दर्ज कराया था।
मुकदमा दर्ज होने के बाद बाराबंकी पुलिस ने मुख्तार अंसारी को फर्जी एंबुलेंस के मामले में नामजद भी किया था। इस पुरे मामले को ध्यान में रखते हुए ही पुलिस ने मुख्तार अंसारी और उसकी गेंग पर गैंगस्टर धारा भी लगाई थी। 2021 के बाद से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पंजाब की बांदा की जेल में ही बंद था। वहां से हर पेशी पर वह इस एंबुलेंस में ही बैठ कर जाया करता था। लेकिन जब इस मामले ने आग पकड़ी और जांच शुरू हुई तो एंबुलेंस बाराबंकी में रजिस्टर्ड निकली। इसे बात से बाराबंकी पुलिस प्रशासन के बिच हड़कंप मच गया। इस पुर मामले में डीएम के आदेश पर तत्कालीन ARTO Pankaj Kumar की अगुाई में जांच कराई गई। जांच में ये पाया गया कि मऊ की डाक्टर अलका राय द्वारा बाराबंकी के रफी नगर इलाके का फर्जी पता लगाकर एंबुलेंस को यहां रजिस्टर्ड कराया गया था।
इस पुर मामले में बारावंकी के उस समय के आरटीओ (ARTO) पंकज कुमार सिंह (Pankaj Kumar Singh) ने 2 अप्रैल 2021 को बाराबंकी कोतवाली में डाक्टर अलका राय को नामजद करने का ऐलान किया था। इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद मुख्तार अंसारी के साथ उसके गेंग के करिब एक दर्जन लोगों को भी नामजद घोषित किया था। 24 मार्च 2022 को बारावंकी के उस समय के डी.एम. ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर केस को मंजूरी दी थी। जबकि इसी मामले में बीती 21 मार्च को मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होना था। लेकिन मुख्तार अंसारी कोर्ट इस बिच कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ था। खबरह है की उनके वकील रणधीर सिंह सुमन ने कोर्ट में एक अर्जी दी थी। जिसमें यह कहा गया था कि,उन्हें जेल के खाने में धीमा जहर दिया जा रहा था।