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PM Modi Nomination News Updates: जब पीएम मोदी के सामने नहीं खड़े हुए रिटर्निंग ऑफिसर…

When returning officers did not stand in front of PM Modi…

PM Modi Nomination News Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने वाराणसी लोकसभा सीट (Varanasi Lok Sabha seat) से नामांकन पत्र (Nomination Letter) दाखिल किया। पीएम मोदी तीसरी बार वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इससे पहले पीएम मोदी ने दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat) पर काल भैरव (Kaal Bhairav) के दर्शन और पूजा की।

पीएम मोदी जब नामांकन दाखिल करने पहुंचे तो उनके साथ गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah), रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) और सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) समेत कई बड़े नेता भी मौजूद थे।

क्या आपने इस तस्वीर पर ध्यान दिया कि नामांकन पत्र दाखिल करते समय पीएम नरेंद्र मोदी खड़े थे, लेकिन रिटर्निंग ऑफिसर (Returning Officer) कुर्सी पर बैठे रहे। हालांकि, पीएम मोदी ही नहीं बल्कि कोई भी उम्मीदवार हो, रिटर्निंग ऑफिसर बैठे ही रहते हैं। दरअसल, ये एक प्रोटोकॉल (Protocol) है। चाहे कितना भी बड़ा नेता नामांकन दाखिल करने आ जाए, रिटर्निंग ऑफिसर उसके सम्मान में खड़ा नहीं हो सकता।

रिटर्निंग ऑफिसर खड़े क्यों नहीं होते?

चुनाव के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर उस जिले का मुख्य निर्वाचन अधिकारी (Chief Electoral Officer) होता है और कोई भी व्यक्ति जो उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने आया है, भले ही वह प्रधान मंत्री ही हो, इसलिए रिटर्निंग ऑफिसर बैठता है।

रिटर्निंग ऑफिसर ही एकमात्र ‘कानूनी प्राधिकारी’ (Legal Authority) है और कोई भी उसे आदेश जारी नहीं कर सकता है। प्रोटोकॉल के चलते नामांकन प्रक्रिया (Enrollment Process) के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर अपनी कुर्सी पर बैठे रहते हैं।

ये बिल्कुल वैसे ही होता है जैसे अदालतों (Courts) में होता है। कोर्ट में चाहे कितना भी बड़ा नेता या मंत्री आ जाए, जज (Judge) अपनी कुर्सी से नहीं उठता। इसी तरह नामांकन के समय रिटर्निंग ऑफिसर भी कभी खड़े नहीं होते।

पीएम मोदी वाराणसी से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। 21 सीटों पर कड़ी टक्कर, गढ़ वाली 20 सीटों पर भी नजर…चौथे चरण में दिलचस्प होगा चुनाव।

रिटर्निंग ऑफिसर कौन है?

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation Act) की धारा 21 और 22 के तहत, चुनाव आयोग (Election Commission) प्रत्येक सीट के लिए एक रिटर्निंग ऑफिसर और एक सहायक रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त करता है। रिटर्निंग ऑफिसर वह अधिकारी होता है जो परिणाम घोषित होने के बाद गजट अधिसूचना जारी करने से लेकर जीतने वाले उम्मीदवार को प्रमाण पत्र (Certificate) जारी करने तक हर चीज के लिए जिम्मेदार होता है।

आम तौर पर सभी रिटर्निंग ऑफिसर कलेक्टर (Returning Officer Collector) या मजिस्ट्रेट (Magistrate) होते हैं। यह रिटर्निंग ऑफिसर ही है जो चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों (Candidates Contesting Elections) को चुनाव चिन्ह आवंटित (Election Symbol Allotted) करता है, उनके हलफनामे (Affidavit) प्रकाशित करता है, मतदान के लिए ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) तैयार करता है, वोटों की गिनती करता है और परिणाम घोषित करता है।

कुल मिलाकर, यह रिटर्निंग ऑफिसर ही है जिसकी मदद से चुनाव आयोग अच्छे से चुनाव करा पाता है। इनकी नियुक्ति 3 साल के लिए की जाती है। चुनाव के समय रिटर्निंग ऑफिसर एक बहुत शक्तिशाली प्राधिकारी (Powerful Authority) होता है। उनके समक्ष सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही नामांकन पत्र दाखिल किये जा सकेंगे। सुबह 11 बजे से पहले और दोपहर 3 बजे के बाद रिटर्निंग ऑफिसर किसी भी उम्मीदवार का नामांकन नहीं लेते हैं।

वाराणसी में चुनाव कब हैं?

वाराणसी लोकसभा सीट के लिए आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होगा। पीएम मोदी ने 2014 में वाराणसी सीट से पहली बार चुनाव लड़ा था। तब उनके सामने आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय थे। उस चुनाव में केजरीवाल को 2.09 लाख और अजय राय को 75 हजार वोट मिले थे।

इसके बाद पीएम मोदी ने 2019 में दूसरी बार यहां से चुनाव लड़ा था। उस वक्त पीएम मोदी को 6.74 लाख से ज्यादा वोट मिले थे और तब 1.95 लाख वोटों के साथ समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव दूसरे स्थान पर रहीं और कांग्रेस के अजय राय को 1.52 लाख वोट मिले।

इस साल यानी 2024 में पीएम मोदी यहां से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस ने एक बार फिर पीएम मोदी के खिलाफ अजय राय को मैदान में उतारा है। मायावती की पार्टी बीएसपी ने अतहर जमाल लारी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

Chanchal Gole

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