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Ram Navami Worship Method: रामनवमी की पूजा के लिए कौन सा मुहूर्त है सबसे शुभ और क्या है पूजा विधि?

Know here the correct way of doing puja, and what is the correct time for doing puja rituals.

Ram Navami Worship Method: इस बार की राम नवमी अपने आप में बहुत महतवपूर्ण है, क्योंकि 500 साल के कठिन तप और प्रतीक्षा के बाद यह पहली ऐसी राम नवमी है जब भगवान श्री राम अपने मंदिर में, अपने घर में विराजमान हैं। सिर्फ इतना ही नहीं ये राम नवमी इस लिए भी खास है क्योंकि पहली बार राम मंदिर के गर्भ गृह में भगवान श्री राम का रामनवमी के अव्सर पर सूर्य तिलक किया गया है। अगर हम भक्ति, श्रद्धा और धर्म की दृष्टि से देखें तो साल 2024 अपने आप में बहुत खास महत्व रखता है। ऐसे में अगर आज बुधवार 17 अप्रैल 2024 को रामनवमी के दिन आप सब संपूर्ण विधि विधान के साथ भगवान राम की पूजा करेंगे तो आपकी सभीमनोकामनाएं पूरी होंगी और भगवान राम आपको विशेष फल भी प्रदान करेंगे।

रामनवमी की पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार रामनवमी 16 अप्रैल 2024 को दोपहर 1:30 से प्रारंभ हो चुकी है। जिसका समापन आज बुधवार 17 अप्रैल को दोपहर 3:14 पर होने जा रहा है। इसीलिए देखा जाए तो रामनवमी का पर्व इस बार 17 अप्रैल को ही मनाया जाएगा। चैत्र नवरात्रों का समापन भी रामनवमी के दिन ही होगा नवरात्रों के अवसर पर जिन भी लोगों ने 9 दिन के व्रत रखे हैं वह इस दिन कन्या को पूज कर अपने व्रत का समापन करेंगे।

क्या है पूजा की सही विधि

पूजा तभी फलदाई होती है अगर उसको पूरे विधि विधान के साथ किया जाए। ऐसे में अगर आप इन सभी स्टेप्स का पालन करेंगे तो आपको रामनवमी की पूजा पर विशेष फल प्राप्त होगा, और भगवान आपकी सभी मनोकामनाएं भी पूरी करेंगे।

सबसे पहले भगवान राम के सामने एक आसन पर ध्यान मग्न होकर बैठ जाए।
इसके बाद हरे कृष्णा हरे राम मंत्र का मंत्र मुग्ध होकर जब करें।
मंत्र का उच्चारण करते समय भगवान को पुष्प अर्पित करें।
भगवान राम को आसन प्रदान करने के बाद उनके चरण कमल को जल से धोएं।
इसके पश्चात भगवान राम को अभिषेक करने के लिए जल अर्पित करें।
इसके बाद भक्त भगवान राम को अर्ध अर्पित कर पीने के लिए जल चढ़ाएं।
मंत्र उच्चारण के साथ ही शहर और दूध भी अर्पित करें।
भगवान राम को स्नान करने के लिए जल अर्पित करें।
भगवान राम को पंचामृत से स्नान कारण जो दूध दही शहद की और चीनी का मिश्रण हो।
अब भगवान राम को स्नान के बाद साफ और नई वस्त्र पहनाए।
वस्त्र पहनने के बाद एक छोटा सा यज्ञ करें।
उसके बाद भगवान राम को इत्र अर्पित करें।
भगवान राम को पुष्प फूल आदि भेंट चढ़ाई।
इसके बाद गंध अक्षत और पुष्प से उन देवों की पूजा करें जिन्हें भगवान राम का अंग कहा जाता है।
अब भगवान श्री राम को दीपक अगरबत्ती मिठाई फल सुपारी और उपहार पेट चढ़ाई।
आखिर में भगवान राम की आरती कर उन्हें पुष्पांजलि दक्षिण भेंट कर कर अपने सभी गलतियां के लिए क्षमा मांगे भक्त पूजन। अनुष्ठान और प्रसाद के माध्यम से अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगे दिन के दौरान उपवास भी रखें।

अगर आप ऊपर दी गई सभी विधि को संपूर्ण कर कर पूजा करते हैं तो यह वाक्य आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगी।

Anushka Chaudhary

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