Bangladesh Crisis: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पहले इस्तीफा दिया और फिर देश छोड़ दिया। मिली जानकारी के मुताबिक शेख हसीना शाम करीब 5:30 बजे गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट पर उतरीं। इस दौरान भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने शेख हसीना से मुलाकात की। अब खबर आ रही है कि वह भारत के रास्ते लंदन जा सकती हैं। बता दें कि, अब बांग्लादेश की कमान सेना के हाथ में है। ऐसे में सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि पीएम की जगह कौन सा आर्मी अफसर देश के अहम फैसले लेगा।
कौन लेगा फ़ैसला
बांग्लादेश में ऐसा पहली बार नहीं है कि सेना ने देश की बागडोर अपने हाथ में ली हो। ऐसा पहले भी हो चुका है। आपको बता दें, जब देश पर सेना का शासन होता है, तो पीएम पद से जुड़े सभी फ़ैसले सेना प्रमुख ही लेते हैं। फ़िलहाल बांग्लादेश में सेना प्रमुख वकारुज्जमां हैं। यानी अब से जब तक बांग्लादेश पर सेना का शासन रहेगा, देश के सभी अहम फ़ैसले सेना प्रमुख वकारुज्जमां ही लेंगे।
सेना पहले भी गिरा चुकी है सरकार
बांग्लादेश के इतिहास में यह पहली बार नहीं है जब सेना और सरकार के बीच ऐसा खेल खेला गया हो। इससे पहले 1975 में भी सेना ने वहां सत्ता पर कब्ज़ा किया था। ऐसा पहली बार 1975 में हुआ था। उस समय देश पर शेख मुजीबुर रहमान का शासन था। आपको बता दें, शेख मुजीबुर रहमान शेख हसीना के पिता थे। उस दौरान जब देश में सेना ने सत्ता पर कब्ज़ा किया था, तब सेना ने करीब 15 साल तक बांग्लादेश पर राज किया था।
सेना ने क्यों किया कब्ज़ा
कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने बांग्लादेश में आरक्षण खत्म कर दिया था, जिसके बाद वहां के लोग सड़कों पर उतर आए थे। सरकार पर आरक्षण वापस लाने का दबाव बनाया गया, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद बांग्लादेश में चुनाव हुए और विपक्षी दलों ने चुनावों का बहिष्कार किया। तभी से यह कयास लगाए जा रहे थे कि बांग्लादेश में सेना सत्ता संभाल सकती है।