Bangalore Stadium Stampede: बैंगलोर में हुए जानलेवा जश्न के लिए कौन है जिम्मेदार? जानें 5 बड़ी वजहें
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आरसीबी की जीत का जश्न मना रही भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 11 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। सरकार ने मुआवजे का ऐलान किया है और जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन घटना के बाद राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
Bangalore Stadium Stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई है। 47 लोग घायल हुए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया समेत देश के अन्य नेताओं ने इस हादसे पर दुख जताया है। सीएम सिद्धारमैया ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजा और घायलों के मुफ्त इलाज का ऐलान किया है। मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इस हादसे को लेकर राज्य सरकार भी निशाने पर है। बीजेपी ने कई आरोप लगाए हैं। बीजेपी के आरोपों और सरकार की कार्रवाई के बीच आइए जानते हैं वो 5 बड़ी वजहें क्या हैं जो इस जानलेवा जश्न के लिए जिम्मेदार हैं।
आईपीएल फाइनल में आरसीबी की जीत का जश्न चिन्नास्वामी स्टेडियम में मनाया गया। इस कार्यक्रम के लिए आरसीबी के खिलाड़ी बेंगलुरु आए थे। आरसीबी के खिलाड़ियों की एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में लोग चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास जमा हुए थे। खिलाड़ी दोपहर 3:00 बजे बेंगलुरु पहुंचे। शाम 4:30 बजे खिलाड़ियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में आरसीबी के प्रशंसक विधान सौधा के सामने जमा हुए थे।
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शाम करीब 4:35 बजे खिलाड़ियों को किया सम्मानित
सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने शाम करीब 4:35 बजे खिलाड़ियों को सम्मानित किया। बारिश के कारण कार्यक्रम को बीच में ही रोकना पड़ा। इस बीच, चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हजारों की संख्या में आरसीबी के प्रशंसक जमा हो गए। प्रशंसक गेट नंबर 5 और 6 से स्टेडियम में प्रवेश करने की मांग कर रहे थे। बाद में उन्होंने गेट नंबर 6 पर चढ़कर स्टेडियम में प्रवेश करने की कोशिश की। इस दौरान एक युवक गिर गया और उसका पैर टूट गया।
गेट नंबर 18 के पास भगदड़ मच गई। इस कारण कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने प्रशंसकों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया। इस बीच गेट नंबर 12 पर प्रशंसकों की संख्या बढ़ गई। तब स्टेडियम के कर्मचारियों ने गेट खोलकर प्रशंसकों को अंदर जाने दिया। अचानक प्रशंसक बैरिकेड्स को धक्का देकर स्टेडियम में घुसने लगे, जिससे भगदड़ मच गई। भगदड़ में एक महिला बेहोश हो गई। पुलिस ने महिला को अस्पताल पहुंचाया।
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लोगों को किन अस्पतालों में कराया गया भर्ती?
भगदड़ में 50 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं, जिन्हें बेंगलुरु के विट्ठल माल्या रोड स्थित वैदेही अस्पताल, शिवाजीनगर के बोरिंग और लेडी कर्जन अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिवाजीनगर के बोरिंग अस्पताल में भर्ती 6 और वैदेही सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती 4 लोगों की मौत हो गई। अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। AIMIM प्रमुख ओवैसी का कहना है कि 12 लोगों की जान गई है। ऐसे में 5 बड़े सवाल हैं जो इस पूरी घटना के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं।
पहला- भारी भीड़ और पूर्वानुमान की कमी।
दूसरा- भीड़ प्रबंधन में विफलता।
तीसरा- समय में बदलाव।
चौथा- सवालों के घेरे में नेतृत्व।
पांचवां- आयोजकों की भूमिका।
- खुद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा है कि स्टेडियम के बाहर 3 लाख से ज़्यादा लोग जमा थे। जबकि स्टेडियम की क्षमता सिर्फ़ 35 हज़ार है। क्या इसका मतलब यह है कि सरकार को इतनी बड़ी भीड़ की संभावना के बारे में पता नहीं था?
- भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इससे अफ़रातफ़री मच गई जो जानलेवा भगदड़ में बदल गई। इतना ही नहीं, भीड़ की वजह से आपातकालीन सेवाओं को मौके पर पहुँचने में भी दिक्कत हुई।
- सुरक्षा कारणों से विजय जुलूस रद्द कर दिया गया था। फिर भी स्टेडियम के बाहर बड़ी संख्या में आरसीबी के प्रशंसक जमा हो गए। इससे कार्यक्रम स्थल पर भीड़ का दबाव बढ़ गया।
- विपक्ष का कहना है कि राज्य की कांग्रेस सरकार ने जल्दबाजी में कार्यक्रम आयोजित किया। इतना ही नहीं, जल्दबाजी में सरकार ने पर्याप्त और ठोस तैयारियां भी नहीं कीं। पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि सरकार को इस त्रासदी की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
- यह आयोजन कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) द्वारा आयोजित किया गया था। सरकार ने अनुमति दी थी और पुलिस तैनात की थी। इससे आयोजन की जिम्मेदारी को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई।
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दुर्घटना के बाद सरकार ने क्या कहा और क्या किया?
सीएम ने 10 लाख रुपए की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए। सिद्धारमैया ने कहा, मैं राजनीति नहीं करना चाहता, भाजपा राजनीति करेगी। कई भगदड़ें हुई हैं। मैं इस भगदड़ का बचाव नहीं कर रहा हूं। कुंभ मेले के दौरान भी भगदड़ हुई थी। बेंगलुरु में भीड़ ने स्टेडियम के छोटे गेट तोड़ दिए, जिससे भगदड़ मच गई। यह जश्न कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ ने आयोजित किया था, राज्य सरकार ने नहीं। हमने केवल अनुमति दी थी। सरकार स्टेडियम में कार्यक्रम आयोजित नहीं करती।
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