Pulwama Terror Attack: पुलवामा अटैक के बाद भारत के एक्शन से पाकिस्तान बुरी तरह डर गया। हमले के डर से पाकिस्तानी PM इमरान खान ने आधी रात प्रधानमंत्री मोदी से बात करने की कोशिश की, मगर उन्होंने मना कर दिया। इस घटना का जिक्र तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने अपनी किताब में किया है।
नई दिल्ली: 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में आतंकियों ने अपनी नापाक हरकतों को अंजाम दिया था। इस आतंकी हमले के बाद भारत ने आक्रामक कूटनीति से पाकिस्तान को दिन में तारे दिखा दिए थे। भारत के आक्रामक रवैये ने पाकिस्तान को इतना डरा दिया कि उसे अपनी आतंकी नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा। घबराए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने आधी रात PM मोदी को फोन किया, लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया। उस रात की इनसाइड स्टोरी आज हम बता रहे हैं।
Also Read: Latest Hindi News Pulwama Terror Attack । News Today in Hindi
पाक पर अटैक के लिए तैयार थी इंडियन आर्मी’
भारतीय सेना किसी भी क्षण हमले करने के लिए तैयार थी। पाकिस्तान की तरफ 9 भारतीय मिसाइलों ने निशाना साध लिया था। पाकिस्तान को जब इसकी खबर हुई तो वो पूरी पाक सरकार घबरा गई। आनन फानन में आधी रात को तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया के दरवाजे पर पाक के अधिकारियों ने दस्तक दी, ताकि बातचीत से स्थिति को शांत किया जा सके। पाकिस्तानी पीएम इमरान खान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करना चाहते थे। ये कहानी जिस रात की है उसे पीएम मोदी ने खुद ‘कत्ल की रात’ बताया है। ये रात थी 27 फरवरी 2019 की। ये वो रात थी जिसमें भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान की हिरासत में थे। अटकलें लगाई जा रही थी कि भारत कभी भी हवाई हमला कर सकता है। इस घटना का जिक्र अजय बिसारिया ने अपनी किताब एंगर मैनेजमेंट में किया है। उन्होंने भारत की शानदार कूटनीति का जिक्र करते हुए विंग कमांडर अभिनंदन वाले मामले के बारे में बताया है कि कैसे भारत की कूटनीति के चलते पाक ने अभिनंदन को 2 दिन में ही रिहा कर दिया।
‘इमरान ने PM मोदी से बात करने की कोशिश की’
बिसारिया ने खुलासा किया कि उन्हें आधी रात को इस्लामाबाद में भारत में पाकिस्तान के तत्कालीन उच्चायुक्त सोहेल महमूद का फोन आया, उन्होंने कहा कि इमरान PM मोदी से बात करना चाहते हैं। बिसारिया ने दिल्ली में लोगों से पूछताछ की और वापस महमूद के पास पहुंचे और कहा कि मोदी उस वक्त उपलब्ध नहीं थे और कोई भी जरूरी संदेश खुद उच्चायुक्त को दिया जा सकता है। उस रात बिसारिया ने महमूद से दोबारा बात नहीं की।
Read: Latest Hindi News Today | Today Hindi Samachar
अगले ही दिन अभिनंदन को रिहा करने का फैसला’
अगले दिन, 28 फरवरी को इमरान खान ने अभिनंदन को रिहा करने के पाकिस्तान के फैसले की घोषणा करते हुए संसद में कहा, उन्होंने शांति के हित में PM मोदी को फोन करने की कोशिश की थी, मगर इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया। पाकिस्तान ने मूंछों वाले भारतीय लड़ाकू पायलट की रिहाई को शांति संकेत कहा, मगर भारत और पाकिस्तान में अमेरिका और ब्रिटेन के दूतों सहित पश्चिमी राजनयिकों ने इस्लामाबाद को बताया कि पायलट को नुकसान पहुंचाने पर हालात कितने खराब हो सकते थे। भारत की धमकी कितनी गंभीर थी, इसका अंदाजा पाक को हो गया था। पाकिस्तान वास्तव में डरा हुआ लग रहा था। पाकिस्तान ने 26 फरवरी की घटनाओं के बाद इनमें से कुछ राजनयिकों को लगातार 3 बार तलब किया था।
रातभर भारतीय राजदूत को समझाता रहा पाकिस्तान
इनमें से कुछ राजदूतों ने रात भर भारत के विदेश सचिव को फोन करके बताया कि पाकिस्तान न केवल अभिनंदन को रिहा करने के लिए तैयार है, बल्कि भारत के पुलवामा डोजियर पर कार्रवाई करने और आतंकवाद के मुद्दे पर बात करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने उनसे कहा कि इमरान खान अगले दिन संसद में ये घोषणाएं करेंगे। बिसारिया के मुताबिक, अमेरिका और ब्रिटेन के दूतों ने DG ISI असीम मुनीर (वर्तमान सेना प्रमुख) और विदेश सचिव तहमीना जंजुआ के साथ बातचीत में पाकिस्तान के इस दावे को खारिज कर दिया कि यह एक फेक ऑपरेशन था। उन्होंने न केवल पाकिस्तानी राजनयिकों को बल्कि जीएचक्यू, रावलपिंडी को भी भारत के कड़े संदेश से अवगत कराया।
Read More News: Latest Political News Today in Hindi | Political Samachar in Hindi
PM मोदी ने कहा था- कत्ल की रात
बिसारिया कहते हैं, ‘भारत की आक्रामक कूटनीति प्रभावी थी, भारत की पाकिस्तान और दुनिया से अपेक्षाएं स्पष्ट थीं, संकट को बढ़ाने के विश्वसनीय संकल्प द्वारा समर्थित थी।’ किताब में यह भी खुलासा किया गया है कि कैसे इमरान के एक करीबी दोस्त ने SCO शिखर सम्मेलन के इतर बिश्केक में इमरान और मोदी के बीच मुलाकात और बातचीत के लिए बिसारिया से संपर्क किया था, जिसके जरिए पाकिस्तान के PM इमरान खान प्रधानमंत्री मोदी को ये बता सकें कि आतंकवाद से निपटने के लिए वो कितने ईमानदारी से काम कर रहे हैं। सैन्य कार्रवाई का संकेत देते हुए 2019 में एक चुनावी रैली में PM मोदी ने कहा था कि सौभाग्य से पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर दिया वरना वह कत्ल की रात होती।
‘जंग के खतरे से घबरा गया था Pakistan’
इंडिया ने आधिकारिक तौर पर कभी नहीं कहा कि अभिनंदन की रिहाई के लिए उसने पाकिस्तान पर मिसाइलें दागीं, लेकिन बिसारिया ने खुलासा किया कि कैसे इस खतरे ने सेना और इमरान सरकार को परेशान कर दिया था। जंजुआ ने अभिनंदन के पकड़े जाने के बाद भारत की मांगों पर चर्चा के लिए 27 फरवरी को अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांसीसी दूतों को बुलाया था। बैठक के बीच में, शाम करीब 5.45 बजे, जंजुआ ने सेना का एक संदेश पढ़ने के लिए बातचीत रोक दी कि भारत के पास पाकिस्तान की ओर 9 मिसाइलें हैं, जिन्हें उस दिन किसी भी समय लॉन्च किया जा सकता है। उन्होंने दूतों से इस विश्वसनीय जानकारी को अपनी राजधानियों में रिपोर्ट करने और भारत पर तनाव न बढ़ाने के लिए दबाव डालने को कहा। इनमें से एक दूत ने उनसे इसे सीधे भारत के साथ उठाने के लिए कहा, जिसके तुरंत बाद भारतीय कार्यवाहक उच्चायुक्त को भी बुलाया गया। इसके बाद इमरान खान ने मोदी से बात करने की कोशिश की।
Read: Uttar Pradesh News Today | उत्तर प्रदेश न्यूज़ – News Watch India
आतंकवाद पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर हुआ पाक
एक पश्चिमी राजनयिक ने बाद में बिसारिया को बताया कि ऐसा लगता है कि भारत के ऐक्शन के बाद पाकिस्तान ने आतंकवाद की नीतियों को लेकर पुनर्विचार करना शुरू कर दिया है। सेना प्रमुख कमर बाजवा ने भारत द्वारा तैयार पुलवामा डोजियर पर भी पश्चिमी राजनयिकों को कार्रवाई का वादा किया है। पाकिस्तान की गंभीरता के बारे में सबसे महत्वपूर्ण सबूत बिसारिया को कुछ महीने बाद रात 2 बजे ISI के एक करीबी व्यक्ति द्वारा किए गए फोन कॉल के रूप में मिला, जिसने भारतीय उच्चायुक्त को एक अप्रत्याशित घटना के बारे में सचेत किया।
हिन्दुस्तान के साथ सैन्य स्तर की वार्ता करना चाहती थी ISI
अल कायदा ने अपने ऑपरेटिव जाकिर मूसा की हत्या का बदला लेने के लिए यह हमला किया था। मुनीर के नेतृत्व में ISI स्पष्ट रूप से न केवल सैन्य स्तर पर इस पर चर्चा करने के लिए उत्सुक थी, बल्कि यह भी चाहती थी कि इसे भारत सरकार तक पहुंचाने के लिए इसे उच्चायुक्त तक पहुंचाया जाए। यह एक गुप्त सूचना थी, यह तब स्पष्ट हो गया जब हमला अनुमानित समय और स्थान के आसपास हुआ। बिसारिया ने निष्कर्ष निकाला कि इनपुट या तो पाकिस्तान द्वारा एक और पुलवामा नहीं चाहने का नतीजा था या बाजवा उस साल जून में SCO शिखर सम्मेलन से पहले माहौल को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहे थे।
Read Here : Latest Hindi News Sports News | Sports News Samachar Today in Hindi
बालाकोट air strike की इनसाइड स्टोरी
किताब में बालाकोट air strike पहले भारत सरकार के भीतर हुई बातचीत का भी जिक्र किया गया है। बिसारिया ने मोदी और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दोनों को बताया था कि पुलवामा जैसे आतंकी हमले से निपटने में भारत के राजनयिक विकल्प सीमित थे। जहां स्वराज ने उन्हें बताया कि कुछ कड़ी कार्रवाई होने वाली है, वहीं सेना प्रमुख बिपिन रावत ने उन्हें बताया कि भारत का जवाबी हमला 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक से कहीं बड़ा होगा। हालांकि रावत इस बात से सहमत थे कि बाजवा भारत के साथ शांति में रुचि रखते थे, लेकिन अक्सर ISI और पाकिस्तान कोर कमांडरों को एजेंडा तय करने देते थे, जो बाजवा के सिद्धांत से खुश नहीं थे।