अयोध्या राम मंदिर बनने से क्यों दहशत में आया पाकिस्तान, किस बात का सता रहा पड़ोसी देश को डर…
Ayodhya Pran Pratishtha: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को पूरे देश में दीपावली की तरह सेलिब्रेट किया गया। इसे देखकर पड़ोसी पाकिस्तान (pakistan) को मिर्ची लगी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान ने इसे भारत में बढ़ता बहुसंख्यकवाद बताया है। इसके अलावा अब पाकिस्तान को नया डर सता रहा है।
अयोध्या (ayodhya) में राम मंदिर (ram mandir) की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम पूरा हो चुका है। भारत में इस मौके को दीपावली की तरह सेलिब्रेट किया गया। मगर पड़ोसी पाकिस्तान में इस मौके पर ‘मातम’ पसरा रहा। पाकिस्तान इसे लेकर पूरी तरह बौखला गया है। पाकिस्तान (pakistan) ने इसे भारत के लोकतंत्र के चेहरे पर एक कलंक बताया। पाकिस्तान इसे हिंदू राष्ट्रवादी राजनीति की जीत के तौर पर देख रहा है। इसके अलावा पाकिस्तान ने इसे भारत में होने वाले चुनाव अभियान से जोड़ा। इसके अलावा अब पाकिस्तान (pakistan) को डर भी सता रहा है।
पाकिस्तान (pakistan) के विदेश ऑफिस की तरफ से बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि पिछले 31 वर्षों का घटनाक्रम भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद का संकेत है। बयान में कहा गया, ‘ये भारतीय मुस्लिमों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से हाशिए पर धकेलने के लिए चल रहे प्रयासों की एक महत्वपूर्ण पहल है।’ पाकिस्तान (pakistan) में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अभियान चलाए जाते हैं। एक भी नए मंदिर का निर्माण पाकिस्तान में नहीं होता, लेकिन फिर भी विदेश विभाग की तरफ से भारत को ज्ञान दिया गया।
डरा हुआ है पाकिस्तान
पाकिस्तान (pakistan) ने आगे कहा, ‘एक ध्वस्त मस्जिद की जगह पर इसे बनाया गया। आने वाले समय में यह भारतीय लोकतंत्र पर कलंक बना रहेगा।’ इस दौरान पाकिस्तान के बयान में डर साफ दिखा। उसने कहा, ‘वाराणसी (varansi) में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह समेत मस्जिदों की सूची बढ़ती जा रही है, जो इसी तरह के खतरों का सामना कर…
दुनिया से मांग रहा मदद
पाकिस्तान में लगातार हिंदू बच्चियों का अपहरण और उनके जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते रहते हैं। ईसाई भी पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं हैं। इन सबके बीच पाकिस्तान भारत को धार्मिक घृणा पर ज्ञान दे रहा है। पाकिस्तान (pakistan) ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भारत में बढ़ते इस्लामोफोबिया, घृणास्पद भाषण और घृणा अपराधों का संज्ञान लेने का आह्वान किया। इसके अलावा भारत (india) में इस्लामी विरासत को बचाने में अपनी भूमिका निभाने की गुहार लगाई।