Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने इंडिया गठबंधन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस तरह का मामला चुनाव आयोग में उठाने की जरूरत है। अदालत इस मामले में सीधा कोई सुनवाई नहीं कर सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि जैसा कि याचिका में राजनीतिक नैतिकता की बात कही गई है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट (supreme court) राजनीतिक दलों की नैतिकता पर सुनवाई नहीं कर सकता। आपको चुनाव आयोग जाना चाहिए।
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बता दें कि पिछले महीने बंगलौर में विपक्षी दलों ने एक बैठक कर गठबंधन का नाम इंडिया डेवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलाइंस यानी इंडिया रखा था। इसके बाद कई लोगों ने इंडिया नाम पर आपत्ति दर्ज कराई थी। रोहित खंडेलवाल नामक एक वकील ने इस बाबत एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की और कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को इंडिया नाम रखे जाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। आज सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के जज संजय किशन कौल और सुधांशु धुलिया की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट का नहीं है। आप इसे लेकर चुनाव आयोग जा सकते हैं। इसके लिए हम सही व्यक्ति नहीं हैं।
दरअसल याचिकाकर्ता ने अपनी दलील में कहा कि राजनीतिक दलों में खुद को ज्यादा राष्ट्रवादी दिखाने की होड़ लगी हुई है। तब कोर्ट ने कहा कि इस होड़ को कोर्ट नियंत्रित नहीं कर सकता। इस पर याचिकाकर्ता ने राजनीतिक नैतिकता का सवाल उठाते हुए कहा कोर्ट को राजनीतिक नैतिकता पर तो हस्तक्षेप करना चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि हम राजनीतिक नैतिकता पर सुनवाई नहीं कर सकते।
फिर याचिकाकर्ता ने कहा कि विपक्षी गठबंधन के नाम को लेकर कुछ लोगों ने चुनाव आयोग को भी शिकायत की है। वकील ने यह भी कहा कि कुछ लोगों ने दिल्ली हाई कोर्ट में भी याचिका दाखिल की है। वहां भी इस मामले में एक याचिका लंबित है। इस पर कोर्ट ने साफ़ तौर से कहा कि आप चुनाव आयोग जाइये। तब याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका को वापस लेते हुए कहा हम याचिका को वापस लेते है ताकि दूसरा कोई क़ानूनी विकल्प ढूंढा जाए। अदालत ने इसकी इजाजत दे दी।