CM Himanta Bishwa Sarma: जिंदगी भर कांग्रेस के साथ रहे हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Vishwa Sarma) बीजेपी में गए और सीएम बन गए। उनके जैसा भाग्य बहुत कम को ही मिलता है। भीतर से वे भी इस बात को समझ रहे हैं। जब तक कांग्रेस में रहे बीजेपी के निशाने पर रहे, कई बार उनके ऊपर बीजेपी वालों ने हमला किया कर भ्रष्ट नेता तक कहा। जांच की भी बात हुई। सरमा पर डोरे डाले गए। हड़काया गया और एक दिन वे बीजेपी के साथ हो लिए। पूर्वोत्तर राजनीति अचानक बदल गई। वहां हिंदुत्व की लहर जगी और फिर देखते-देखते सरमा अचानक हिंदुत्व के ब्रांड बन गए। कई लोग तो यह भी कहते हैं कि जितना हिंदुत्व का जाप योगी जी नहीं करते उससे ज्यादा जाप सरमा करते हैं। असम अब हिंदुत्व का अखाड़ा बन गया है। बीजेपी की जमीन मजबूत हो गई है। असम के साथ ही पूर्व पार्टी की राजनीति में बीजेपी की जो पैठ बढ़ी है उसमें सरमा की भूमिका सबसे बड़ी है। दिल्ली में बैठे बीजेपी के बड़े नेताओं के बीच भी सरमा ( CM Sarma) की चर्चा होती है। सरमा बीजेपी के कुछेक बड़े नेताओं में अपना स्थान रखते हैं।
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लेकिन समय की गति को कौन जाने ! समय तो कुछ देखता नहीं। वह तो अपनी गति पर लगातार चलता ही रहता है। समय परिवर्तनशील है यह सरमा भी जानते हैं। लगता है अब समय उनके खिलाफ हाे गया है। कांग्रेस वाले गौरव गोगई ने पूरे दस्तावेज के साथ सरमा पर आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी ने बड़ा घोटाला किया है। यह घोटाला दस करोड़ रुपये का है। उधर सरमा ने दावा किया है की यह सभी आरोप गलत हैं और साबित हुए तो वे सार्वजानिक जीवन से त्याग कर देंगे। अब बड़ा सवाल यह है कि इस तरह की कसम खाने वाले न जाने कितने, कोई त्याग नहीं किया है।
कई नेताओं ने तो यह भी कहा था कि किसी की जीत हार के बाद बाल मुड़वा लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज जितने नेता जेल में बंद है वे भी यही कहते हैं। संभव है कि कुछ नेताओं के खिलाफ तंत्र और विपक्ष की राजनीति चलती हो और वे परेशान हों लेकिन अधिकतर मामले में यही देखा गया है कि जब कोई नेता गलत आचरण में पकड़ा जाता है तो वह यही कहता है कि साबित हुआ तो राजनीति छोड़ देंगे। लालू यादव ने भी कुछ ऐस ही कहा था। बीजेपी के भी कई लोग इसी तरह की बात पूर्व में कह चुके हैं।
तो सरमा भले ही कई तरह के तर्क दे रहे हों लेकिन जो कागजात सामने रखे गए हैं वे तो सरकारी कागजात ही हैं। उस कागजात को तो कांग्रेस ने तैयार नहीं किये हैं। वे कागजात आज भी सरकारी पोर्टल पर उपलब्ध हैं। फिर झूठ कौन बोल रहा है?
दरअसल, कांग्रेस ने दो दिन पहले यह आरोप लगाया था कि एक मनोरंजन कंपनी जिसके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ( CM Sarma) की पत्नी जुड़ी हुई है, को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय से एक विशेष केंद्रीय योजना के तहत कर्ज से जुड़ी सब्सिडी के तौर पर दस करोड़ मिले है। हालांंकि बीजेपी नेता ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया है।
इधर कांग्रेस ने इस मामले को और आगे बढ़ाते हुए कहा है कि वर्ष 2021 में सरमा के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी पत्नी रिंकी भुइंया सरमा की कंपनी ने असम के नौगांव में 50 बीघा कृषि भूमि खरीदी और इस खरीद के कुछ दिनों बाद ही इस भूखंड को औद्योगिक भूमि में तब्दील कर दिया गया। कांग्रेस ने दावा किया है कि कंपनी की वेवसाइट के मुताबिक यह मीडिया क्षेत्र में काम करती है लेकिन इसे किसान सम्पदा योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा अनुदान दिया गया।
कांग्रेस ने कहा है कि देश के किसान आज भी भूखे मर रहे हैं और सरकार की योजना का लाभ आम किसानों को नहीं मिल रहा लेकिन असम के सीएम की पत्नी एक बार में ही दस करोड़ का लाभ कमा रही है। यह तो बेहतर योजना है। कांग्रेस का यह आरोप अब आगे तक चलेगा। संभव है कि इसकी जांच भी हो।