Agniveer Update Today: भारतीय सेना ने DMA को सिफारिशें भेजी हैं कि यदि अग्निवीर शहीद होते हैं तो उनके परिवारों को पेंशन मिलनी चाहिए या उनके किसी भी सदस्य के 50% को स्थायी नौकरी मिलनी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने तकनीकी शाखा की आयु सीमा बढ़ाने का भी सुझाव दिया है। लोकसभा चुनाव (Loksabha election) के दौरान कांग्रेस ने पुरानी भर्ती प्रक्रिया को बहाल करने का वादा किया था।
भारतीय सेना ने सुझाव दिया है कि शहीद (युद्ध में मारे गए) अग्निवीर के परिवार को पेंशन के रूप में सहायता मिलनी चाहिए। इसके अलावा, सेना की सिफारिशों के मुताबिक, कम से कम 50% अग्निवीरों को स्थायी (permanent) बनाया जाना चाहिए। अभी, अग्निपथ प्रणाली के तहत केवल 25% अग्निवीर ही स्थायी (permanent) हो सकते हैं।
लगभग 4 महीने तक सेना अपनी सभी यूनिट से अग्निपथ स्कीम और अग्निवीरों को लेकर फीडबैक लिया और सेना के अंदर ही पूरा सर्वे कराया। सेना ने कुछ दिनों पहले ही फीडबैक और सर्वे टिप्पणियों और सर्वेक्षण के आधार पर, सेना ने कुछ दिन पहले सैन्य मामलों के विभाग (DMA) को सिफारिशें भेजी थीं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ DMA प्रमुख होता है। सूत्रों का दावा है कि सुझाव में अग्निवीर के शहीद होने की स्थिति में उसके परिवार को गुजारा भत्ता देने की बात कही गई है।
सिफारिश के मुताबिक, अग्निवीर को देश की सेवा करते हुए अक्षम होने पर अनुग्रह राशि या वित्तीय सहायता भी मिलनी चाहिए। अभी अग्निपथ स्कीम में अग्निवीर के लिए इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। सेना की सिफारिश है कि हर बैच में कम से कम 50 पर्सेंट अग्निवीरों को परमानेंट किया जाना चाहिए। इसके साथ ही टेक्निकल आर्म में अग्निवीरों की अधिकतम ऐज बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है। सूत्रों के मुताबिक सेना की तरफ से अग्निवीर का कार्यकाल 4 साल से बढ़ाने जैसी कोई सिफारिश नही की गई है.
जून 2022 में जब भारतीय सेना ने अग्निपथ कार्यक्रम को अपनाया तो पिछली भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह समाप्त हो गई। अग्निपथ कार्यक्रम के तहत, अग्निवीर ही सेना में भर्ती होने वाले लोग हैं। स्कीम लागू होने के साथ ही इसे लेकर सवाल भी उठने लगे और इसका विरोध भी होने लगा। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव (Loksabha election) में कांग्रेस (congress) ने अपने घोषणापत्र में वादा किया था कि सरकार में आने पर वे अग्निपथ स्कीम को खत्म कर पुराने भर्ती सिस्टम को लागू करेंगे।
विपक्ष को नहीं पसंद सरकार की नई स्कीम
इंडिया एलायंस ने पहले संसद सत्र के दौरान नियमित सैनिकों और अग्निवीरों के बीच भेदभाव का विषय उठाया तथा अग्निपथ प्रणाली का विरोध किया। कई रिटायर्ड ऑफिसर कह चुके हैं कि अग्निपथ स्कीम सेना की ऑपरेशनल क्षमता और युद्ध लड़ने की योग्यता को कम करेगी। सोशल मीडिया (social media) प्लेटफॉर्म पर नौसेना के पूर्व चीफ एडमिरल केबी सिंह ने कहा कि अग्निपथ योजना की शुरुआत का लक्ष्य पेंशन की लागत को कम करना था। हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों से वाकिफ हर कोई जानता है कि यह योजना वास्तव में युद्ध की प्रभावशीलता को कम करेगी।